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शेयर कैसे खरीदें और बेचे

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Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब

अमित कुमार दुबे

पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से शेयर कैसे खरीदें और बेचे निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)

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दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)

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यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि शेयर बाजार से 90 फीसदी से ज्यादा रिटेलर पैसा नहीं बना पाते हैं, हर रिटेल निवेशक को शेयर बाजार में कदम रखने से पहले इसे आंकड़े को ध्यान में रखना चाहिए. लेकिन एक इसमें एक अच्छी बात यह है कि 10 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बनाने में सफल रहते हैं. क्योंकि वे नियमों को फॉलो करते हैं. (Photo: Getty Images)

शुरुआत कैसे करें:

अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.

1. शुरुआत कैसे करें: शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.

छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत


2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)

टॉप कंपनियों को चुनें

3. टॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा शेयर कैसे खरीदें और बेचे रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.

 निवेशित रहने की जरूरत

4. निवेशित रहने की जरूरत: जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. (Photo: Getty Images)

पैनी स्टॉक्स से रहें दूर

5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.

 गिरावट में घबराएं नहीं

6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. (Photo: Getty Images)

 कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश


7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)

यह शेयर 15,000 गुना कीमत देने पर भी नहीं मिल रहा, जानिए पूरी कहानी

BSE पर इसकी कीमत महज 6 रुपये है, मगर जानकारों के अनुसार इस शेयर की असली कीमत 1 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिए.

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हाइलाइट्स

  • यह कंपनी अपने निवेशकों को हर साल कंपनी 15 रुपये का डिविडेंड देती है.
  • निवेशक इस शेयर को खरीदने के लिए 15,000 गुना तक कीमत देने को तैयार हैं.
  • साल 2011 के बाद इस शेयर का कारोबार सिर्फ 18 बार हुआ है.

यह शेयर है माइक्रकैप कंपनी एल्सिड इंवेस्टमेंट्स (Elcid Investments) कंपनी का. यह कंपनी एशियन पेंट्स के प्रमोटर्स में शामिल है. शुक्रवार को एशियन पेंट्स के शेयर 1,515 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे.

एल्सिड की दो सहयोगी कंपनियां हैं. इन दोनों के नाम मुराहर इंवेस्टमेंट्स एंड ट्रेडिंग कंपनी और सुप्तेश्वर इंवेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी हैं. दोनों ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में पंजीकृत हैं.

एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के पास एशियन पेंट्स के 2.83 करोड़ शेयर हैं. इस तरह कंपनी में इसकी करीब 2.95 फीसदी हिस्सेदारी है. मौजूदा समय में इस हिस्सेदारी की वैल्यू 4,200 करोड़ रुपये से अधिक है. मगर एल्सिड इंवेस्टमेंट की पेड-अप कैपिटल महज 0.20 करोड़ रुपये और मार्केटकैप सिर्फ 0.12 करोड़ रुपये है.

बीते आठ महीनों में इस शेयर में कारोबार नहीं हुआ है. इसका अंतिम दफा कारोबार 9 अगस्त 2018 को हुआ था, जब इस शेयर ने 5 फीसदी का अपर सर्किट हिट करते हुए 5.89 रुपये का स्तर छुआ था. खास बात है कि कंपनी हर साल 15 रुपये का डिविडेंड भी देती है.

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दलाल पथ पर निवेशक इस 'जैकपॉट' शेयर को खरीदने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. मगर बाजार की कीमत और वास्विक कीमत में इतने बड़े फर्क के कारण कोई इसे बेचने को तैयार नहीं है. साल 2011 के बाद इस शेयर का कारोबार सिर्फ 18 बार हुआ है.

हिडन जेम्स एडवाइजरी के निदेशक आशीष चुघ ने कहा, "कोई भी निवेशक 80,000 रुपये से अधिक की कीमत वाले शेयर को महज 6 रुपये की कीमत पर नहीं बेचेगा. ऐसा सिर्फ तभी होता है, जब कोई गलती से शेयर को बेच दे. इसकी संभावनाएं बेहद कम है."

क्या है इसकी वास्तविक कीमत?

सेबी द्वारा पंजीकृत फर्म SA इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स के सह-संस्थापक अरुण मुखर्जी का मानना है कि इस शेयर की असली कीमत 1 लाख रुपये से अधिक है. उनका मानना है कि होल्डिंग कंपनियों के शेयर अमूमन 30 से 40 फीसदी के डिस्टकाउंट पर कारोबार करते हैं.

मुखर्जी ने कहा, "यदि कोई शेयरधारक इसे बेचेगा, तभी तो कोई खरीद पाएगा. ऐसे ही बाजार में लेन-देने होता है. एल्सिड की वास्तिव कीमत 1 लाख रुपये से अधिक है. कोई भी इसे 6 रुपये की कीमत पर तो नहीं बेचने वाला. इसी वजह से न इसका कोई वॉल्यूम हैं और न ही लेन-देन."

निवेशकों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था
कई निवेशकों ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए उनसे इस मामले में हस्ताक्षेप करने की की मांग की थी. वे सेबी और BSE के पास भी गए थे. कई निवेशकों ने इस शेयर की सही कीमत का अंदाता लगाने के लिए 'कॉल ऑक्शन' प्रक्रिया का भी विकल्प सुझाया था.

एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के प्रमोटर्स ने साल 2013 में शेयर कैसे खरीदें और बेचे ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के तहत 5,000 रुपये प्रति शेयर की पेशकश की थी. इसके बाद उन्होंने साल 2013 में 11,455 रुपये प्रति शेयर शेयर कैसे खरीदें और बेचे की कीमत पर कंपनी को डीलिस्ट करने की भी पेशकश की थी. मगर इसे भी अस्वीकार कर दिया गया.

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चुघ का कहना है कि नियम और कानून अल्पसंख्यक और रिटेल शेयरधारकों के लिए बनाए जाने चाहिए. नियामक और एक्सचेंजों को इन निवेशकों के हितों की रक्षा करनी शेयर कैसे खरीदें और बेचे चाहिए. कई भोले-भाले निवेशक इस तरह के ऑफर्स के झांसे में आ जाते हैं और बेहद कम कीमतों पर अपने शेयर गंवा देते हैं.

क्या करें निवेशक?
न तो सेबी और न ही NSE ने निवेशकों को अपील पर गौर किया है. चुघ का कहना है, "यदि एक्सचेंज प्राइस डिस्कवरी का आदेश दें, तो इस शेयर की असली वैल्यू कम से कम 80,000 रुपये से ऊपर होगी. मगर ऐसा कोई नियम नहीं हैं. यह एक्सचेंजों पर निर्भर करता है."

उन्होंने कहा कि एक्सचेंजों को छोटे निवेशकों के विषयों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और उनके हितों की रक्षा करनी चाहिए. दिल्ली के इस वैल्यू निवेशक का मत है कि ऐसे मामलों में एक्सचेंजों को प्राइस डिस्कवरी का आदेश देना चाहिए, ताकि सही वैल्यू निकल कर आ सके.

अमूमन एक्सचेंज ऐसे शेयरों के कारोबार को निलंबित कर देते हैं. यह शेयर कैसे खरीदें और बेचे सबसे सरल रास्ता है. उन्होंने कहा, "यदि ऐसे शेयरों का कारोबार रोका जाता है, तो हजारों छोटे निवेशक फंस जाते हैं. इससे उनके शेयर की लिक्विडिटी खत्म हो जाती है. इसका असर प्रमोटर्स पर नहीं पड़ता है."

खास शेयरों की परख रखने में माहिर मुखर्जी ने कहा कि ऐसे शेयरों के लिए भी खरीदार हैं. ऐसे कई ब्रोकर्स हैं, जो सही भाव पर इन शेयरों की बिक्री करते हैं. यदि कोई इस शेयर को बेचना ही चाहता है, तो वह इन ब्रोकर्स से संपर्क कर सकता है.

भारत में होल्डिंग कंपनियों को लेकर कोई खास कानून नहीं हैं. मुखर्जी ने कहा, "ऐसी स्थिति में कुछ नहीं हो सकता. यदि एशियन पेंट्स और एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के प्रमोटर्स कुछ शेयर कैसे खरीदें और बेचे करना चाहें, तो ही इस दिशा में आग कदम बढ़ाए जा सकते हैं."

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर शेयर कैसे खरीदें और बेचे ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे काम करता है शेयर बाजार

मान लीजिए किसी के पास एक शेयर कैसे खरीदें और बेचे अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.

शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और शेयर कैसे खरीदें और बेचे एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो शेयर कैसे खरीदें और बेचे जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?

इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा शेयर कैसे खरीदें और बेचे और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.

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