ट्रेडिंग फॉरेक्स के लाभ

मार्केट ऑर्डर

मार्केट ऑर्डर
29 अगस्त से शुरू होने वाले पिछले दो महीनों में HFCL को मिलने वाला ये पांचवां ऑर्डर है। कंपनी के मैनेजमेंट ने इस महीने की शुरुआत में सितंबर तिमाही के रिजल्ट जारी करने के दौरान उल्लेख किया था कि रेलटेल, रिलायंस प्रोजेक्ट्स और अन्य कंपनियों ऑर्डर मिला है। उस समय कंपनी के पास 5,200 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक थी।

Stock Market Pre-Opening

स्टिकर प्राइस - sticker price

स्टॉक मार्केट में, ऑर्डर करने का सबसे सरल तरीका कहा जाता है कि एक मार्केट ