विदेशी विनिमय बाजार का परिचय

डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं

डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं
डीमैट अकाउंट के नुकसान

डीमैट अकाउंट के नुकसान|Demat Account Disadvantages In Hindi

नमस्कार दोस्तो:आज तक आपने सिर्फ और सिर्फ डीमैट अकाउंट के फायदों के बारे में सुना होगा.लेकिन इस से होने वाले नुकसान के बारे में बहुत कम लोग बात करते है,इसलिए इसके बारे में जानकारी भी बहुत कम लोगो को होती है.तो आज के इस आर्टिकल में हम डीमैट अकाउंट के नुकसान बारे में बात करेंगे.तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.

डीमैट अकाउंट के नुकसान

Table of Contents

डीमैट अकाउंट के नुकसान

दोस्तो ये बात सही है की डीमैट अकाउंट होने से इन्वेस्टर्स और ट्रेडर की लाइफ आसान हो चुकी है.लेकीन हर सिक्के के दो पेहलु होते है,अगर अच्छी बाते होती है,तो बुरी बाते भी होती है.तो क्या होते है डीमैट अकाउंट के नुकसान ? चलिए एक एक करके इसे समझ लेते है.

डीमैट अकाउंट के नुकसान

डीमैट अकाउंट के नुकसान

1.Annual Maintenance Charge.(AMC)

दोस्तो काफी सारे रिसर्च करके अगर आपने अपना डीमैट अकाउंट ओपन किया है,तो एक बाद याद रखे इस डीमैट अकाउंट को ओपन करने के बाद आपको इसके सालाना कुछ चार्जेस Paid करने होते है.और उन चार्जेस को Annual Maintenance Charge जिसे शॉर्ट में AMC बोला जाता है.

जीतने सालो तक आप इस डीमैट अकाउंट की सर्विस को यूज करोगे.उतने हर साल तक आपको ये चार्जेस Paid करने होते है.और ये AMC चार्जेस 300 रुपए से लेकर 800 रुपए तक हो सकते है,डिपेंड करता है आपके स्टॉक ब्रोकर के उपर.

2. Account Freezing

काफी लंबे दिनों तक अगर आपने अपने डीमैट अकाउंट में log In नही किया है,तो आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज किया जा सकता है.

तो इस प्रॉब्लम से बचने के लिए आपको अपने डीमैट अकाउंट को हर एक Specific Time के बाद log In करके चेक करते रेहना चाहिए.ताकि आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज ना हो सके.

3.Technology की जानकारी ना होना.

जब भी टेक्नोलॉजी की बात आती है,तो इसके सिर्फ फायदों को देखा जाता है,लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है,इसके नुकसान भी हो सकते है.

पहिले के टाइम क्या होता था सारे काम पेपर वर्क में हुआ करते थे जैसे की,शेयर को इश्यू करने के बाद शेयरहोल्डर (मतलब शेयर खरीदने वाला आदमी) को शेयर सर्टिफिकेट दिया जाता था.और ये शेयर सर्टिफिकेट सबूत था आपके ओनरशिप का.इसलिए इन सर्टिफिकेट को संभाल कर रखना भी एक चैलेंजिंग काम भी था.

लेकिन उस वक्त के लोगो को इसकी आदत लग चुकी थी, लेकिन अब जमाना डिजिटल हो चुका है.सब कुछ मोबाइल और कंप्यूटर पर एक क्लिक में हो जाता है.तो इस डिजिटल प्रोसेस को समझ ना उनके लिए थोड़ा डिफिकल्ट हो गया है.

डिजिटल जमाना होने के चलते अगर आपको टेक्नोलॉजी का नॉलेज नही है,तो आपको काफी सारे प्रॉब्लम्स को फेस करना पड़ सकता है जैसे की,

आज के जमाने में अगर आपको अपना पोर्टफोलियो चेक करना नही आता ऑनलाइन तरीके से,तो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करना तो काफी दूर की बात है.

4.Additional Contract

दोस्तो कई बार क्या होता है,कुछ DP ( Depository Participate) को Dematorization की प्रोसेस को कंप्लीट करने के लिए अलग अलग स्टेजेस पर Additional Contract शामिल करने पड सकते है.जो इन्वेस्टर के Point Of You से एक कठिन प्रोसेस साबित हो सकती है.

5.डीमैट अकाउंट को चेक करते रहो.

किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास आपने अपना डीमैट अकाउंट ओपन किया है,तो आपके डीमैट अकाउंट की इनफॉर्मेशन उस ब्रोकर के पास भी होती है.इसलिए थोड़ा सावधान रहे.

क्युकी उन ब्रोकर के पास मार्केट को चलाने की पावर होती है.और एक डीमैट अकाउंट होल्डर होने के नाते आपको अपना डीमैट अकाउंट चेक करते रेहना चाहिए.ताकि डीमैट अकाउंट से कोई गलत लेनदेन (ट्रांजैक्शन) ना हो जाए.

वैसे नॉर्मली ऐसा नही होता,ब्रोकर्स को भी इस Competition के जमाने में अपना बिज़नस चलाना है,इसलिए वो बेस्ट से बेस्ट सर्विस अपने यूजर्स को देने की ट्राइ करते. लेकिन फिर भी सावधानी के लिए आपको अपनें डीमैट अकाउंट के ट्रांजैक्शन पर नजर रखना चाहिए.

Also Read:

डीमैट अकाउंट अच्छा है या बुरा ?

स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती ही है.और इसके कई सारे फायदे है,लेकिन फायदे के साथ कुछ नुकसान भी होते जिसके बारे में मैंने उपर आपको बताया है.तो इन नुकसान को अगर छोड़ दिया जाए तो डीमैट अकाउंट एक अच्छी चीज है.

क्या डीमैट अकाउंट बनाना सुरक्षित है?

डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?

डीमैट अकाउंट के दो प्रकार है फुल सर्विस ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर आप इन मैसे किसी भी ब्रोकर के पास जाकर डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हो.

क्या डीमैट अकाउंट में खाता खोलना फ्री है ?

नॉर्मली डीमैट ओपन करने के लिए कुछ चार्ज देने होते है,मगर कुछ ब्रोकर ऑफर के चलते पहिले साल के लिए फ्री में डीमैट अकाउंट ओपन करवा कर देते है.

Conclusion

दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (डीमैट अकाउंट के नुकसान) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.

अपने उन दोस्तो के साथ जरूर इस आर्टिकल को शेयर करो,जिन्हे Finance,Taxation, Economics डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं और Stock Market के बारे में कुछ न कुछ नया सिखना अच्छा लगता है.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.

दोस्तो एक जरूरी बात,अगर आपको हमारे वेबसाईट पर लिखे आर्टिकल पसंद आते है,और आप अपनी खुशी से हमारी टीम को कुछ Monetary Support करना चाहते हो,तो आप UPI ID ( [email protected] ) या फिर QR Codes के जरिए हमें सपोर्ट कर सकते हो.

डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं

  • Email : [email protected]

स्टॉक में निवेश कैसे करें (How to Invest in Stocks)

Home / स्टॉक में निवेश कैसे करें (How to Invest in Stocks)

स्टॉक में निवेश कैसे करें (How to Invest in Stocks)

Table of Contents

स्टॉक में निवेश कैसे करें (How to Invest in Stocks)

स्टॉक में निवेश :– निवेशक सीधे तौर पर स्टॉक में निवेश नहीं कर सकता है, इसके लिए Demat Account और Trading Account की जरुरत पड़ती है, जो कि ब्रोकर( Brokers) कम्पनी के द्वारा खोला जा सकता है, ब्रोकर( Brokers) दो प्रकार के है:-

  • पूर्ण सेवा दलाल(Full Service Brokers)
  • डिस्काउंट सेवा दलाल (Discount Service Brokers)

स्टॉक या म्यूचुअल फंड के शेयरों में निवेश करने के लिए शेयर बाजार एक अच्छी जगह है। आप 1,000 (रुपए) प्रति महिना से शुरु कर सकते हैं। आप अपने पैसे को नियमित रूप से निवेश करके समय के साथ इसे कई गुना बढ़ा सकते हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सके निवेश शुरू कर देना चाहिए, और निवेश के पैसे को नियमित लगाकर लाभ प्राप्त करने के बारे में आप बहुत कुछ सीख सकते हैं और सीखना चाहिए।

दलाल ( Brokers)

