ट्रेडिंग मंच

वित्तीय बाजार क्या हैं

वित्तीय बाजार क्या हैं
द्वितीयक प्रतिभूति बाजार (Secondary Security Market) में कंपनियों की अंश पूंजी को ब्रोकर के माध्यम से निवेशकों के बीच खरीदे व बेचे जाते हैं। द्वितीयक बाजार में पुरानी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री होती है। ये वित्तीय बाजार क्या हैं वे प्रतिभूतियां है जोकि प्राथमिक प्रतिभूति बाजार में पहले बिक चुकी होती हैं। अंश पूँजी (Share) की कीमत में उतार चढ़ाव चलता रहता है। इसी द्वितीयक बाजार को हम स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) कहते है।

money market vs capital market

पूँजी बाजार (Capital market)

पूंजी बाजार क्या है, पूंजी बाजार से क्या आशय है, पूंजी बाजार का अर्थ, पूंजी बाजार के प्रकार आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं। पूँजी बाजार (Capital market) notes in Hindi for UPSC and PCS.

Table of Contents

पूँजी बाजार

पूंजी बाजार वह बाजार है जहां पर अंश पूँजी (Share) एवं प्रतिभूतियों (Securities) का लेन-देन किया जाता है। पूंजी बाजार का नियंत्रण सेबी (SEBI-Securities and Exchange Board Of India) करता है। SEBI की स्थापना 12 अप्रैल,1988 में हुई थी, इसका मुख्यालय मुंबई में वित्तीय बाजार क्या हैं स्थित है। सेबी की स्थापना के वर्ष (1988) इसकी प्रारंभिक पूंजी 7.5 करोड़ थी जो कि प्रवर्तक कंपनियों (IDBI, ICICI, IFCI) द्वारा प्रदान की गयी थी।

पूँजी बाजार एवं मुद्रा बाजार के बीच में प्रमुख भिन्नता यह है कि मुद्रा बाजार एक अल्पावधि की वित्तीय व्यवस्था वाला बाजार है जबकि पूंजी बाजार में मध्यम तथा दीर्घकाल के कोषों का आदान प्रदान किया जाता है।

भारतीय पूँजी बाजारों को दो भागों में बांटा जाता है –

1. संगठित पूँजी बाजार,
2. असंगठित पूंजी बाजार

संगठित पूँजी बाजार (Organized capital market)वित्तीय बाजार क्या हैं

संगठित पूँजी बाजार से आशय ऐसे बाजार से है जोकि किसी न किसी प्रकार से नियंत्रित होता है। इसमें पूंजी की मांग करने वाले प्रमुख पक्ष संयुक्त पूँजी वाली कंपनियों एवं सरकारी संस्थाएं होती हैं।

संगठित पूंजी बाजार को भी दो भागों में बांटा गया है –

I. गिल्ट एज्ड बाजार (Gilt Edged Market)

गिल्ट एज्ड बाजार (Gilt Edged Market) में भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से केवल सरकारी व अर्ध सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय किया जाता है। इस बाजार को सबसे सुरक्षित बाजार माना जाता है (प्रतिभूतियों का वित्तीय बाजार क्या हैं मूल्य स्थिर रहता है)। इस बाजार में जोखिम कम होता है जिस कारण निवेशकों की पूंजी यहां सुरक्षित रहती है।

II. औद्योगिक प्रतिभूति बाजार (Industrial Security Market)

औद्योगिक प्रतिभूति बाजार (Industrial Security Market) में औद्योगिक कंपनियों की इक्विटियों और ऋण-पत्रों को बेचा और खरीदा जाता है। औद्योगिक प्रतिभूति बाजार में नए अथवा पहले से स्थापित औद्योगिक उपक्रमों के शेयरों (अंश पूँजी) की बिक्री (क्रय-विक्रय) की जाती है। इस बाजार में निजी प्रतिभूतियों को कंपनियों द्वारा बेचा जाता है। इनका पंजीकरण भारतीय कंपनी एक्ट 2013 (Indian Company Act 2013) वित्तीय बाजार क्या हैं के अंतर्गत होता है।

वित्तीय बाजार | Financial Market

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में दो तरह के लोग होते हैं. एक तो वो लोग होते हैं जिन्हें पैसों की जरूरत होती है और दूसरे वो लोग होते हैं जिनके पास पैसे ज्यादा होते हैं और वो कहीं निवेश करना चाहते हैं. जब ये दोनों समूह के लोग एक प्लेटफॉर्म पर आते हैं तो उस प्लेटफॉर्म को Financial Market यानी वित्तीय बाजार कहा जाता है. वित्तीय बाजार को दो भागों में बांटा गया है. 1) मुद्रा बाजार (Money Market) 2) पूंजी बाजार (Capital Market)

मुद्रा बाजार क्या होता है?

What is Money Market? वित्तीय बाजार का वो भाग जहां कम समय के लिए वित्तीय जरूरतों की पूर्ति की जाती है उसे मुद्रा बाजार (Money Market) कहा जाता है. मतलब ऐसी जगह जहां पर कम समय के लिए पैसों का लेन-देन किया जाता है. यहाँ कम समय से मतलब 365 दिन से कम समय से है.

सरल शब्दों में कहे तो ऐसी जगह जहां पर आप किसी को उधारी दे या किसी उधारी लें बिजनेस के लिए वो भी 365 से कम दिनों के लिए तो उसे मुद्रा बाजार कहा जाता है. इसमें ट्रेजरी बिल, नगद प्रबंधन बिल, बचत प्रमाण पत्र, कमर्शियल पेपर, कमर्शियल बिल, म्यूचुअल फ़ंड के माध्यम से पैसों का लेन देन किया जाता है.

मुद्रा बाजार के प्रकार

मुद्रा बाजार दो तरह (Types of money market) के होते हैं. 1) असंगठित मुद्रा बाजार 2) संगठित मुद्रा बाजार

money market types

#1.असंगठित मुद्रा बाजार

इस तरह के बाजार काफी पुराने समय से हमारे बीच चले आ रहे हैं. जैसे आपको थोड़े पैसों की जरूरत किसी चीज को खरीदने के लिए पड़ी तो आपने अपने पड़ोसी से उधार ले लिए. या फिर किसी साहूकार से ले लिए. अब साहूकार की मर्जी वो उस पर कितना भी ब्याज ले. इस तरह के मार्केट में ब्याज को नियंत्रित करने वाली कोई संस्था नहीं होती है.

#2. संगठित मुद्रा बाजार

संगठित मुद्रा बाजार ऐसा मुद्रा बाजार होता है जिसे विनियमित करने के लिए कोई मान्यता प्राप्त संस्था होती है. जैसे भारत में आरबीआई है. यदि आप बैंक से कोई लोन लेंगे तो आरबीआई ये तय करेगा की वो बैंक कितने प्रतिशत तक ब्याज ले सकती है. अगर उससे ज्यादा लिया तो बैंक पर कार्यवाही की जा सकेगी.

पूंजी बाजार क्या होता है?

ऐसा वित्तीय बाजार जहां पर लंबे समय तक के लिए वित्तीय जरूरतों की पूर्ति की जाती है उसे पूंजी बाजार (Capital market) कहा जाता है. यहाँ लंबे समय से मतलब 1 साल से अधिक अवधि के लिए है. कोई भी व्यक्ति जो एक साल से अधिक अवधि के लिए पूंजी जुटाना चाहता है उसे पूंजी बाजार से ही पैसा उठाना पड़ेगा.

आसान शब्दों में कहे तो ऐसा वित्तीय बाजार जहां पर एक वर्ष या उससे अधिक समय के लिए Debt या Equity समर्थित प्रतिभूतियों को खरीदा या बेचा जाता है तो उसे पूंजी बाजार कहते हैं. जैसे भारत में Stock exchange, commercial bank आदि हैं.

पूंजी बाजार एक ऐसी जगह है जो उन लोगों को साथ लाता है जो पूंजी रखते हैं और जो पूंजी की मांग एक साथ करते हैं. अतः ऐसी जगह जहां आप प्रतिभूतियों का आदान प्रदान कर सकते हैं उसे कैपिटल मार्केट कहा जाता है.

इसका सबसे अच्छा उदाहरण शेयर मार्केट है. शेयर मार्केट में लंबे समय के लिए मार्केट से पैसा उठाने के लिए कंपनी के शेयर को बेचा जाता है. लोग इन्हें खरीदकर कंपनी में हिस्सेदारी ले लेते हैं. हालांकि कंपनी में चलेगी उसी व्यक्ति की जिसके पास सबसे ज्यादा शेयर होंगे. असल में वही मालिक होगा. लेकिन जो लोग उस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं वो शेयर मार्केट के जरिये उस कंपनी के शेयर खरीदेंगे. इस तरह कंपनी वालों को पूंजी मिल जाएगी और दूसरे व्यक्ति को पूंजी के बदले कंपनी में हिस्सा मिल जाएगा.

एक वित्तीय बाजार की जरूरत,

वित्तीय बाजारों बाजार वित्तपोषण वित्तीय बाजार क्या हैं कर रहे हैं, इस फंड प्रदाताओं और वित्त पोषण ऋण साधनों और बाजार में वित्तीय लेनदेन के माध्यम से दोनों पक्षों द्वारा की जरूरत के लिए संदर्भित करता है मोटे तौर पर, उपकरणों और प्रतिभूतियों के लेनदेन की एक किस्म के लिए, मुद्रा उधार और वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए है बाजार में गतिविधि, वित्तीय बाजारों के और अधिक पूरी परिभाषा : वित्तीय बाजारों में वित्तीय आस्तियों के व्यापार और वित्तीय परिसंपत्ति की कीमतों के लिए एक तंत्र का निर्धारण कर रहे हैं! एक वित्तीय बाजार उसे कहते हैं जिसमें न केवल वित्तीय परिसंपत्तियों का निर्माण किया जाता है बल्कि उनका हस्तांतरण भी किया जाता है! इस तरह के बाज़ार में किसी सामान के वास्तविक हस्तांतरण को संपन्न न करके मुद्रा और वास्तविक सामानों और सेवाओं का हस्तांतरण किया जाता है! इसमें विनिमय की व्यवस्था संलग्न होती है! वस्तुतः इस व्यवस्था में वित्तीय हस्तांतरण या वित्तीय साख का सृजन आदि किया जाता है! वित्तीय आस्तियों के अंतर्गत लाभांश या ब्याज के रूप में भविष्य या आवधिक भुगतान के सन्दर्भ में पैसे की राशि को प्रतिपूर्ति के दावे वित्तीय बाजार क्या हैं के रूप में प्रस्तुत किया जाता है!

निश्चित टेन्योर से पहले लोन चुकता कर सकते हैं

यदि आपने फ्लोटिंग ब्याज दरों पर लोन लिया है, तो आप कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान को बिना जुर्माना दिए लोन अमाउंट को समय से पहले चुकाकर प्रा-क्लोज कर सकते हैं. हालांकि उधार लेने वाला शख्स ऐसा तभी कर सकता है जब उसके पास अतिरिक्त फंड हो या लोन अमाउंट पूरी तरह चुकता करने के लिए पर्याप्त पैसे की व्यवस्था हो. लोन टेन्योर से पहले लोन अकाउंट को बंद करने के लिए आंशिक पेमेंट भी किया जा सकता है.

इन सभी पहलुओं के अलावा लोन लेने से पहले उस पर लागू ब्याज दर और ईएमआई यानी मंथली किस्त की भी तुलना करनी चाहिए. साथ ही अपनी योग्यता और जरूरत के हिसाब से एक निश्चित अमाउंट का लोन लेने का फैसला करना चाहिए. लोन ब्याज दर को अच्छी तरह से समझने का प्रयास करें ताकि मंथली किस्त का अमाउंट ज्यादा न हो. कोशिश करें कि लोन का टेन्योर कम हो.

नीचे की लिस्ट में आपको 7 साल के टेन्योर वाले 15 लाख के लोन का ब्याज दर और ईएमआई दी गई है. इन डिटेल की आपस में तुलना करें. उम्मीद है ये लिस्ट आपको सस्ता और सही लोन का फैसला करने में मदद कर सकती है.

प्रापर्टी पर लोन ब्याज दर और EMI

Loan Against Property Interest Rates

(नोट : उपरोक्त लिस्ट के सभी आकड़ें बैंक बाजार डॉट कॉम से लिये गए हैं. बैंक बाजार ने बताया कि ये सभी आकड़ें संबंधित वित्तीय संस्थान की वेबसाइट से 15 नवंबर 2022 तक के हैं. अधिक जानकारी और अपडेट के लिए आप इन संस्थानों की वेबसाइट का वित्तीय बाजार क्या हैं आप मदद ले सकते हैं.)

(Article : Sanjeev Sinha)

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

सम्बंधित ख़बरें

लंबी अवधि में ऐसे दिया फायदा
इस इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म (Investment Banking Firm) के शेयरों के सफर और इस दौरान आए उतार चढ़ाव के प्रमुख पड़ावों पर नजर दौड़ाएं तो 2002 के बाद इसमें बढ़त का सिलसिला शुरू हुआ और फरवरी 2003 में शेयर की कीमत 6 रुपये के करीब हो गई. नवंबर 2006 में एक शेयर 30 रुपये का हो गया. नवंबर 2007 में इसने 100 रुपये प्रति शेयर का लेवल पार कर लिया था. इसके बाद सालों तक इसमें उतार-चढ़ाव आए और नवंबर 2017 में इस शेयर की कीमत बढ़कर 175 रुपये पर पहुंच गई. इस साल की बात करें तो 2022 की शुरुआत से इसमें कुछ गिरावट देखने को मिल रही है और अब तक यह करीब 4 फीसदी टूट चुका है.

ब्रोकरेज फर्म को ये उम्मीद
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि JM Financial के शेयरों में आगे तेजी आने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में इसमें निवेश निवेशकों को अच्छा खासा फायदा दे सकता है. ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) ने इसके शेयरों में निवेश की के लिए Buy रेटिंग को कायम रखा है. इसके साथ ही कंपनी के शेयरों के लिए टारगेट प्राइस 119 रुपये सेट किया है. हालांकि, शेयरों में निवेश से पहले निवेशक अपने बाजार एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं.

रेटिंग: 4.19
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 714
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *