बिटकॉइन कैश

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पीयर-टू-पीयर बिटकॉइन कैश इलेक्ट्रॉनिक कैश
बिटकॉइन कैश ने दुनिया में लाजवाब पैसा लाया है। व्यापारी और उपयोगकर्ताओं को कम शुल्क और विश्वसनीय पुष्टि के साथ सशक्त हैं। भविष्य में अप्रतिबंधित वृद्धि, वैश्विक अपनाने, अनुमतिहीन नवाचार और विकेन्द्रीकृत विकास के साथ चमकती है
ब्लॉक 478558 के रूप में सभी बिटकॉइन धारक भी बिटकॉइन कैश के मालिक हैं। हम सभी को पूरी दुनिया के लिए सुलभ ध्वनि पैसे बनाने में आगे बढ़ने के लिए बिटकॉइन कैश समुदाय में शामिल होने के लिए सभी का स्वागत है।
बिटकॉइन कैश का उपयोग क्यों करें?
दुनिया में कहीं भी पैसा भेजें, लगभग मुफ्त में
बिटकॉइन कैश के साथ, आप दुनिया में कहीं भी, 24 घंटे एक दिन, 365 दिन एक वर्ष में किसी को भी पैसा भेज सकते हैं। इंटरनेट की तरह ही, नेटवर्क हमेशा चालू रहता है। कोई लेनदेन बहुत बड़ा या बहुत छोटा नहीं है। और आपको किसी की अनुमति या अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।
आपका अपना बैंक हो और आपके पैसे पर पूरा नियंत्रण हो
साइप्रस में और ग्रीस में लगभग खाताधारकों से पूंजी जब्त करना ("बेल-इन"), यह दर्शाता है कि बैंक जमा केवल उतने ही सुरक्षित हैं जितना कि राजनीतिक नेता तय करते हैं। यहां तक कि सबसे अच्छी परिस्थितियों में, बैंक गलतियां कर सकते हैं, फंड होल्ड कर सकते हैं, खाते फ्रीज कर सकते हैं और अन्यथा आपको अपने स्वयं के पैसे तक पहुंचने से रोक सकते हैं।
बैंक आपके लेनदेन को अवरुद्ध करने, आपसे बिटकॉइन कैश शुल्क वसूलने, या बिना किसी चेतावनी के अपना खाता बंद करने का निर्णय भी ले सकते हैं। बिटकॉइन कैश आपको अपने फंड पर पूर्ण, संप्रभु नियंत्रण प्रदान करता है, जिसे आप दुनिया में कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं।
एक दुर्लभ डिजिटल मुद्रा जिसकी एक ज्ञात, निश्चित आपूर्ति है।
बिटकॉइन कैश प्रोटोकॉल सुनिश्चित करता है कि अस्तित्व में 2.1 करोड़ से अधिक सिक्के कभी नहीं होंगे। सरकारें लगातार हवा में से पैसा छाप सकती हैं, जिससे महँगाई बड़ती है और लोगों की बचत का अवमूल्यन होता है। बिटकॉइन कैश की एक निश्चित आपूर्ति है और इसलिए यह ठोस धन का प्रतिनिधित्व करता है।
अपनी गोपनीयता बढ़ाएँ और गुमनाम रूप से काम करें
बिटकॉइन कैश बैंक ट्रान्सफर और क्रेडिट कार्ड जैसी पारंपरिक भुगतान प्रणालियों की तुलना में अधिक गोपनीयता और गुमनामी प्रदान करता है, क्योंकि यह जानना आम तौर पर असंभव है कि बिटकॉइन पते को कौन नियंत्रित करता है।
बिटकॉइन कैश की गोपनीयता के विभिन्न स्तर इसके उपयोगों पर निर्भर करते है। गोपनीयता उद्देश्यों के लिए बी. सी. ऐच का उपयोग करने से पहले अपने आप को अच्छी तरह से शिक्षित करना महत्वपूर्ण है।
विशेष छूट का आनंद लें
कई व्यापारी बिटकॉइन कैश में भुगतान करने के लिए छूट प्रदान करते हैं, क्योंकि यह क्रेडिट कार्ड शुल्क को समाप्त करता है और इस नए भुगतान प्रणाली को अपनाने में मदद करता है।
एक ब्लॉकचेन पर टोकन का भंडारण और प्रबंधन, पारंपरिक रूपों में संपत्ति के लेखांकन और व्यापार की तुलना में, अधिक पारदर्शिता और अखंडता प्रदान करता है। बिटकॉइन कैश टोकन प्रोटोकॉल का समर्थन करता है जो विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं को योग्य करता है, और इस पर अपने स्वयं के टोकन समर्थित प्रोजेक्ट बनाना आसान है।
दुनिया भर में स्वतंत्रता का समर्थन करें
बिटकॉइन कैश एक अनुमति रहित, ओपन नेटवर्क है। यह आपको दखल के बिना अपने साथी जन के साथ जुड़ने की क्षमता देता है। यह विकेंद्रीकृत, स्वैच्छिक और गैर-आक्रामक है। जैसे-जैसे उपयोग बढ़ता है, पुरानी प्रतिष्ठान संरचनाएं नष्ट होंगी, जबकि नए विचार खिलेंगे। यह दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी शांतिपूर्ण क्रांति में प्रवेश करने में मदद कर सकता है।
व्यापारियों के लिए लाभ
बिटकॉइन कैश लेनदेन के लिए नेटवर्क शुल्क एक पैसा डॅलर से भी कम है। अगर आप अपने बिटकॉइन कैश को फिएट करेंसी, जैसे अमेरिकी डॉलर, में बदलना चाहते हैं, तो आप ऐसा मर्चेंट प्रोसेसर के ज़रिए कर सकते हैं, जिसकि फीस भी क्रेडिट कार्ड प्रोसेसिंग से बहुत कम है।
क्रेडिट कार्ड के विपरीत, कभी भी कोई स्वचालित निरस्तता, रिफंड, बिटकॉइन कैश शुल्क-वापसी या अन्य अप्रत्याशित शुल्क नहीं होते हैं। व्यापारी को बिना किसी लागत के धोखाधड़ी निरोधक प्रणाली बनायी गयी है।
संरक्षक की बढ़ती संख्या बिटकॉइन कैश को पसंदीदा भुगतान विधि के रूप में चुन रही है। वे व्यापारियों का पक्ष लेते हैं जो इस भुगतान विकल्प की पेशकश करते हैं और सक्रिय रूप से उन्हें तलाशते हैं। संपर्क करें
फ्री मार्केटिंग और प्रेस
बिटकॉइन कैश को स्वीकार करके, व्यापारी वेबसाइट और ऐप निर्देशिकाओं में मुफ्त लिस्टिंग प्राप्त कर सकते हैं, और अधिक ग्राहक प्राप्त कर सकते हैं। वे इस नई प्रवृत्ति का लाभ उठा कर अपने व्यवसाय के लिए प्रेस उत्पन्न कर सकते हैं
बिटकॉइन कैश का इतिहास
अक्टूबर 2008 में, सातोशी नाकामोटो ने प्रसिद्ध श्वेतपत्र शीर्षक से प्रकाशित किया बिटकॉइन: एक पीयर टू पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम । 2009 में, उन्होंने पहला बिटकॉइन सॉफ़्टवेयर जारी किया, जो नेटवर्क को संचालित करता था, और यह कम शुल्क, और तेज़, विश्वसनीय लेनदेन के साथ कई वर्षों तक सुचारू रूप से संचालित होता था।
दुर्भाग्य से, 2016 से 2017 तक, बिटकॉइन तेजी से अविश्वसनीय और महंगा हो गया। ऐसा इसलिए था क्योंकि समुदाय नेटवर्क क्षमता बढ़ाने पर आम सहमति नहीं बना सका। कुछ डेवलपर्स को सतोशी की योजना के बारे में समझ और सहमति नहीं थी। इसके बजाय, उन्होंने पसंद किया कि बिटकॉइन एक समझौता पत्र बन जाए।
2017 तक, बिटकॉइन का प्रभाव 95% से घटकर 40% हो गया था, जो प्रयोज्य समस्याओं के प्रत्यक्ष परिणाम था। सौभाग्य से, बिटकॉइन समुदाय का एक बड़ा हिस्सा, जिसमें डेवलपर्स, निवेशक, उपयोगकर्ता और व्यवसाय शामिल हैं, अभी भी बिटकॉइन की मूल दृष्टि में विश्वास करते हैं बिटकॉइन कैश - एक कम शुल्क, सहकर्मी से सहकर्मी इलेक्ट्रॉनिक नकदी प्रणाली जो विश्व के सभी लोगों द्वारा उपयोग की जा सकती है।
1 अगस्त 2017 को, हमने अधिकतम ब्लॉक आकार को बढ़ाने का तार्किक कदम उठाया, और बिटकॉइन कैश का जन्म हुआ। उस समय (ब्लॉक 478558) बिटकॉइन रखने वाला कोई भी व्यक्ति बिटकॉइन कैश (BCH) का मालिक बन गया। नेटवर्क अब बड़े पैमाने पर भविष्य में वृद्धि की अनुमति देने के लिए चल रहे अनुसंधान के साथ 32 एमबी ब्लॉक तक का समर्थन करता है।
विकेंद्रीकृत विकास
सॉफ्टवेयर कार्यान्वयन प्रदान करने वाले डेवलपर्स की कई स्वतंत्र टीमों के साथ, भविष्य सुरक्षित है। बिटकॉइन कैश प्रोटोकॉल विकास पर राजनीतिक और सामाजिक हमलों के लिए प्रतिरोधी है। कोई एक बिटकॉइन कैश समूह या परियोजना इसे नियंत्रित नहीं कर सकती है। एकाधिक कार्यान्वयन भी यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरेक प्रदान करते हैं कि नेटवर्क 100% अपटाइम बनाए रखता है। संपर्क करें
बिटकॉइन-एमएल मेलिंग सूची उन बदलावों के प्रस्ताव बनाने के लिए एक अच्छा स्थान है, जिनमें आवश्यकता होती है विकास टीमों में समन्वय। बिटकॉइन कैश प्रोटोकॉल में बदलाव बिटकॉइन कैश को लागू करने के इच्छुक लोगों के लिए, शुरुआती सहकर्मी की समीक्षा करने और अन्य डेवलपर्स के साथ सहयोगात्मक रूप से जुड़ने की सिफारिश की जाती है।
Bitcoin तो ठीक है, ये Bitcoin Cash क्या है? समझिए ये दोनों क्रिप्टोकरेंसी कैसे हैं एक-दूसरे से अलग
Bitcoin दुनिया की सबसे पॉपुलर और मार्केट कैप के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है. इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी. वहीं, Bitcoin Cash 2017 में बिटकॉइन से अलग हुआ था, और यहां से एक अलग क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर आगे बढ़ा. लेकिन यह सब हुआ कैसे और क्यों? आइए समझते हैं.
Bitcoin और Bitcoin Cash दोनों अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बिटकॉइन और बिटकॉइन कैश (Bitcoin and Bitcoin Cash) दो अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं, ये एक दूसरे से अलग-अलग स्वतंत्र रूप से काम करती हैं और इनमें कुछ तकनीकी फर्क भी हैं. हालांकि हो सकता है कि आप बिटकॉइन कैश इन दोनों को इनके नाम या फिर टोकन सिंबल BTC (बिटकॉइन) और BCH (बिटकॉइन कैश) के नाम से न पहचानते हों. बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉपुलर और मार्केट कैप (Bitcoin's market cap) के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है. इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी. वहीं, बिटकॉइन कैश 2017 में बिटकॉइन से अलग हुआ था, और यहां से एक अलग क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर आगे बढ़ा. लेकिन यह सब हुआ कैसे और क्यों? आइए समझते हैं.
किस उद्देश्य से हुई थी बिटकॉइन की शुरुआत?
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कहा जाता है कि बिटकॉइन की शुरुआत सातोषी नाकामोतो के छद्म नाम से किसी शख्स या कई लोगों ने मिलकर की थी. इसकी शुरुआत असल में किसने की थी, उसकी असली पहचान अभी तक सामने नहीं आई है. जब बिटकॉइन का व्हाइट पेपर तैयार किया गया तो इसमें लक्ष्य था कि इलेक्ट्रॉनिक कैश का एक ऐसा peer-to-peer वर्जन बनाया जाए, जिसके तहत एक पक्ष दूसरे पक्ष के साथ बिना किसी सरकारी रेगुलेशन के ट्रांजैक्शन कर सके. इस बात के 12 साल हो गए बिटकॉइन कैश हैं और वो लक्ष्य एक विशाल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के रूप में खड़ा हो चुका है. इसकी शुरुआत उस डिजिटल टोकन बिटकॉइन से हुई.
किसी भी क्रिप्टकरेंसी को लेकर अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव की चिंता तो रहती ही है, एक और पेचीदगी होती इनके ट्रांजैक्शन में लगने वाला टाइम. दरअसल, बिटकॉइन में ट्रांजैक्शन पहले प्रोसेस होता है, फिर वेरिफाई होता है, फिर ब्लॉकचेन नाम से जाने जाने वाले डिजिटल लेजर यानी बहीखाते में दर्ज होता है, इस सबमें वक्त लग जाता है. जैसे उदाहरण के लिए समझिए- क्रेडिट कार्ड बिजनेस की ग्लोबल कंपनी Visa, एक सेकेंड में लगभग 1,700 ट्रांजैक्शन प्रोसेस करती है, लेकिन इस एक सेकेंड में बिटकॉइन के सात ही ट्रांजैक्शन पूरे हो पाते हैं. और अब जब ज्यादा से ज्यादा लोग बिटकॉइन में निवेश से जुड़ रहे हैं, तो इसके ट्रांजैक्शन की रफ्तार और धीमी हो रही है.
बिटकॉइन कैश की शुरुआत क्यों हुई?
बिटकॉइन की दुनिया में शुरुआत के सालों में तो शांति रही, लेकिन फिर कुछ ही वक्त में ये बड़ा और पॉपुलर होने लगा. लेकिन ये जितना बड़ा होता गया, करेंसी बनने के अपने शुरुआती लक्ष्य से अलग यह निवेश का माध्यम ज्यादा बन गया, इसलिए इस ओरिजिनल आइडिया का हवाला देकर 2017 में बिटकॉइन कैश की शुरुआत हुई. बिटकॉइन कैश, कई मामलों में बिटकॉइन जैसा है, लेकिन इसमें कई चीजें हैं, जो इसे 2009 में लिखे गए व्हाइट पेपर वाले वर्जन से ज्यादा मिलता-जुलता बनाती हैं.
सबसे बड़ा फर्क दोनों में ये है कि भले ही नाम दोनों का बहुत कुछ एक जैसा हो, ये दोनों बिल्कुल अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं.
बिटकॉइन और बिटकॉइन कैश अलग-अलग कैसे हैं?
यह देखने के लिए बहुत से लोग सबसे पहले दोनों को निवेश के माध्यम के तौर पर देखकर इनकी वैल्यू की तुलना करेंगे. 18 अगस्त, 2021 की दोपहर में 2-3 बजे के आसपास बिटकॉइन की कीमत 35 लाख से ऊपर दर्ज की जा रही थी, वहीं बिटकॉइन कैश बिटकॉइन कैश की 50,000. जाहिर सी बात है कि एक निवेशक के तौर पर कॉइन की कीमत उतनी अहम नही हैं, जितना कि ये देखना कि बाजार में उसकी कितनी वैल्यू है.
इनमें एक और बड़ा फर्क ये है कि बिटकॉइन की तुलना में बिटकॉइन कैश का ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होता है और डेटा ज्यादा जल्दी ट्रांसफर होता है, इसका मतलब है कि इसका इस्तेमाल एक वक्त पर ज्यादा लोग कर सकते हैं. लेकिन हां यहां बता दें कि बिटकॉइन कैश में निवेशकों का भरोसा अभी उतना नहीं है, जितना कि बिटकॉइन में.
बिटकॉइन कैश का अधिकतम ब्लॉक साइज 32MB है और बिटकॉइन का 1MB. इससे ये बिटकॉइन की तुलना में ज्यादा लचीला है और एक सेकेंड में बिटकॉइन की अपेक्षा ज्यादा ट्रांजैक्शन कर सकता है. इससे पर्यावरण पर बिटकॉइन की तुलना में कम असर पड़ता है. इससे एक करेंसी के तौर पर इसकी व्यावहार्यता यानी viability भी बढ़ती है. उसकी वेबसाइट पर बिटकॉइन कैश का दावा है कि वो एक सेकेंड में 200 ट्रांजैक्शन प्रोसेस करता है, जिससे कि ट्रांजैक्शन की लागत भी कम होती है.
Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है
Digital Rupee: 1 दिसंबर से RBI डिजिटल रुपया की लॉन्चिंग के साथ करेंसी के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. बहुत से लोग इसे देसी क्रिप्टोकरेंसी जैसा समझ रहे हैं. आइए जानते हैं डिजिटल बिटकॉइन कैश रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है. पहले ये सेवा देश के चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च की जा रही है.
अभिषेक मिश्रा
- नई दिल्ली,
- 01 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)
RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.
डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.
इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.
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क्या है डिजिटल रुपया?
इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.
इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.
यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.
आरबीआई ने डिजिटल रुपया को दो कैटेगरी में लॉन्च किया है. बैंक ने इसे जनरल पर्पज (रिटेल) और होलसेल दो रूप में पेश किया है. 1 नवंबर को RBI ने डिजिटल रुपया को होलसेल सेगमेंट में लॉन्च किया था.
क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है?
एक सवाल ये भी मन में आता है कि क्या डिजिटल रुपया भी क्रिप्टोकरेंसी ही है. वैसे तो ये है भी और नहीं भी. क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है. यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है.
वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है, एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसके सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा. यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है.
क्या हैं इसके फायदे?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में कहा था कि डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का मूल मकसद फिजिकल कैश मैनेजमेंट में ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना है. इसके अलावा डिजिटल रुपया का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम करने में किया जा सकेगा. साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की ओर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी.
जहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपया के साथ ऐसा नहीं होगा. इसमें आपको रुपये की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी. इसे उसी वैल्यू पर जारी किया गया है, जो आज हमारे रुपये की है. लोग डिजिटल रुपया को फिजिकल कैश में भी बदल सकेंगे. इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का कंट्रोल होगा.
कौन-कौन से बैंक हैं शामिल?
इस प्रोजेक्ट में 8 बैंक शामिल होंगे. शुरुआत में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. बाद में बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे.