विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लाभ

ज़ाहिर है डॉलर की मज़बूती और उसकी स्वीकार्यता अमरीकी अर्थव्यवस्था की ताक़त को दर्शाती है. कुल डॉलर के 65 फ़ीसदी डॉलर का इस्तेमाल अमरीका के बाहर होता है.
रुपया 48 पैसे की गिरावट के साथ 81.26 प्रति डॉलर पर बंद
अमेरिकी मुद्रा में सुधार तथा घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती के रुख को देखते हुए अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 48 पैसे के सुधार के साथ 81.26 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से भी कारोबारियों की धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 80.53 पर मजबूत रुख लिए खुला। कारोबार के दौरान रुपये का आरंभिक लाभ लुप्त हो गया और अंत में यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 48 पैसे की तेजी के साथ 81.26 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
यह पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले रुपये में 48 पैसों की गिरावट को दर्शाता है। शुक्रवार को रुपया 62 पैसे सुधरकर 80.78 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर में सुधार और घरेलू बाजारों में कमजोरी के रुख के कारण भारतीय रुपये में गिरावट आई। हालांकि, बेहतर वृहद आर्थिक आंकड़ों के कारण रुपया तेजी के साथ खुला था।"
Share Market : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 66 पैसे टूटा
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.41 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 81.57 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 66 पैसे की कमजोरी दर्शाता है। रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 37 पैसे की तेजी के साथ 80.91 पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत बढ़कर 106.58 पर पहुंच गया।
डॉलर वैश्विक मुद्रा क्यों है
1944 में ब्रेटन वुड्स समझौते के बाद डॉलर की वर्तमान मज़बूती की शुरुआत हुई थी. उससे पहले ज़्यादातर देश केवल सोने को बेहतर मानक मानते थे. उन देशों की सरकारें वादा करती थीं कि वह उनकी मुद्रा को सोने की मांग के मूल्य के आधार पर तय करेंगे.
न्यू हैम्पशर के ब्रेटन वुड्स में दुनिया के विकसित देश मिले और उन्होंने अमरीकी डॉलर के मुक़ाबले सभी मुद्राओं की विनिमय दर को तय किया. उस समय अमरीका के पास दुनिया का सबसे अधिक सोने का भंडार था. इस समझौते ने दूसरे देशों को भी सोने की जगह अपनी मुद्रा का डॉलर को समर्थन करने की अनुमति दी.
1970 की शुरुआत में कई देशों ने डॉलर के बदले सोने की मांग शुरू कर दी थी, क्योंकि उन्हें मुद्रा स्फीति से लड़ने की ज़रूरत थी. उस समय राष्ट्रपति निक्सन ने फ़ोर्ट नॉक्स को अपने सभी भंडारों को समाप्त करने की अनुमति देने के बजाय डॉलर को सोने से अलग कर दिया.
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मार्च 2009 में चीन और रूस ने एक नई वैश्विक मुद्रा की मांग की. वे चाहते हैं कि दुनिया के लिए एक रिज़र्व मुद्रा बनाई जाए 'जो किसी इकलौते देश से अलग हो और लंबे समय तक स्थिर रहने में सक्षम हो, इस प्रकार क्रेडिट आधारित राष्ट्रीय मुद्राओं के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को हटाया जा सकता है.'
चीन को चिंता है कि अगर डॉलर की मुद्रा स्फीति तय हो जाए तो उसके ख़रबों डॉलर किसी काम के नहीं रहेंगे. यह उसी सूरत में हो सकता है जब अमरीकी कर्ज़ को पाटने के लिए यू.एस. ट्रेज़री नए नोट छापे. चीन ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से डॉलर की जगह नई मुद्रा बनाए जाने की मांग की है.
2016 की चौथी तिमाही में चीन की यूआन दुनिया की एक और बड़ी रिज़र्व मुद्रा बनी थी. 2017 की तीसरी तिमाही तक दुनिया के केंद्रीय बैंक में 108 अरब डॉलर थे. यह एक छोटी शुरुआत है, लेकिन भविष्य में इसका बढ़ना जारी रहेगा.
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक से पहले विदेशी मुद्रा भंडार में आया बड़ा उछाल, आंकड़ा फिर से हुआ 600 बिलियन डॉलर के पार
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Jun 04, 2022 | 9:53 AM
अगले सप्ताह रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC Meeting) की अहम बैठक होने वाली है. उससे पहले 27 मई को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange reserves) में 3.854 बिलियन डॉलर की तेजी दर्ज की गई जिसकी मदद से यह फिर से 601.363 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. RBI के आंकड़ों के अनुसार यह वृद्धि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (foreign currency assets) में हुई बढ़ोतरी के कारण हुई है. इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 4.230 बिलियन डॉलर बढ़कर 597.509 बिलियन डॉलर हो गया था. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में वृद्धि होना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है. आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 3.61 बिलियन डॉलर बढ़कर 536.988 बिलियन डॉलर हो गई.
डॉलर के मुकाबले रुपया फिसला
इधर स्थानीय शेयर बाजारों में कमजोर रुख के बीच शुक्रवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया छह पैसे की गिरावट के साथ 77.66 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार से निरंतर विदेशी कोषों की धन निकासी तथा बढ़ते व्यापार घाटे के कारण रुपया नीचे आया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपए में एक सीमित दायरे में कारोबार हुआ. डॉलर के मुकाबले रुपया 77.47 पर खुला. दिन के कारोबार में नीचे में 77.66 और ऊंचे में 77.47 तक गया. अंत में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले छह पैसे विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लाभ की गिरावट के साथ 77.66 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. गुरुवार को रुपया 77.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, शेयर बाजार में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती के कारण रुपए का आरंभिक लाभ कायम नहीं रह पाया. विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और व्यापार घाटा बढ़ने के कारण रुपए की धारणा प्रभावित हुई.
मई में गुड्स एक्सपोर्ट 37.29 बिलियन डॉलर
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में भारत का वस्तु निर्यात 15.46 फीसदी बढ़कर 37.29 बिलियन डॉलर हो गया जो पिछले 15 महीनों में सबसे धीमी वृद्धि है. जबकि देश का व्यापार घाटा बढ़कर 23.33 बिलियन डॉलर का हो गया.
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 फीसदी घटकर 101.79 रह गया. वैश्विक तेल विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लाभ मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.47 फीसदी घटकर 117.06 डॉलर प्रति बैरल रह गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 3,770.51 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.
विदेशी मुद्रा व्यापार, क्रिप्टोकरेंसी का ऐतिहासिक विकल्प?
यदि आप अभी बाहर शुरू कर रहे हैं विदेशी मुद्रा व्यापारयह महत्वपूर्ण है कि आप इस मुद्रा बाजार के आधार को समझें और यह कैसे काम करता है। विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लाभ विदेशी और विनिमय शब्दों का एक संकुचन है। यह एक विदेशी मुद्रा बाजार है जहां निवेशक मुद्रा जोड़े खरीद और बेच सकते हैं। दूसरे शब्दों में, यह एक मुद्रा बाजार है.
विदेशी मुद्रा व्यापार में प्रवेश करने वाले निवेशकों को विदेशी मुद्रा व्यापारी कहा जाता है। वे निजी व्यापारी (विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लाभ छोटे निवेशक) या पेशेवर (संस्थागत निवेशक, बैंक, कंपनियां, आदि) हो सकते हैं। यहाँ का एक उदाहरण है फ्रेंच भाषी व्यापारीमुद्रा जोड़े का व्यापार करने में सक्षम होने के लिए, खुदरा व्यापारियों को ऑनलाइन दलालों के माध्यम से जाना जाता है जिसे "कहा जाता है" विदेशी मुद्रा दलाल ”। मुद्राओं में विशेषज्ञता वाले ये दलाल उनके लिए बाजार से बातचीत करेंगे।
विदेशी मुद्रा कहां से आती है?
मुद्रा विनिमय एक अवधारणा है जो लंबे समय से चारों ओर है। इसके अलावा, कई ट्रेडिंग सिस्टम जैसे ब्रेटन वुड्स सिस्टम और गोल्ड स्टैंडर्ड फॉरेक्स से पहले मौजूद थे। उत्तरार्द्ध 1971 के आसपास बनाया गया था, उस समय की आर्थिक परिस्थितियों के बाद जिसने ब्रेटन वुड्स समझौते को समाप्त कर विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लाभ दिया। वहाँ से, कई देशों की मुद्राओं की विनिमय दर विदेशी मुद्रा पर प्रस्तावों और मांगों द्वारा निर्धारित की गई थी।
किसी भी विदेशी मुद्रा व्यापारी जो विदेशी मुद्रा बाजार में उतरना चाहता है, उसे पता होना चाहिए कि यह कैसे काम करता है और बुनियादी शर्तें। मुद्रा जोड़ी प्रमुख तत्व है जो मुद्रा व्यापार में भाग लेती है। इसमें आधार मुद्रा और काउंटर मुद्रा (उदाहरण के लिए EUR / USD) शामिल हैं।
विदेशी मुद्रा पर व्यापार का सिद्धांत समझने में काफी सरल है। मुद्राओं का आदान-प्रदान करने के लिए, व्यापारी एक मुद्रा जोड़ी खरीदता है जब बोली ऊपर जाती है और फिर नीचे जाने पर उसे बेचती है। जानकारी के लिए, विदेशी मुद्रा उद्धरण प्रतिपक्ष के खिलाफ आधार मुद्रा का मूल्यांकन है।
विदेशी मुद्रा: बिटकॉइन का एक अच्छा विकल्प?
अन्य वित्तीय बाजारों की तुलना में, विशेष रूप से बिटकॉइन, विदेशी मुद्रा में खुदरा व्यापारियों और पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण फायदे हैं। यह वास्तव में एक है मुक्त बाजारक्योंकि इसके लिए क्लियरिंग फीस या ब्रोकरेज फीस की आवश्यकता नहीं है। बिटकॉइन (0,1% से कम) की तुलना में विदेशी मुद्रा में लेनदेन की लागत भी कम होती है। हालांकि, आपको पता होना चाहिए कि हर बार जीतना संभव नहीं है और यह तेजी से व्यवस्थित लाभ के साथ एक शहरी मिथक है। 10% रिटर्न पहले से ही उत्कृष्ट है और अधिकांश पेशेवरों को औसत मासिक रिटर्न 1 से 10% तक है, 20% पर कुछ चोटियों या असाधारण मामलों में 40% तक भी।
यह भी जान लें कि फॉरेक्स एक दिन में 24 घंटे खुला बाजार है (सप्ताहांत को छोड़कर), जो आपको किसी भी समय व्यापार करने की अनुमति देता है और कई बार आपको सूट करता है। दलालों द्वारा दिए गए उत्तोलन प्रभाव से आपको अपने लेनदेन को बढ़ाने और अपनी आय को गुणा करने का अवसर मिलता है।