समारोह की आवश्यकताओं

फर्नीचर आवश्यकताओं प्रयोगशाला धूआं हुड का समारोह होना चाहिए
2, घड़ी वापस समारोह चालू नहीं: धूआं हुड आंतरिक प्रवाह इंटीरियर में रिवर्स प्रवाह नहीं हैं धूआं हुड आंतरिक रूप से निकास पंखा निर्मिती हानिकारक गैसों का होना चाहिए। इस समारोह में, एक धूआं समारोह की आवश्यकताओं की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए डाकू और एक ही पाइप कनेक्शन के साथ एक प्रशंसक है सबसे अच्छा तरीका है, आप canand #39; t एक ही पाइप कनेक्शन का उपयोग, एक ही स्तर के लिए और यहां तक कि एक ही कमरे, जहाँ तक संभव हो (या ऊपर) पाइप के अंत में स्थापित वेंटिलेशन प्रशंसक में सीमित समारोह की आवश्यकताओं कर रहे हैं।
3, अलगाव क्षमता: प्रभावी रूप से कैबिनेट के अंदर और बाहर, आइसोलेट वेंटिलेशन के माध्यम से प्रभावी ढंग से ग्लास स्लाइडिंग कैबिनेट चेहरे को अलग करने के लिए है बहुत महत्वपूर्ण है।
4, अतिरिक्त समारोह: जब कैबिनेट के बाहर हानिकारक गैस बाहर रखा जाना चाहिए जब से कैबिनेट, या कैबिनेट के बाहर हवा को अवशोषित करने के लिए चैनलों की एक किस्म के माध्यम से बाहर की जरूरत है।
5, नियंत्रण समारोह: हूड इन हानिकारक गैसों धूआं डाकू को रोकने के लिए हानिकारक गैस, की एक बड़ी मात्रा है, जब हम साँस द्वारा दवा लेने की उसकी गति की जरूरत है। वांछित प्रभाव को प्राप्त करने के लिए संभव के रूप में।
जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस), रांची के 59वां दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज एक्सआईएसएस ऑडिटोरियम रांची में आयोजित जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस), रांची के 59वां दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए। कोविड-19 महामारी के बीच यह दीक्षांत समारोह वर्चुअल आयोजित हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में देश को स्मार्ट मैनेजमेंट की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने में एक्सआईएसएस संस्थान से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी अहम भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से अपील किया कि आप चाहे जितनी भी ऊंचाइयों को छूएं परंतु अनुशासन कभी न भूलें। जीवन में अनुशासन हमेशा जरूरी है। मुख्यमंत्री ने एक्सआईएसएस की समृद्ध विरासत की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस संस्थान विद्यार्थियों को अपने पैरों में खड़ा होना सिखाता है। यह संस्थान बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर होनहार बनाता है। यह संस्थान सिर्फ उन्हें ही नहीं खड़ा होना सिखाता जिनके पैर हैं बल्कि उन्हें भी खड़ा करता है जिनके पास पैर नही हैं। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जो भी विद्यार्थी इस संस्थान से शिक्षा ग्रहण किए हैं वे इस राज्य के विषय में बहुत कुछ अवश्य जाना होगा तथा वर्तमान परिस्थितियों के संबंध में भी जानकारी मिली होगी। मुख्यमंत्री ने मैनेजमेंट की डिग्री पाने वाले विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी लोग मैनेजमेंट की शिक्षा लेकर अपने नए जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। आप की आवश्यकता देश और विदेशों के विभिन्न संस्थानों को है। आप अपने नए सफर में कुछ यादों, बातों, ज्ञान और आशीर्वाद को गांठ बांध कर चलें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी रास्ते सहज और सीधी नहीं होती हैं। नए राह पर नई नई चुनौतियां मिलेंगी। हमें अपनी बुनियाद नहीं भूलनी चाहिए। हम यहां तक कैसे पहुंचे हैं इसका ख्याल हमेशा रखना चाहिए। आप सशक्त समाज के निर्माण में अपनी भूमिका प्रतिबद्धता के साथ निभाएं।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि मानव जीवन हमेशा परिवर्तनशील होता है। जीवन में हमेशा नई चुनौतियां, नई खोज, नई ऊंचाइयां आती-जाती रहती रहती है। इन सभी परिस्थितियों में अनुभव महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी 304 विद्यार्थी आज मैनेजमेंट की पढ़ाई कर डिप्लोमा/डिग्रीधारी बन रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी लोग संस्थान द्वारा दी गई शिक्षा को सार्थक करते हुए उसका उपयोग करेंगे और समाज की बेहतरी के लिए अहम योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन सिर्फ संस्थान के फैकल्टी और विद्यार्थियों के लिए ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों के माता-पिता, भाई-बहन, मित्र के लिए भी खुशी का दिन है। मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी ने मानव जीवन में कई बदलाव लाए हैं। हमारे व्यवहार और दिनचर्या में कई परिवर्तन हुए हैं। कोरोना संक्रमण समारोह की आवश्यकताओं समारोह की आवश्यकताओं का सबसे दुखद असर शिक्षा के क्षेत्र में पड़ा है। स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी हो या कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं कोरोना संक्रमण ने सभी पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच एक्सआईएसएस का 59वां दीक्षांत समारोह वर्चुअल माध्यम से ऑनलाइन आयोजित हो रहा है मानव जीवन में बदलाव का यह भी एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में पिछले कुछ वर्षों में कई बार दीक्षांत समारोह कार्यक्रम आयोजित हुआ है। आज के दिन इस सभागार में कितनी खुशियां कितनी उमंग दिखाई पड़ती थी, परंतु आज का दीक्षांत समारोह वर्चुअल रूप में करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर भी हमसभी लोग इस समारोह की आवश्यकताओं समारोह की आवश्यकताओं चुनौती को बड़ी चुनौती के रूप में लिया और सामान्य जीवन के लिए रास्ते निकाले। मुख्यमंत्री ने वैसे सभी विद्यार्थी और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दीं जो वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम से जुड़े थे।
दीक्षांत समारोह में कुल 304 विद्यार्थियों को डिप्लोमा/डिग्री दिए गए, इनमें 26 विद्यार्थियों के बीच 11 को स्वर्ण, 8 को रजत और 5 को कांस्य मेडल एवं 2 विद्यार्थियों के बीच नकद राशि एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए। मौके पर मुख्यमंत्री ने कई पुस्तकों का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर एक्सआईएसएस गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष फादर अजीत खेस्स, निदेशक डॉ जोसेफ मरियानुस कुजूर, सहायक निदेशक डॉ प्रदीप समारोह की आवश्यकताओं केरकेट्टा सहित सभी विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर उपस्थित थे तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों से छात्र-छात्राएं उनके माता-पिता एवं प्रतिष्ठित पूर्व छात्र संघ सदस्य एवं अन्य ऑनलाइन उपस्थित थे।
युवा पीढ़ी के लिए बुजुर्गों के अनुभव की हमेशा आवश्यकता होती हैः बुधौलिया
युवा पीढ़ी के मार्गदर्शन के लिए बुजुर्गों के अनुभवों की हमेशा आवश्यकता होती है। बुजुर्ग हमेशा सम्मानीय होते हैं। समाजसेवी व पार्टीजन द्वारा उनके सम्मान समारोह का आयोजन अनुकरणीय है। यह बात भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया ने पूर्व पार्षद शिवभान सिंह टिंकू राठौर द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कही। समारोह में करीब
इंदरगढ़। नईदुनिया न्यूज
युवा पीढ़ी के मार्गदर्शन के लिए बुजुर्गों के अनुभवों की हमेशा आवश्यकता होती है। बुजुर्ग हमेशा सम्मानीय होते हैं। समाजसेवी व पार्टीजन द्वारा उनके सम्मान समारोह का आयोजन अनुकरणीय है। यह बात भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया ने पूर्व पार्षद शिवभान सिंह टिंकू राठौर द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कही। समारोह में करीब एक सैकड़ा बुर्जुर्गों का सम्मान किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता वरिष्ठजनों का सम्मान करने में हमेशा आगे रहे हैं। इसी क्रम में वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता टिंकू राठौर ने अपने वार्ड में सम्मान समारोह आयोजित कर पार्टी का अच्छा संदेश आमजन के बीच पहुंचाया है। उन्होंने उपस्थितों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग पूर्व पार्षद राठौर के साथ मिलकर नगर व वार्ड के विकास के लिए सहयोग दें।
इस मौके पर नगर के वार्ड 11 के पूर्व पार्षद शिवभान सिंह उर्फ टिंकू राठौर ने अपने वार्ड के 100 से अधिक वरिष्ठजनों का श्रीफल व कंबल भेंटकर सम्मान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष बुधौलिया ने सभी बुजुर्गों को पुष्पमाला पहनाकर, कंबल वितरित किए। इस अवसर पर पत्रकार अनूप सिंह जाट, सुरेंद्र श्रीवास्त, संजीव रिछारिया सहित अन्य लोगों को भी शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन रामस्वरूप मंडलिया ने किया। कार्यक्रम में इंदरगढ़ मंडल अध्यक्ष रामलखन सिंह गुर्जर, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र कमरिया, पूर्व मंडल अध्यक्ष लक्ष्मीकांत खरे, हरकिशन कुशवाहा पचोखरा, विक्की नगरिया, केके तिवारी, कमलेश खटीक मंडल उपाध्यक्ष, सुरेंद्र बघेल मंत्री, दुर्गेश बघेल मंत्री, राधाचरण चौबे, शोभाराम कुशवाहा, मंडल उपाध्यक्ष मुकेश चौरसिया आदि उपस्थित रहे। वरिष्ठ जन का सम्मान करते जिलाध्यक्ष।
आपके विद्यालय में विश्व स्वास्थ्य दिवस' मनाया गया, जिसमें आपने इसके महत्व व आवश्यकता को जाना। अपने छोटे भाई को भी इस समारोह का विवरण बताते हुए उसे भी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करते हुए पत्र लिखें।
MS Word Mein Asha karta hun ki aapke Vidyalay Mein Vishva Swasthya Divas Manaya jata hai jismein aap inke mahatva ya avashyakta ko jana Chahte Honge aapke Chhote bhaiyon bahan ko bhi is Vivah Mein Bataye Hue use bhi aapke Swasthya ke Prati Jagruk Hote Hue Patra Likha Hai To fir decorative test same picture and symbol
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New questions in Hindi
(ङ) यदि वर्षा होती, तो गरमी से थोड़ी राहत मिलती। इस वाक्य की पहली क्रिया पर दूसरी क्रिया का होना निर्भर कर रहा है। अतः इसका काल _______ होगा।
(ग) 'माता का अँचल' पाठ में भोलानाथ का अपने माता-पिता से बहुत लगाव है। बचपन में हर बच्चा एक पल के लिए भी माता-पिता का साथ नहीं छोड़ना चाहता है, किंतु म … ाता-पिता के बूढ़े हो जाने पर इनमें से ही कुछ उन्हें साथ न रखकर वृद्धाश्रम में पहुँचा देते हैं। ऐसे लोगों को आप किन शब्दों में समझाएँगे? विचार करके लिखिए।