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ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं

ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं

Intraday Trading क्या होती है (संपूर्ण जानकारी) | Intraday Trading कैसे करे 2022

आज के समय में शेयर मार्केट से काफी लोग जुड़ रहे है। कोरोना महामारी के बाद से लोगो में इसके प्रति काफी लगाव देखा गया है। शेयर मार्केट में आप दो ही तरीके से पैसे कमा सकते है या तो आप इन्वेस्टमेंट कर सकते है या फिर इंट्राडे ट्रेडिंग। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में बताएंगे। क्या होता है इंट्राडे ट्रेडिंग? इससे कैसे पैसे कमाए, इसके फायदे और नुकसान। सबकुछ जानेंगे हम इस आर्टिकल में। तो आईए सबसे पहले intraday ट्रेडिंग के बारे में जान लेते है।

Table of Contents

Intraday Trading क्या होती है

जैसा की आप जानते ही होंगे की शेयर मार्केट में हम शेयर की खरीद-बिक्री करते है। शेयर मार्केट में लोग कम दाम में शेयर खरीद के उसे दाम बढ़ने पर बेच कर पैसे कमाते है। आप खरीदे हुए शेयर को या तो तुरंत बेच सकते है या फिर आप जब चाहे तब बेच सकते है। अगर आप शेयर को आज खरीद कर आज ही बेच देते है तो इसे ही intraday ट्रेडिंग कहते है।

अगर आप खरीदे शेयर को आज के अलावा किसी और दिन बेचते है तो उसे डिलीवरी कहते है। Intraday trading के अपने फायदे और नुकसान है। लेकिन सही से ट्रेडिंग करके आप इसमें अच्छा पैसा बना सकते है। आईए सबसे पहले हम Intraday ट्रेडिंग करना जान लेते है। इसके बाद इसके फायदे और नुकसान को देखेगे।

Intraday Trading कैसे करे

Intraday trading इन्वेस्टमेंट की तुलना में काफी रिस्की होता है। इसलिए भी इसमें कदम रखने से पहले अच्छे से अपना सेटअप तैयार रखे। जैसे स्टॉपलॉस, टारगेट, शेयर सिलेक्शन इत्यादि। आपको Intraday trading करने के लिए निम्नलिखित बातो का ध्यान रखना चाहिए:-

  • सबसे पहले एक अच्छा लिक्विफाइड स्टॉक चुने। लिक्विफाइड का मतलब ऐसे स्टॉक से है जिसमे अच्छा खासा वॉल्यूम और मूवमेंट हो।
  • इसके बाद आप एंट्री प्राइस और टारगेट सेट करे। और साथ ही में स्टॉप लॉस लगाना न भूलें। स्टॉपलॉस आपको अधिक लॉस होने से बचाता है।
  • आप अलग अलग तरह के इंडिकेटर का इस्तमाल कर सकते है। यह आपको स्टॉक के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी देंगे। जैसे RSI, Volume chart इत्यादि।
  • आप रिस्क रिवार्ड को हमेशा ध्यान में रखकर ही ट्रेडिंग करे। जितना रिस्क कम उतना अच्छा है। कभी भी लालच न करे हमेशा धैर्य बनाए रखे।
  • अब जब आप intraday ट्रेडिंग करना सीख चुके है तो आईए अब intraday ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान के बारे में जान लेते है।

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Intraday Trading के फायदे

Intraday ट्रेडिंग के बहुत सारे फायदे है। इसका सही से उपयोग करके आप इसमें अच्छा खासा पैसा कमा सकते है। आईए इसके फायदे को देखते है।

जहा एक और इन्वेस्टमेंट के जरिए आप महीनो और सालो में पैसे कमाते है तो वही Intraday trading की मदद से आप कुछ ही घंटो या मिनटों में पैसे कमा सकते है।

Intraday trading में आप मार्केट में कम समय देकर ज्यादा पैसे कमा सकते है। इसके साथ ही आपका पैसा भी इसमें फसा नही रहता है।

Intraday ट्रेडिंग के लिए बहुत से ब्रोकर आपको मार्जिन फैसिलिटी देते है, जिसका मतलब है की आप थोड़े पैसे में ही बहुत सारा शेयर खरीद बेच सकते है। इसके मदद से आप अच्छा खासा पैसे बना सकते है।

Intraday Trading के नुकसान

जैसा की आप जानते ही होंगे की हर चीज का फायदा और नुकसान दोनो ही होता है। किसी भी चीज के नुकसान से बचने का सबसे अच्छा तरीका है की उसे अच्छे से जाने। तो आईए अब आपको Intraday ट्रेडिंग के नुकसान के बारे में बताते है। इसे अच्छे से समझे ताकि आप नुकसान से बच सके।

Intraday trading में आपको शेयर एक ही दिन में खरीदना और बेचना होता है, इस वजह से आपके लॉस की संभावना अधिक हो जाती है।

बहुत ज्यादा मार्जिन के प्रयोग की वजह से छोटे सा लॉस भी आपके ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं लिए बहुत बड़ा लॉस साबित हो जाता है। इसलिए मार्जिन का सही से उपयोग करे।

कई बार intraday trading में अप्पर सर्किट या फिर लोअर सर्किट लग जाने की वजह से आप इसमें फस जाते है। इसलिए पोजिशन को सही समय पर एग्जिट कर दे।

Intraday trading में डिलीवरी की तुलना अधिक ब्रोकरेज देना परता है। इसलिए ट्रेडिंग सही से करे।

अब जब आप Intraday ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान को भली भाती जान चुके है तो आइए अब आपको बताते है की intraday ट्रेडिंग को कैसे सीखा जा सकता है। अगर आप इसे सीख के ट्रेडिंग करेंगे तो ज्यादा चांसेज है की आप फायदे में रहेंगे।

Intraday trading कैसे सीखे

अगर आप Intraday ट्रेडिंग सीखना चाहते है तो इसके लिए आप यूट्यूब का सहारा ले सकतें है। यूट्यूब पे आपको ढेरो लर्निंग विडियोज मिल जायेंगे। इसके अलावा आप बुक्स का भी सहारा ले सकते है। इन बुक्स के मदद से आप Intraday ट्रेडिंग को आसनी से सीख सकते हैं। कुछ फेमस बुक्स के नाम इस प्रकार है:

इंट्राडे ट्रेडिंग की पहचान

ट्रेडनिति – कैसे बने सफल प्रोफेशनल ट्रेडर

रिच डैड पूअर डैड

A टू Z शेयर मार्केट (इंट्राडे ट्रेडिंग)

इंट्राडे ट्रेडिंग की पहचान

ऊपर में हमने कुछ बुक्स में नाम दिए है आप इन बुक्स को पढ़ कर इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में सीख सकते है। ये सारे बुक्स हिंदी में है, इसे आप आसानी से पढ़ कर समझ सकते है। इसके बाद जब आप intraday को अच्छे से समझ ले तब आप इसका प्रैक्टिकल करने के लिए पेपर ट्रेडिंग कर सकते है। आईए अब आपको पेपर ट्रेडिंग के बारे में बताते है।

पेपर ट्रेडिंग क्या है?

पेपर ट्रेडिंग एक तरह का सिमुलेटर है जिसके मदद से आप बिना पैसे लगाए ट्रेडिंग कर सकते है। यह एक तरह का वर्चुअल ट्रेडिंग होता है। इसके मदद से आप बिना पैसे लगाए ट्रेडिंग का अभ्यास कर सकते है। आपको इंटरनेट पर बहुत सारे ऐप और वेबसाइट मिल जाएंगे जो आपको वर्चुअल ट्रेडिंग के माध्यम से पेपर ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध कराते है। आप चाहे तो स्काट्रेड, फिडेलिटी जैसे पेपर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर सकते है।

Intraday ट्रेडिंग में किन बातों का रखे ध्यान

Intraday ट्रेडिंग पूरी तरह से मार्केट के मूव पर निर्भर करता है। इसमें आप जहा एक दिन में ही पूरे महीने की सैलरी कमा सकते है तो वही पूरे महीने की सैलरी गवा भी सकते है। यह हाई रिस्क वाला काम है। इसे बिना सीखे कभी ट्राय नही करना चाहिए। शुरू में आप कम कैपिटल के साथ इसको आजमा सकते है। धीरे धीरे जब आप मार्केट को अच्छे से समझ जाए तब इसमें बड़े ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं अमाउंट से ट्रेडिंग करे। अपना कैपिटल हमेशा बचा के रखे, अपना मूल धन इसे कभी नही खोए।

निष्कर्ष :

दोस्तो, आज के इस आर्टिकल में हमने शेयर मार्केट के अंतर्गत आने वाले intraday trading के बारे में जाना। Intraday क्या है, Intraday Trading कैसे करे, Intraday Trading फायदे और नुकसान। अगर आपको यह आर्टिकल “Intraday Trading“ फायदेमंद लगा हो तो इसे जरूर शेयर करे। इसके साथ ही किसी तरह के सवाल के लिए आप नीच कमेंट कर सकते है। हम आपकी मदद करने की कोशिश करेंगे। ऐसे ही बेहतरीन और जानकारी से भरे आर्टिकल के लिए आप हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे।

ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं

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डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ? [निवेश करने के प्रक्रिया की जानकारी]

दोस्तों, क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते है लेकिन बाजार के प्रतिदिन उतर चढ़ाव का जोखिम नहीं लेना चाहते है ? आपके लिए डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) एक बेहतर विकल्प है। यह निवेशकों में बहुत लोकप्रिय और सुरक्षित है।

डिलीवरी ट्रेडिंग

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ?

डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को अपने डीमैट खाता में जमा करता है। डीमैट खाता (Demat Account) में निवेशक बिना किसी समय अवधि तक होल्ड करके रख सकता है और फिर इच्छानुसार कभी भी अपने शेयर को बेच सकता है। जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडर्स को एक दिन के अंदर ही शेयर ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं खरीदने या बेचने की प्रतिबद्धता है, लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर खरीदने या बेचने के लिए कोई परिसीमा नहीं है। निवेशक दो दिन के अंदर या दो वर्षो बाद भी अपने शेयर को बेच सकता है।

निवेशक के पास पूर्ण अधिकार होता है की वह अपने इच्छा के अनुसार अपने शेयर को होल्ड या बेच सकता है। डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा होता है जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते है और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्टॉक में मुनाफा बनाना चाहते हैं। डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को शेयर खरीदने ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं से पहले उस कीमत के बराबर पैसे तैयार रखने होते है।

उदाहरण : यदि आप XYZ कंपनी के 100 शेयर खरीद रहे है जिसकी कीमत ₹ 15000 है तो आपके डीमैट खाता में ₹ 15000 की कैश रखना होगा। और यदि आप XYZ कंपनी के 110 शेयर बेचना (Sell) चाहते है तो 110 शेयर आपके डीमैट खाता में होना चाहिए।

डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक विभिन्न प्रकार से निवेश कर सकता है जो निम्नलिखित है

  • इक्विटी
  • फॉरेक्स
  • कमोडिटी
  • डेरीवेटिव
  • म्यूच्यूअल फंड्स

डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम

आप डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करना चाहते है तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना आवश्यक है। यह आपको सही शेयर खरीदने में मदद करेगा। आप शेयर बाजार में नए है और किसी निपुण निवेशक सलाहकार की मदद चाहिए तो आप CapitalVIa Global Research Limited से संपर्क कर सकते है। आईये जानते है कुछ बुनियादी नियम के बारें में जिसका पालन शेयर खरीदते समय करना चाहिए।

  • सबसे पहले आपको ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं कुछ कंपनी के fundamental Analysis के अध्यन करने के बाद एक सूचि तैयार करे।
  • भविष्य में उसके विकास, बैलेंस शीट आदि को ध्यान में रखकर अपने wishlist में शामिल करे।
  • अपने निवेश के जोखिम के अनुसार अपने डीमैट खाता में उतना धन संचित करे।
  • सही शेयर की कीमत देखकर शेयर को ख़रीदे।
  • बेचने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करे ताकि आपको नुकसान नहीं हो।
  • टारगेट और स्टॉप लॉस अवश्य लगाए।
  • आपको पैसे अलग -2 कंपनियों में निवेश करे जिससे आपका जोखिम काम और रिटर्न्स अच्छा प्राप्त होगा।

डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें?

कोई भी निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग को प्रक्रिया का चयन तभी करता है जब उसको long term के लिए निवेश करना है। डिलीवरी ट्रेडिंग में अपने कंपनियों के शेयर कोई खरीदते है और अपने डीमैट खाता में होल्ड करते है। आप अपने शेयर को जब अपने डीमैट खाता में रखना चाहे तो रख सकते है और जब आपको अपने ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं शेयर कर अच्छा रिटर्न्स मिल रहा है तो आप उसको बेच सकते है। शेयर बेचने का निर्णय आप पर निर्भर है। अन्य इंट्राडे ट्रेडिंग के तरह आप बाध्य नहीं है।

डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके पास पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए तभी आप शेयर को खरीद सकते है और बेचने के लिए भी आपके पास उतने शेयर होने चाहिए। डिलीवरी ट्रेडिंग में यदि आपका रणनीत अच्छी है तो आपको एक निश्चित अंतराल के बाद अच्छा रिटर्न्स प्राप्त होगा।

यदि आप शेयर बाजार में नए और आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से आपको शेयर को खरीदने चाहिए। इससे शेयर बाजार के जोखिम काम हो सकता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग सरल और ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं सुरक्षित निवेश है इसके साथ -2 अन्य सुविधाएं है।

लॉन्ग टर्म निवेश

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फ़ायदा है की आप शेयर को होल्ड कर सकते है, आप किसी समय अंतराल में बाध्य नहीं है।

उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और इसे होल्ड रखते हैं। कुछ समय बाद वह कंपनी या व्यवसाय आपको पॉजिटिव रिटर्न्स देता है, तो आप उस इन्वेस्ट में बने रह सकते हैं। लेकिन आपको कोई लाभ दिखाई नहीं देता है, तो आप उस शेयर को कभी भी बेचकर अपने पोजीशन से बाहर हो सकते हैं।

सुरक्षित

जब डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर खरीदते है तो आप वह शेयर बेचने के लिए समय के बाध्य नहीं है। यह आपके जोखिम की संभावना को काम करता है और आपके निवेश को सुरक्षित रखता है।

उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और किसी भी कारन से शेयर का दाम अगले दिन गिर जाता है। आप वह शेयर होल्ड रख कर सही समय का इंतज़ार कर सकते हैं। जब शेयर के दाम आपके निवेश किये राशि से ज्यादा है तो आप शेयर बेचकर मुनाफा अर्जित कर सकते है। इसलिए यह शेयर सुरक्षित है।

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग में, आप स्टॉक खरीदने के बाद बोनस के लिए योग्य है। जब भी कंपनी कुछ बोनस शेयरों को रोल आउट करती है, तो निवेशक बोनस का दावा कर सकते हैं।

उच्च लाभ

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग में निवेशकों को शेयर के रिटर्न्स के साथ बोनस भी मिलता है । इसलिए कुछ शेयर में आपके रिटर्न्स से भी ज्यादा रिटर्न्स मिलता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकसान

शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश पूर्णतः परिपक्व नहीं होता है डिलीवरी ट्रेडिंग में कुछ नुकसान भी है। आपको निवेश करने से पहले अन्य संभावना का विश्लेषण करना आवश्यक है। यहां डिलीवरी ट्रेडिंग के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं:

पहले से भुगतान

डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपको शेयर खरीदने से पहले आपके पास शेयर के दाम का पर्याप्त धनराशि होना चाहिए। निवेशक के लिए कई बार उतना धनराशि रखना मुश्किल हो जाता है और आप अच्छे शेयर खरीदने से वंचित हो जाते है।

अधिक ब्रोकरेज शुल्क

डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको ब्रोकरेज शुल्क देना होता है। हालांकि कुछ ब्रोकर कंपनियां ब्रोकरेज शुल्क नहीं लेती है।

दोस्तों, डिलीवरी ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म निवेश का विकल्प है। निवेशक शेयर को खरीदकर अपने डीमैट खाता में बिना समय अवधि के होल्ड करके रख सकता है और कभी भी बेच सकता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए कुछ मुलभुत नियमों का पालन करना आवश्यक है यदि आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं ले सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से निवेश कर सकते है। निवेशक को सदैव अलग-2 कंपनियों के शेयर में निवेश करना चाहिए यह आपके जोखिम को कम करता है।

अपने निवेश करने के चयन प्रक्रिया के बारें में जानकारी प्राप्त किया और साथ ही डिलीवरी ट्रेडिंग के फ़ायदे और नुकसान के बारें में विस्तृत रूप से समझे।

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कमोडिटी ट्रेडिंग की दुनिया में कूदने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान, फ‍िर कभी नहीं होंगे असफल

COMMODITY TRADING: वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ती है, वैसे कच्चे माल यानी कमोडिटी की लागत बढ़ने से कीमत में वृद्धि होती है.

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - June 29, 2021 / 09:11 PM IST

कमोडिटी ट्रेडिंग की दुनिया में कूदने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान, फ‍िर कभी नहीं होंगे असफल

Trading In Commodity: कमोडिटी में ट्रेडिंग एक आकर्षक निवेश विकल्प है जो आपको अपना धन बढ़ाने ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं में मदद कर सकता है.

कमोडिटी ट्रेडिंग आपको अपने लाभ का फायदा उठाने का विकल्प देती है लेकिन यदि आप कुछ सावधानियां नहीं बरतते हैं तो नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

मुद्रास्फीति के दौरान शेयरों की कीमतें गिरती हैं

जैसे-जैसे वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे कच्चे माल यानी कमोडिटी की लागत बढ़ने से वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में वृद्धि होती है.

ऐसे महंगाई के माहौल में ब्याज दरों में वृद्धि होती है, जो उधार लेने की लागत को बढ़ाती है और कंपनी की शुद्ध आय को कम करती है.

कंपनी की आय गिरने से शेयरधारकों के साथ साझा किए गए मुनाफे पर भी असर पड़ता है. इसलिए, मुद्रास्फीति के दौरान, शेयरों की कीमतें गिरती हैं.

वहीं इसके विपरीत, बढ़ती मांग के कारण तैयार माल के निर्माण में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में काफी वृद्धि होती हैं. इसलिए, निवेशक अपनी पूंजी को मुद्रास्फीति के प्रभाव से बचाने और अपने मूल्य को बनाए रखने के लिए कमोडिटी फ्यूचर्स को अपनाते हैं.

जोखिम भरी भू-राजनीतिक घटनाओं से बचाव

संघर्ष, दंगे और युद्ध जैसी भू-राजनीतिक घटनाओं के कारण कच्चे माल का परिवहन करना मुश्किल हो जाता है. ऐसी घटनाएं सप्लाई चेन को तोड़ देती है, जिससे संसाधनों की कमी हो जाती है और कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित हो जाती है.

जिसके परिणामस्वरूप सप्लाई-डिमांड का बैलेंस बिगड़ता है, जिससे वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि होती है. ऐसी घटनाओं के दौरान बाजार के सेंटीमेंट खराब होते हैं.

जिससे शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आती है. इसलिए, कमोडिटीज में निवेश करने से नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है.

उच्च लीवरेज का फायदा

फ्यूचर्स और ऑप्‍शंस जैसे कमोडिटी डेरिवेटिव एक असाधारण उच्च स्तर का लीवरेज प्रदान करते हैं. इसके जरिए आप कान्ट्रेक्‍ट वैल्यू का केवल 5% से 10% अपफ्रंट मार्जिन चुका कर एक बड़ी पोजिशन ले सकते हैं.

वस्तुओं की कीमतों में किसी भी तरह का असाधारण मूवमेंट होने से बहुत लाभ हो सकता है. इसलिए, कमोडिटी ट्रेडिंग आपको लीवरेज का उपयोग करके अच्‍छा रिटर्न कमाने का मौका देता है.

कमोडिटी ट्रेडिंग के नुकसान

लीवरेज से जितना फायदा होता है उतना ही नुकसान होता है. लीवरेज से आप छोटी पूंजी चुका कर बड़ी पोजिशन ले सकते हैं, लेकिन, कान्ट्रैक्ट की कीमत में थोड़ा सा भी बदलाव आपको भारी नुकसान करा सकता है.

क्योंकि लॉट साइज 100 है और आप 1,000 कान्ट्रैक्‍ट खरीदे जा रहे हैं. कम मार्जिन की वजह से जोखिम बढ़ जाता हैं, जो आपके पूरे निवेश को जोखिम में डाल सकता हैं.

वोलेटिलिटी का जोखिम

वस्तुओं की कीमतें काफी वोलेटाइल हैं और सप्लाई-डिमांड पर निर्भर करती है. पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों को घटाकर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर जाना आसान नहीं है.

कोयले से चलने वाली बिजली जैसे ऊर्जा स्रोतों से सौर ऊर्जा जैसे स्रोतों ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं की ओर मुड़ने में काफी समय लगता है.

इसलिए संचयी बेलोचदार मांग और बेलोचदार आपूर्ति ऐसी स्थिति की ओर ले जाती है जहां बाजार की बुनियादी बातों में मामूली बदलाव कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव पैदा कर सकता है.

विविधीकरण के अनुकूल नही

जब स्टॉक की कीमतें गिर रही होती हैं, तो कमोडिटी की कीमतें आसमान की ओर बढ़ती हैं. वर्ष 2008 के वित्तीय संकट में, वस्तुओं की कुल मांग में गिरावट आई.

जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर बेरोजगारी हुई, जिसने उत्पादन को और रोक दिया. इसका मतलब है कि कैश ने कम अस्थिरता वाली वस्तुओं की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान किया है.

इसलिए, कमोडिटीज प्रमुख रूप से इक्विटी वाले पोर्टफोलियो के विविधीकरण के लिए आदर्श उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं.

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