डिपाजिट बोनस

एम पी अपेक्स बैंक के डिपाजिट 8476 करोड़ हुए
26 सितम्बर 2022, भोपाल: एम पी अपेक्स बैंक के डिपाजिट 8476 करोड़ हुए – एम पी अपेक्स बैंक की 58वीं वार्षिक साधारण सभा गत सप्ताह 23 सितम्बर को सम्पन्न हुई । वार्षिक साधारण सभा की अध्यक्षता श्री बृजेश शरण शुक्ला, संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, सहकारी सस्थाएॅं, म.प्र. ने की ण्आपने बताया कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैंक लाभ की स्थिति में रहा है एवं बैंक की अमानतों में उत्तरोत्तर वृद्धि होकर 8476 करोड़ हो गई हैं ।
इस अवसर पर बैंक के प्रबंध संचालक श्री पी.एस.तिवारी द्वारा अपेक्स बैंक के समस्त सम्मानीय संचालकों का स्वागत करते हुए बैंक के अंकेक्षित वित्तीय पत्रकों एवं बजट का वार्षिक आमसभा में अनुमोदन कराया गया । उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन की मंशानुरूप अपेक्स बैंक द्वारा सहकारी केंद्रीय बैंकों के माध्यम से प्रदेश के किसानों को ’शून्य’ प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन ऋण मुहैया कराया जा रहा है । इस हेतु वार्षिक साधारण सभा द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव (सहकारिता), प्रमुख सचिव (कृषि) तथा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थाएॅं, म.प्र. को भी सहकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।
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पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट डबल कैसे होंगे?
हमारे मेल पर आने वाले सवालों में अक्सर लोग जानना चाहते हैं कि बैंक में पैसा कितने समय में दोगुना या डबल होता है। चूंकि पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में बैंकों के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलता है इसलिए बहुत से लोगों ने यह भी पुछा था कि पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपाजिट डबल कैसे होंगे? (How to double money in post office fixed deposit account) इस लेख में हम इस प्रश्न का जवाब पेश करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे किस तरह की जरूरत के लिए कौन सा अकाउंट खोलना बेहतर रहता है।
पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपाजिट डबल स्कीम क्या है?
सबसे पहले तो हम बता दें कि पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अकाउंट के नाम का अकाउंट नहीं होता। लेकिन एफडी अकाउंट की विशेषताओं वाला Post Office Time Deposit Account (TD) अकाउंट होता है। ध्यान रखें कि, फिक्स्ड डिपाजिट बोनस डिपॉजिट अकाउंट, टाइम डिपॉजिट अकाउंट, टर्म डिपॉजिट अकाउंट, सभी एक ही तरह के जमा अकाउंट होते हैं, जिनमें एक निश्चित समय (Fixed time Period) के लिए पैसा जमा होता है और निश्चित समय के बाद निश्चित रकम वापस मिल जाती है। पोस्ट ऑफिस में फिलहाल 4 तरह के फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलने की सुविधा है। इनमें मौजूदा ब्याज दर इस प्रकार है-
1 वर्षीय एफडी अकाउंट | 5.5% |
2 वर्षीय एफडी अकाउंट | 5.5% |
3 वर्षीय एफडी अकाउंट | 5.5% |
5 वर्षीय एफडी अकाउंट | 6.7 % |
इसमें जो सबसे ज्यादा अवधि वाला 5 वर्षीय एफडी अकाउंट (Time Deposit Account) है, उसमें भी 5 साल के बाद आपके 1 लाख रुपए के बदले में सिर्फ 1 लाख 38 हजार 42 रुपए वापस मिलते हैं। इस अकाउंट में आप 10 साल तक भी पैसा जमा करके रखते हैं तो सिर्फ 1 लाख 90 हजार 556 रुपए वापस मिलते हैं। यानी कि आपका पैसा डबल होकर नहीं मिलता है। पोस्ट ऑफिस के एफडी अकाउंट के माध्यम से पैसा डबल करने के लिए, आपको लगभग 11 साल पैसा जमा करने रखना पड़ता है।
आपका पैसा वास्तव में किस योजना में जमा करने पर डबल होता है?
दरअसल,पोस्ट ऑफिस में पैसा डबल करने वाली बचत योजना का नाम है-किसान विकास पत्र (Post Office Kisan Vikas Patra Scheme)। इसमें आप जो भी पैसा जमा करते हैं वह 10 साल 4 महीने के बाद आपको डबल होकर वापस मिलता है। यह योजना कैसे काम करती है, आइए जानते हैं।
किसान विकास पत्र योजना में पैसा डबल कैसे होता है?
शुरुआती दौर में किसान विकास पत्र योजना में पैसा जमा करने पर, आपको एक सर्टिफिकेट मिलता था। यह सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण होता था कि आपका इतना पैसा जमा है। उस सर्टिफिकेट को वापस करने पर निर्धारित तारीख को दोगुना होकर वापस मिल जाता था। इसे सर्टिफिकेट को भुनाना (Encashment) कहते हैं।
लेकिन, अब सर्टिफिकेट की बजाय पासबुक मिलती है। अब इसे डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक मोड में भी लिया जा सकता है, जिसमें आपके अकाउंट का पूरा डिटेल्स और रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज रहता है।
किसान विकास पत्र स्कीम पर इस समय जो ब्याज दर (6.9 %) लागू है, उसके हिसाब से आपकी जमा 10 साल 4 महीने (124 महीने) में दोगुनी हो जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने जनवरी 2020 में 1 लाख रुपए जमा किए हैं तो मई 2031 में आपको 2 लाख रुपए वापस मिल जाएंगे। यह योजना किस तरह काम करती है। इसमें खाता खोलने और संचालित करने के नियम और शर्तें क्या हैं, आइए जानते हैं-
कम से कम 1000 रुपए में खुलवा सकते हैं अकाउंट
आप कम से कम 1000 रुपए जमा करके डिपाजिट बोनस किसान विकास पत्र का खाता खुलवा सकते हैं। अधिकतम जमा की कोई लिमिट नहीं होती। 100 रुपए के गुणांक में, आप कितनी भी ज्यादा रकम जमा कर सकते हैं। पूरा पैसा एकसाथ जमा होता है। हालांकि, बाद में चाहें तो दूसरा या चाहे जितनी बार किसान विकास पत्र खरीदा जा सकता है। अकाउंट की गिनती या जमा रकम को लेकर कोई लिमिट नहीं होती।
6.9 % की दर से मिलती है अकाउंट में जमा पर ब्याज
किसान विकास पत्र पर इस समय (मार्च 2022 में) 6.9% सालानी के रेट से ब्याज मिल रही है। ये ब्याज आपके अकाउंट में हर वित्त वर्ष के अंत में जुड़ जाती है और फिर आगे चक्रवृद्धि ब्याज से पैसा बढ़ता रहता है। इस तरह से आपका पैसा कुल 10 साल 4 महीने पूरे होने पर, दोगुना होकर आपको मिल जाता है। पैसा डबल होकर किस तारीख को वापस मिलेगा, इसकी जानकारी भी आपको शुरुआत में ही पैसा जमा करते समय मिल जाती है।
कोई भी भारतीय नागरिक खरीद सकता है किसान विकास पत्र
- 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुका कोई भी भारतीय नागरिक अपने लिए, किसान विकास पत्र खरीद सकता है। दो या तीन व्यक्ति मिलकर साझा अकाउंट (Joint Account) भी खोल सकते हैं।
- 10 साल से अधिक उम्र का बच्चा, अगर अपने हस्ताक्षर से खाता का संचालन कर सकता है तो खुद भी अपने नाम पर किसान विकास पत्र का खाता खुलवा सकता है।
- 10 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए भी उसके अभिभावक (Guardian) की ओर से अकाउंट खुलवाया जा सकता है। मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति (Unsound Person) के लिए भी, उसके अभिभावक की ओर से यह अकाउंट खुलवाया जा सकता है।
जरूरत पड़ने पर, 2.5 साल बाद भी बंद कर सकते हैं खाता
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि किसान विकास पत्र में पैसा, 10 साल 4 महीने तक जमा रहता है। लेकिन, अब सरकार ने 2.5 साल बाद कभी भी इस अकाउंट को बंद करने की छूट दे दी है। इसके अलावा भी कुछ विशेष परिस्थितियों में अकाउंट बीच में बंद करने की छूट होता है। जैसे कि-
- खाताधारक की मौत होने पर
- गजटेड अफसर की ओर से बंधक किसान विकास पत्र के जब्त किए जाने पर
- कोर्ट की ओर से आदेश जारी किये जाने पर
लेकिन ध्यान रखें: मेच्योिरिटी के पहले अकाउंट बंद करने पर आपको, पिछली छमाही के पूरे होने के समय पहुंची रकम के बराबर पैसा मिलता है। जैसे कि,
2.5 साल से 3 साल के बीच कभी भी अकाउंट बंद करने पर | 2.5 साल तक का पैसा मिलेगा |
3 साल से 3.5 साल के बीच कभी भी अकाउंट बंद करने पर | 3 साल तक का पैसा मिलेगा |
3.5 साल से 4 साल के बीच कभी भी अकाउंट बंद करने पर | 3.5 साल तक का पैसा मिलेगा |
दूसरे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर भी कर सकते हैं किसान विकास पत्र
किसान विकास पत्र की मेच्योरिटी पूरी होने के पहले, यानी कि बीच में जरूरत समझने पर, इसे दूसरे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर किया जा सकता है। जहां आपका अकाउंट खुला है, वहां पर अपनी पासबुक और डॉक्यूमेंट्स के साथ अप्लीकेशन देना पड़ता है। अकाउंट ट्रांसफर संबंधी प्रक्रिया पूरी होने पर, नए व्यक्ति के नाम नए सिरे से पासबुक जारी की जाती है। लेकिन उसकी मेच्योरिटी अवधि वही रहती है, जोकि पहले व्यक्ति के नाम अकाउंट खुलवाते समय रही थी।
कुछ बैंकों में भी किसान विकास पत्र अकाउंट की सुविधा
किसान विकास पत्र, मूल रूप से भारत सरकार की एक लघु बचत योजना (Small Saving Scheme) है, जिसे किसानों को बचत के लिए प्रेरित करने के लिए बनाया गया था। बाद में इसमें किसी भी भारतीय नागरिक को अकाउंट खोलने के लिए, अनुमति दे दी गई। इसी तरह लंबं समय तक यह सिर्फ पोस्ट ऑफिस की बचत योजना थी।
आगे चलकर सरकार ने, बैंकों को भी किसान विकास पत्र योजना का अकाउंट संचालित करने की अनुमति दे दी। इसी तरह अब, पीपीएफ अकाउंट, एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजना का खाता भी पोस्ट ऑफिस के अलावा बैंकों में खोला जा सकता है।
तो दोस्तों ये थी पोस्ट ऑफिस की पैसा डबल करने वाली बचत योजना के बारे में जानकारी। रुपये-पैसों से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियों के लिए देखें हमारे लेख-
Green Fixed Deposit : ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में जानिए, ये है क्या, कैसे करें निवेश
नवीकरणीय उर्जा (रिन्यूऐबल एनर्जी), प्रदूषण की रोकथाम और वहनीय (सस्टेनेबल) जल परियोजानाओं आदि के क्षेत्र में अनेक बड़ी परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। मुख्य उद्देश्य, ग्रीन हाउस एमिशन (उत्सर्जन) के कारण होने वाली तापमान बढ़ोतरी को रोकना है। ग्रीन डिपाजिट में किए जाने वाले निवेश को इन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
जलवायु परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। तापमान में बढ़ोतरी के कारण होने वाले मौसमी पैटर्न में बदलाव को ही इसका मुख्य अपराधी माना जाता है। हमें वे सभी कोशिशें करनी चाहिए जो हमें इस जलवायु और पर्यावरण को होने वाली क्षति को रोकने के लिए कर सकते हैं। वैश्विक रूप से, हम यह देखते हैं कि उद्योग कारोबार करो करने के लिए पर्यावरण अनुकूल (ग्रीनर) तरीकों को अपना रहे हैं।युवा निवेशक भी ऐसे कारोबार को फाइनेंस करने के लिए उत्साहित हैं जिनके साथ निम्न कार्बन डिपाजिट बोनस फुटप्रिंट्स जुड़े हैं। अनेक समाधन पेश किए गए हैं। उनमें से एक ग्रीन डिपाजिट की शुरूआत है। ये नियत अवधि डिपाजिट हैं जिनको वित्तीय संस्थाओं और लैंडर्स द्वारा उन संस्थानों के लिए पेश किया गया है जो अपने पैसे को इको-फ्रेंडली परियोजनाओं में लगाना चाहते हैं।
नवीकरणीय उर्जा (रिन्यूऐबल एनर्जी), प्रदूषण की रोकथाम और वहनीय (सस्टेनेबल) जल परियोजानाओं आदि के क्षेत्र में अनेक बड़ी परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। मुख्य उद्देश्य, ग्रीन हाउस एमिशन (उत्सर्जन) के कारण होने वाली तापमान बढ़ोतरी को रोकना है। ग्रीन डिपाजिट में किए जाने वाले निवेश को इन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा और निवेशकों को इको-फ्रेंडली गतिविधियों में भाग लेने में सहायता की जाएगी। ऐसे उपयुक्त कारोबारों और परियोजनाओं की फाईनेंसिंग से लो-कार्बन, क्लाईमेट-रेजिलिएंट तथा सस्टेनेबल अर्थव्यवस्था को प्राप्त करना ही ग्रीन डिपाजिट्स का मुख्य उद्देश्य है।
मौजूदा समय में, एचडीएफसी तथा इंडसइंड बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों द्वार अपनी ग्रीन बैंकिंग प्रोडक्ट ऑफरिंग के एक भाग के तौर पर निवेशकों के लिए ग्रीन डिपाजिट्स को पेश किया गया है। इस प्रकार, डिपाजिट्स का प्रयोग संयुक्त राष्ट्र वहनीय विकास लक्ष्यों (यूएनएसडीजी) द्वारा समर्थित परियोजनाओं और फर्मों की फाईनेंसिंग करने के लिए किया जाएगा।
ग्रीन फिक्स्ड डिपाजिट्स तथ्य जिन्हें आपको जानना चाहिए।
सेक्टर्स जिनमें ग्रीन डिपाज़िट्स का निवेश किया जाएगा। वे सेक्टर्स जहां पर जमा की गई राशि का निवेश किया जाएगा उनमें उर्जा एफिशिएंसी, रिन्यूऐबल एनर्जी, ग्रीन ट्रांसपोर्ट, सस्टेनेबल फूड, कृषि, फोरेस्ट्री, वेस्ट मैनेजमेंट, ग्रीनहाउस गैस कमी तथा ग्रीन बिल्डिंग्स शामिल हैं।
ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट्स की विशेषताएं
उच्च ब्याज दर
यदि आप ग्रीन डिपाज़िट्स में निवेश करते हैं, तो आप 6.55% प्रति वर्ष तक का ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। यह परम्परागत बैंक फिक्स्ड डिपाज़िट से मिलने वाली ब्याज दर से थोड़ा अधिक है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त रिटर्न
वरिष्ठ नागरिक, अपने 2 करोड़ रूपये तक के निवेश पर 0.25% से डिपाजिट बोनस 0.5% तक प्रति वर्ष अतिरिक्त ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
आनलाइन निवेश पर अतिरिक्त रिटर्न मिलता है
यदि निवेशक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का विकल्प चुनता है और लैंडर्स पोर्टल या मोबाइल एप्लीकेशन्स के माध्यम से ग्रीन डिपाज़िट्स में निवेश करता है, तो उन्हें 50 लाख रूपये तक के निवेश पर 0.1% का अतिरिक्त रिटर्न मिलता है।
बीमा समर्थन
ग्रीन डिपाज़िट्स के अंतर्गत डिपाज़िट्स के लिए 5 लाख रूपये तक बीमा प्रदान किया जाता है।
अवधि
ग्रीन डिपाज़िट्स में निवेश की न्यूनतम अवधि 18 महीनों की है, और अधिकतम अवधि 10 वर्ष तक की है।
कौन निवेश कर सकता है?
सभी भारतीय नागरिक, एनआरआई, कारपोरेट तथा ट्रस्ट भारत में ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट करने के पात्र हैं। इनमें एकल स्वामित्व, साझेदारी फर्में, सोसाइटीज़, क्लब, एसोसिएशन तथा अवयस्कों की ओर से अभिभावक भी शामिल हैं।
समय पूर्व विदड्रावल पर जुर्माना
किसी निवेशक द्वारा ग्रीन डिपाज़िट्स मे किए गए निवेशक के पहले तीन महीनों के दौरान पैसा को डिपाजिट बोनस विदड्रा नहीं किया जा सकता है। यदि किसी निवेशक द्वारा तीन महीनों के बाद, लेकिन छह महीनों के अंदर पैसे को विदड्रा किया जाता है, तो ब्याज दर चाहे कोई भी लागू होती है, निवेशक को केवल 3% ब्याज दर का ही भुगतान किया जाएगा। गैर-व्यक्ति निवेशक की स्थिति में, इस प्रकार के समय पूर्व विदड्रावल पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। लेकिन, छह महीनों के बाद किए जाने वाले समय पूर्व विदड्रावल पर 1% जुर्माना लगाया जाएगा। इसके मायने हैं कि निवेशक को लागू ब्याज दर की तुलना में 1% कम ब्याज दर से भुगतान किया जाएगा। लेकिन, इस प्रकार के विद्ड्रावल, फिर चाहे वे आंशिक हैं या पूर्ण, तो डिपाजिट्स अब ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट नहीं डिपाजिट बोनस रहेंगे और उन्हें नियमित फिक्स्ड डिपाज़िट्स माना जाएगा।
ओवरड्राफ्ट सुविधा
आप ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट्स पर ओवरड्राफ्ट सुविधा ले सकते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में डिपाज़िट को नियमित फिक्स्ड डिपाज़िट में बदल दिया जाएगा।
निवेश कैसे करें?
आप ज़रूरी दस्तावेजों जैसे पैन कार्ड या आधार कार्ड के साथ या तो ऑनलाइन विकल्प चुन सकते हैं, अपना ब्यौरा भरें तथा राशि और अवधि को चुन सकते हैं। ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट का विकल्प चुनें तथा अपने बचत खाते से राशि को ट्रांसफर कर दें। या फिर आप फिजिकल माध्यम को अपना सकते हैं और उन बैंक शाखाओं में जा सकते हैं जहां पर ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट को ऑफर किया जाता है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट मध्यम से उच्च जोखिम उठाने मे यकीन रखने वाले निवेशकों के लिए कोई आकर्षक प्रस्ताव नहीं हो सकता है। लेकिन, कंजरवेटिव निवेशक तथा वरिष्ठ नागरिक निवेश के नज़रिए से इन प्रोडक्ट्स को चुन सकते हैं।
लेकिन, यहां यह बात स्पष्ट करनी भी जरूरी है कि ग्रीन डिपाज़िट्स मात्र निवेश या रिटर्न देने वाले प्रोडक्ट्स की तुलना में एक बड़ा उद्देश्य रखते हैं। सस्टेनेबिलिटी और प्लेनेट सेविंग कार्यों का दीर्घकाल में मानवता पर बड़ा प्रभाव होगा, जिसके लिए सभी के लिए दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। इसलिए, निवेशकों को ग्रीन फिक्स्ड डिपाजिट पर विचार जरूर करना चाहिए और कुछ पोर्शन निवेश करना चाहिए, जो उनके कुल पोर्टफोलियो का 1% हो सकता है, ताकि भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर कल का निर्माण किया जा सके।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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