पूर्ण-सेवा दलाल (Full Service Brokers) फुल सर्विस ब्रोकर को ट्रेडिशनल ब्रोकर के नाम से भी जाना जाता है, ये एक स्टॉक ब्रोकर होते हैं जो निवेशकों के ट्रेड को सुविधाजनक बनाने के लिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, वित्तीय योजना, धन प्रबंधन, एडवाइस, रिसर्च, स्टॉक टिप्स, ऑफलाइन सपोर्ट आदि प्रकार की सुविधा प्रदान करवाते हैं ।

फुल सर्विस ब्रोकर अपने ग्राहकों को क्या सेवाएँ देते हैं ।

  • फुल सर्विस ब्रोकर अपने ग्राहकों को धन प्रबंधन, ट्रेडिंग टिप्स, मार्केट रिपोर्ट डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं आदि प्रकार की सभी सुविधाएं देते हैं ।
  • फुल सर्विस ब्रोकर -अपने ग्राहकों को शेयर खरीदने और बेचने की सलाह भी देते हैं ।
  • फुल सर्विस ब्रोकर इसके अतिरिक्त पोर्टफोलियो विश्लेषण और संपत्ति योजना, कर सलाह, आईपीओ शेयरों तक पहुंच, विदेशी बाजारों तक पहुंच ये सारी सुविधायें अपने ग्राहकों को देते हैं ।
  • फुल सर्विस ब्रोकर -अपने ग्राहकों के लिए सलाहकार का भी काम करते हैं, जब मार्केट में उथल –पुथल होती है, तो पूर्ण सेवा ब्रोकर निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदद करते हैं ।
  • फुल सर्विस ब्रोकर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से अपने ग्राहकों के साथ संचार करते हैं, किसी भी प्रकार की समस्या के लिए ग्राहक फोन कॉल के माध्यम से ब्रोकर से संपर्क कर सकते हैं।
  • फुल सर्विस ब्रोकर- डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं अपने ग्राहकों से Annually Maintenance Charge लेते हैं ।

डिस्काउंट ब्रोकर्स (Discount Service Brokers) डिस्काउंट ब्रोकर एक ऐसा स्टॉक ब्रोकर होता है जो फुल सर्विस ब्रोकर की तुलना में बहुत कम या फ्लैट ब्रोकरेज पर आर्डर खरीदने और बेचने का काम करता है, डिस्काउंट ब्रोकर बहुत कम कमीशन पर निवेशकों को स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने की सुविधा देते हैं।

डिस्काउंट ब्रोकर अपने ग्राहकों को क्या सेवाएँ देते हैं ।

  • डिस्काउंट ब्रोकर प्रत्येक ट्रेडिंग का एक Flat चार्ज लेते हैं, 10 या 20 रूपये एक आर्डर पर, लेकिन एक फुल सर्विस ब्रोकर ट्रेडिंग लेनदेन Value के आधार पर एक विशिष्ट प्रतिशत कमीशन लेते हैं ।
  • डिस्काउंट ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए बहुत कम दाम में Demat Account और Trading Account खुलवाते हैं, और ट्रेडिंग के लिए एक यूजर फ्रेंडली प्लेटफार्म प्रदान करते हैं ।
  • कुछ – कुछ डिस्काउंट ब्रोकर Demat Account और Trading Account फ्री में भी Open कर देते हैं ।
  • ट्रेडिंग के लिए निवेशक को एक फ़ास्ट और यूजर फ्रेंडली प्लेटफार्म प्रदान करते हैं ।
  • अधिकतर डिस्काउंट ब्रोकर अपने ग्राहकों से Annually Maintenance Charge नहीं लेते हैं ।

स्टॉक निवेश के बारे में सबसे महत्वपूर्ण टिप्स (Important tips about stock investing)

यदि आप शेयरों में निवेश करने के लिए इच्छुक हैं, तो आप स्टॉक चुनते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें:-

  • आप एक कंपनी के स्टॉक खरीद रहे हैं । किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने का प्राथमिक कारण यह है कि कंपनी लाभ कमा रही है और आप उसकी दीर्घकालिक सफलता में भाग लेना चाहते हैं।
  • यदि आप एक स्टॉक खरीदते हैं जब कंपनी लाभ नहीं कमा रही है, तो आप निवेश नहीं कर रहे हैं – आप अनुमान लगा रहे हैं।
  • एक स्टॉक डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं सामान्य रूप से कभी भी आपकी संपत्ति का 100 प्रतिशत नहीं होना चाहिए। जिसे लंबे समय तक कीमतों में गिरावट वाले बाजार के रूप में स्टॉक बिल्कुल भी अच्छा निवेश नहीं है। बाजार लाभदायक कंपनियों के लिए खरीदारी के अवसर प्रदान कर सकता है।
  • एक स्टॉक की कीमत कंपनी पर निर्भर होती है, जो बदले में उसके कार्य क्षमता पर निर्भर होती है, जिसमें उसका ग्राहक आधार, उसका उद्योग, सामान्य अर्थव्यवस्था और राजनीतिक माहौल शामिल होता है।
  • अगर आप किसी अच्छे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना चाहते है तो आपको एक अच्छा निवेशक सलाहकार की जरुरत पड़ेगी और आपकी समझ एक अच्छा स्टॉक चुनने में सहायक हो सकती है
  • अगर आप लंबी अवधि के लिए स्टॉक खरीदना चाहते है, तो अपने स्टॉक की निगरानी करना जारी रखें, अगर सामान्य आर्थिक स्थिति बदल गई है तो उन्हें बेचने पर विचार करें।

स्टॉक में निवेश करने से पहले महत्वपूर्ण कंपनी के बुनियादी सिद्धांतों की जाँच करना (Checking important company fundamentals before investing in a stock)

स्टॉक खरीदने से पहले, उन कंपनियों पर कुछ शोध करें जिनमें आप निवेश करने की सोच रहे हैं। कंपनी के आय विवरण और बैलेंस शीट को देखते समय निम्नलिखित प्रमुख घटकों पर ध्यान दें:-

  • कमाई(Earnings): यह संख्या एक साल पहले की तुलना में कम से कम 10 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए।
  • बिक्री(Sales): यह संख्या एक साल पहले की तुलना में अधिक होनी चाहिए।
  • ऋण(Debt): यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम या लगभग समान होनी चाहिए। यह भी कंपनी की संपत्ति से कम होना चाहिए।
  • इक्विटी(Equity): यह संख्या एक साल पहले की तुलना में अधिक होनी चाहिए।

जोखिम के लिए अपनी सहनशीलता को तय करें(Define Your Tolerance for Risk)

जोखिम के लिए आपकी सहनशीलता क्या है एक बार जब आप अपनी जोखिम सहनशीलता निर्धारित कर लेते हैं, तो आप अपने निवेश को उन शेयरों पर सेट कर सकते हैं जो इसके पूरक हैं। स्टॉक को विभिन्न तरीकों से वर्गीकृत किया जाता है, जैसे कि लार्ज कैप, स्मॉल कैप स्टॉक, मिड कैप आदि। सभी के जोखिम के विभिन्न स्तर पर हैं।

निवेश का लक्ष्यों पर निर्णय (Decide on Your Investment Goals)

डीमैट अकाउंट खोलने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

ज्यादातर फाइनैंशल प्लानर्स यह अडवाइज देते हैं कि अगर आप इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं तो स्टॉक की जगह म्यूच्यूल फंड्स में निवेश करना बेहतर होता है।

1

प्रतीकात्मक चित्र

निवेश करने के लिए आपके पास तीन चीजें होनी चाहिए- बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट। डीमैट अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट जैसा ही होता है। आप यह अकाउंट ऑनलाइन भी खोल सकते हैं। ऑनलाइन अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होता है।

आप अपने बैंक सेविंग्स अकाउंट से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। आप अपने ट्रेडिंग अकाउंस से भी सिक्यॉरिटीज खरीद और बेच सकते हैं। डीमैट अकाउंट एक ऐसा बैंक है जिसमें खरीदे गए शेयर जमा होते हैं और जहां से शेयर बेचने के लिए निकाले जाते हैं।

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक ही इंस्टिट्यूशन से हो तो डिलवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (DIS) की मदद से शेयरों की ऑफलाइन खरीद या बिक्री आसान हो जाती है। DIS बैंक के चेक जैसा ही होता है।

आपको बस ध्यान रखना होगा कि आप हर ट्रांजैक्शन के लिए पे करते हैं, इसलिए यह आप पर निर्भर करता है कि आप जल्दी-जल्दी ट्रेड करना चाहते हैं या लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं।

आप उसी प्लान को चुनें जो आपकी जरूरत के अनुसार हो। इसमें सबसे बेसिक प्लान फ्लैट प्राइसिंग बेसिक प्लान होता है। इस प्लान में ब्रोकरेज हमेशा एक जैसा बना रहता है।

एक अकाउंट खोलते वक्त आपको सिक्यॉरिटी की ट्रांसफर, ट्रेड के सेटलमेंट, क्लाइंट के बैंक अकाउंट डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं से फंड लेने और ब्रोकर से अमाउंट रिकवर करने के लिए स्पेसिफिक पावर ऑफ अटॉर्नी पर भी साइन करना होता है। इस पीओए में बैंक और डीमैट अकाउंट से जुड़ी जानकारियां होती हैं।

एक बार जब आपको निवेश से जुड़े बेसिक रूल्स पता चल जाए तो आप शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट की जगह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को चुने और हमेशा सही फैसला ले।

NSE Glitch: जेरोधा ने कहा पेनाल्टी और शॉर्ट डिलिवरी से बचने के लिए ट्रेड किए स्क्वैयर ऑफ

NSE ने बताया है कि उन्हें भी अब अपने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और वेंडर्स की ओर से इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है.

  • राहुल ओबरॉय
  • Publish Date - February 25, 2021 / 07:31 PM IST

NSE Glitch: जेरोधा ने कहा पेनाल्टी और शॉर्ट डिलिवरी से बचने के लिए ट्रेड किए स्क्वैयर ऑफ

देश के दिग्गज डिस्काउंट ब्रोकर जेरोधा ने NSE के डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं 24 फरवरी के टेक्निकल ग्लिच की वजह से वायदा एक्सपायरी से एक दिन पहले हुए घाटों को लेकर नाराजगी सोशल मीडिया पर बयान किया है.

NSE ने 11.40 पर ट्रेडिंग रोक दी थी और इस रुकावट के लिए एक्सचेंज ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को दोष दिया था. दरअसल ये दिक्कत सुबह 10 बजे के कुछ समय बाद आई जिससे निफ्टी का स्तर अपडेट नहीं हो रहा था. 11.40 पर NSE ने कैश और F&O सेगमेंट दोनों में ट्रेडिंग रोक दी थी, हालांकि BSE पर कामकाज आम दिन जैसे चलता रहा.

एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, “@NSEIndia – आज के नुकसान की भरपाई कौन करेगा और @zerodhaonline ने @BSEIndia पर मेरी पोजिशन को 3.14 पर क्यों स्क्वेयर ऑफ किया गया जब NSE ने ट्रेडिंग का समय बढ़ाकर 5 बजे कर दिया था?”

वहीं एक और ने लिखा, “मैं सभी से ये कहना चाहता हूं कि जो भी @zerodhaonline से ठगा महसूस कर रहे हैं वे अपने घाटे का स्क्रीनशॉट लेकर पोस्ट करें – इन्होंने BSE पर मेरे MIS पोजिशन को NRML में स्क्वेयर ऑफ कर दिया – वो भी मेरी मर्जी के बिना. मुझे 3,197.45 का घाटा हुआ है.”

जब NSE पर ट्रेडिंग रुकी थी, कई पार्टिसिपेंट BSE पर इक्विटी में नई खरीदारी और बिक्री कर पा रहे थे. NSE पर ट्रेड होने वाले तकरीबन सभी शेयर BSE पर भी ट्रेड होते हैं. इसलिए जो लोग इक्विटी में नई खरीदारी करना चाहते थे उनके लिए कोई दिक्कत की बात नहीं थी. हालांकि ऐसे कस्टमर्स जो NSE पर वायदा और इक्विटी में MIS और CO के जरिए इंट्राडे ट्रेड करते हैं वे अपनी पोजिशन से नहीं निकल पाए.

अपने कदम पर सफाई देते हुए जेरोधा ने कहा, “NSE पर F&O के इंट्राडे ट्रेड पोजिशन को लेकर हम कुछ नहीं कर सकते थे, करीब 2.30 बजे हमने सभी कस्टमर्स को मैसेज भेजा कि हम सभी BSE पर सभी इंट्राडे NSE पोजिशन को एक्जिट कर देंगे. ये बेहद जरूरी था (और हमारे क्लाइंट्स के हित में भी) क्योंकि इन पोजिशंस को रातभर होल्ड करने से शॉर्ट डिलिवरी और बड़ा ऑक्शन पेनाल्टी लग सकता था.”

@NSEIndia-Who will compensate for today’s loss and why did @zerodhaonline?/@ZerodhaVarsity /@TradersZerodha/@Nithin0dha squared off my position in @BSEIndia at 3.14pm at a lower price when @NSEIndia extended it’s trading hour till 5pm?#nseindia #nseglitch #NSE #zerodha #nsedown

— AKSHAYSINH YADAV13🇮🇳 (@AKSHAYYADAV131) February 24, 2021

डिस्काउंट ब्रोकर ने कहा, “NSE की ओर से री-ओपन होने की संभावना या सेशन बढ़ाने को लेकर कोई अपडेट नहीं आया था, करीब 3.10 बजे हमने BSE पर सभी NSE MIS और CO पोजिशन को NRML प्रोडक्ट टाइप में स्क्वेयर ऑफ कर दिया.”

I will urge everyone feeling cheated today by @zerodhaonline to post the losses screenshot ..they auto squared my MIS position to NRML in BSE without my consent and I lost 3197.45..tagging @FinMinIndia @CNBC_Awaaz @ZeeBusiness @nsitharaman #zerodha pic.twitter.com/2gMZHObqO9

— Anant Prakash Singh (@ExpenseModi) February 24, 2021

ऐसी असाधारण परिस्थिति की वजह से जेरोधा ने 24 फरवरी को सभी इंट्राडे इक्विटी और F&O स्क्वेयर ऑफ ऑर्डर्स पर से 50 रुपये का स्क्वेयर ऑफ चार्ज भी हटा दिया.

जेरोधा ने कहा कि, “3.17 के करीब जब हमने सभी इंट्राडे इक्विटी पोजिशन को अन्य ब्रोकर्स की ही तरह स्क्वेयर ऑफ कर दिया था, NSE ने अचानक ही ब्रोकर्स को जानकारी दी कि वो 3.30 पर ट्रेडिंग (प्री-ओपन) के लिए खुलेंगे और सेशन 3.45 से 5 बजे तक ट्रेडिंग चलेगी. बढ़े हुए ट्रेडिंग सेशन से F&O कस्टमर्स को अपनी पोजिशन से एक्जिट लेने का मौका जरूर मिला, इससे कई ग्राहकों में कंफ्यूजन हुआ जिनकी पोजिशन को स्क्वेयर ऑफ किया जा चुका था.”

जेरोधा ने आगे बताया कि अगर NSE ने ब्रोकर्स को री-ओपन होने या ट्रेडिंग का समय बढ़ने की संभावना की जानकारी कम से कम 3 बजे तक दे दी होती तो उन्हें जोखिम कम करने के लिए BSE पर पोजिशन को स्क्वेयर ऑफ नहीं करना पड़ता.

ब्रोकरेज ने कहा, “बदकिस्मती से, क्योंकि ब्रोकर्स को कोई अपडेट नहीं दिया गया था, हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था. 3.17 बजे जैसे लास्ट-मिनट पर एक्सटेंशन के नोटिफिकेशन आने में थोड़ी देर हो चुकी थी.”

वहीं, दूसरी तरफ एंजेल ब्रोकिंग ने अपने ब्लॉग में कहा कि उन्होंने BSE पर सभी इंट्राडे कैश पोजिशन को स्क्वैयर ऑफ करने के बजाय एक्सचेंजों और SEBI से जानकारी मिलने का इंतजार किया.

इस बीच, 25 फरवरी को सबसे बड़े एकस्चेंज NSE ने कहा कि “ऑनलाइन रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम में आई दिक्कत के चलते 24 फरवरी को लगभग 4 घंटे कारोबार को बंद कर दिया.”

NSE ने बताया डिस्काउंट ब्रोकर क्या सर्विस नहीं देते हैं है कि उन्हें भी अब अपने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और वेंडर्स की ओर से इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है.

ट्रेडिंग रुकने की स्थिति पर सफाई देते हुए NSE ने कहा कि उनके पास दो सर्विस प्रोवाइडर्स के कई टेलीकॉम लिंक्स हैं जिससे कोई दिक्कत ना हो. और इन दोनों टेलीकॉम प्रोवाइडर्स ने सभी लिंक्स में अस्थिरता की सूचना दी.

रेटिंग: 4.93
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 385
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *