इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं

3. खर्च पर अंकुश न होना
अनाप-शनाप खर्च करने वालों को खासतौर से बजट के अंदर रहना मुश्किल लगता है. कारण है कि वे खर्च को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. इसके चलते महीने के अंत में उनके हाथ खाली रहते हैं या फिर वे अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाते हैं.
सुरक्षित भविष्य में न लगे महंगाई की सेंध, इस तरह से करें अपनी वित्तीय प्लानिंग
जब आप अपने से एक पीढ़ी पीछे के लोगों से बातचीत करते हैं, तो आप भले ही किसी इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं भी दौर के क्यों न हों, अंत में यह चर्चा जरूर होती है कि बचपन से लेकर अब तक जिंदगी कैसे पूरी तरह बदल गई है। बदलाव के विभिन्न उदाहरण हमेशा एक ही बात पर आकर खत्म होते हैं कि पैसे की अब वो कीमत नहीं रह गई जो हुआ करती थी।
इस बातचीत की जड़ में कुछ और नहीं बल्कि महंगाई है। ये आंकड़े हर महीने सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और आम आदमी को इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं भी इसके बारे में पता होता है।
योजना बनाते समय अनदेखी करते हैं महंगाई
महंगाई एक ऐसा आर्थिक शब्द है जिसे हम सभी रोजमर्रा के जीवन में अनुभव करते हैं। हालांकि, जब हम अपने भविष्य की जरूरतों की योजना बनाते हैं तो हम महंगाई के प्रभाव को अनदेखा कर देते हैं। हर महीने एक लाख रुपये कमाने वाले एक 23 वर्षीय व्यक्ति के लिए एक करोड़ रुपये की रिटायरमेंट पूंजी काफी बड़ी हो सकती है।
आप महंगाई को कैसे हराएंगे
महंगाई की ताकत को कम ना आंके। इस दिशा में पहला कदम यह होगा कि आप अपने वित्तीय पोर्टफोलियो पर महंगाई के प्रभाव को कम करके आंकना बंद करें। जीवन में आगे चलकर आपके पास इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं पैसे की कमी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि आर्थिक योजना बनाते समय आप महंगाई का भी ध्यान रखें।
यह भी संभव है कि अनुमान के मुताबिक आपकी पूंजी संतोषजनक स्तर से बढ़ती नजर आए। इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं इसके अलावा, यह ना समझें कि सभी तरह के खर्चों के लिए महंगाई एक जैसी रहेगी। शिक्षा की महंगाई विशेष रूप से भारत में उच्च शिक्षा के मामले में, पिछले एक दशक में 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है।
वहीं इसके मुकाबले सीपीआई के अनुसार आंकी गई महंगाई दर 7 फीसदी के आसपास रही है। यही हाल चिकित्सा के बढ़ते खर्च का भी है। आपको अपनी प्रत्येक जरूरत पर महंगाई के असर को अलग-अलग मापना होगा।
म्यूचुअल फंड में बढ़ाएंगे निवेश तो डबल हो जाएगा आपका मुनाफा
पॉपुलर सेविंग स्कीम के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा मुनाफा देता है. लेकिन ये मुनाफा तब और भी ज्यादा हो जाता है, जब आप निवेश में छोटी ही सही, इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं लेकिन बढ़ोतरी करते रहते हैं.
'जी बिजनेस' का खास शो म्यूचुअल फंड हेल्पलाइन.
पॉपुलर सेविंग स्कीम के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा मुनाफा देता है. लेकिन ये मुनाफा तब और भी ज्यादा हो जाता है, जब आप निवेश में छोटी ही सही, लेकिन बढ़ोतरी करते रहते हैं. निवेश में समय-समय पर बढ़ोतरी करने से आप अपने निवेश से दूसरों के मुकाबले ज्यादा मुनाफा हासिल कर सकते हैं. हर साल कम से कम कितना निवेश बढ़ाया जाए? SIP बढ़ाने से क्या जल्द हासिल होंगे आपके लक्ष्य? 'जी इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं बिजनेस' के खास शो म्यूचुअल फंड हेल्पलाइन में सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर श्वेता जैन आपको बताएंगी कि निवेश में इजाफे से मुनाफा बढ़ाने का क्या फॉर्मूला है.
क्या आपका खर्च हमेशा बजट से ज्यादा रहता है? जानिए इसका समाधान
आपको क्या करना चाहिए
वास्तविक लक्ष्य बनाएं. अगर आप बचत करना चाहते हैं तो आपको कुछ महीनों के लिए अपने खर्चों पर नजर रखनी होगी. इसके पहले आपको तय करना पड़ेगा किन खर्चों को आप काट सकते हैं और किन्हें नहीं. खर्च को लेकर अनुशासित होना बेहद जरूरी है.
2. नजर रखने में गड़बड़ी
मान लेते हैं कि आप उत्साहित होकर बजट बना लेते हैं. लेकिन, इस पर सही से नजर नहीं रखते हैं तो आपको सही तस्वीर नहीं इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं मिलेगी. मसलन, आप हर एक खर्च को ट्रैक नहीं करते हैं या उसे इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं दर्ज करना भूल जाते हैं तो आपको आमदनी और खर्च का सही अंदाजा नहीं होगा. इसके चलते आप रुपये-पैसे के गलत फैसले लेंगे या ऐसे इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं लक्ष्य बना लेंगे जिन्हें पाना मुमकिन नहीं हो.
राशिफल 15 जून: मिथुन वाले जल्दबाजी में कोई काम न करें, कर्क को परेशान कर सकती है नौकरी
नक्षत्र अपनी चाल हर समय बदलते हैं. इनका हमारे जीवन पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कौन सा ग्रह और नक्षत्र आपकी कुंडली के कौन से घर में जा रहा है, इसके मुताबिक आपका जीवन प्रभावित होता है.
- कुंभ - आर्थिक तंगी खत्म होगी. इनकम और खर्चा बराबर रहेगा.
- मीन - बिजनेस न बढ़ाएं तो ही अच्छा इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं है. जो जैसा चल रहा है चलने दें.
- मकर - नए सौदे आज न करें तो ही अच्छा है. पैसा भी रुक सकता है.
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आम बजट से पहले जाने, कैसे तैयार होना चाहिए आपके घर का बजट
बजट सेटिंग राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा किया जाने वाला एक वार्षिक अभ्यास है। बजट शासक वर्ग को अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए वित्तीय आवंटन करने में मदद करता है। इनमें से कुछ जिम्मेदारियां हैं- सरकार के कामकाज का वित्तपोषण करना, अर्थव्यवस्था को सुधारना, कर संग्रह सुनिश्चित करना, सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, और आम आदमी के हाथ में अधिक से अधिक धन सुनिश्चित करना।
केंद्रीय बजट हमें एक रोड मैप प्रदान करता है जिसमे दिखता है की राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार अपनी आय का किस तरह उपयोग करेगी - वही आय जो सरकार अलग अलग करों (टैक्स) से कमाती है। वार्षिक बजट बनाना महत्वपूर्ण है, चाहे वह राष्ट्रीय स्तर पर हो या अपने घर के स्तर पर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरा बजट पेश करने जा रहीं हैं, सो आइए इस बात पर गौर करें कि 2020-21 के लिए अपने घर का इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं बजट क्यों और कैसे बनाना चाहिए।
क्यों आपको अपने घर का बजट बनाना चाहिए
हमारी आय, वित्तीय प्राथमिकताएं, जीवन लक्ष्य और जीवन शैली सभी समय के साथ बदलते हैं। इसलिए, जरूरी है कि हमारा पैसा इस तरीके से खर्च किया जाए जो हमें हमारी जीवन शैली में मदद करे, हमारे लक्ष्यों की प्राप्ती कराये, धन बनाने में मदद करे, और तनावपूर्ण समय में वित्तीय स्थिरता बनाये रखते।
बजट आपको यह सोचने पर मजबूर करता है की आपके लिए सबसे ज्यादा क्या महत्वपूर्ण है और कैसे उस चीज के लिए आप रकम जुटा सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2020-21 में मानिये आपका बच्चा स्कूल पूरा करने और कॉलेज शुरू करने जा रहा हो, इसलिए इस वर्ष आपकी प्राथमिकता होगी बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए रकम तैयार रखना।
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हर घर की विभिन्न वित्तीय प्राथमिकताएं हैं। आपको भी अपनी प्राथमिकताएं समझनी चाहिए। आपकी प्रथम-स्तरीय प्राथमिकताएं हैं किराया और ईएमआई का भुगतान करना, अपने इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं बच्चों की शिक्षा की फीस का भुगतान करना, जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना और बिजली, किराने, पानी, इंटरनेट आदि के लिए अपने तत्काल खर्चों को पूरा करना।
माध्यमिक प्राथमिकताएं हैं मनोरंजन के लिए पैसा लगाना, छुट्टी की योजना बनाना, अपने लिए नए यन्त्र खरीदना इत्यादि। जीवन लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में निवेश करना भी इन दो कोष्ठकों में आता है। उदाहरण के लिए, अपने रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाना की ऊंची प्राथमिकता है।
व्यर्थ के खर्चों से बचें
बजट-सेटिंग प्रक्रिया में आप यह भी जानेंगे कि आपका पैसा गया कहां। इसलिए अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट्स पर नजर डालें। देखें कि आपने कहां पैसा खर्च किया है, और क्या कोई समस्याग्रस्त खर्च पैटर्न उभर कर आता है।
उदाहरण के लिए, यह दिख सकता है कि आपने स्वास्थ्य बीमा खरीदने जैसी अधिक महत्वपूर्ण खर्चों के बजाय कपड़ों पर बहुत अधिक पैसा खर्च किया है। इन निष्कर्षों के साथ, नए साल में व्यर्थ खर्च में कटौती करने की कसम खाइये, ताकि आपके पास महत्वपूर्ण चीजों के लिए अधिक पैसा हो।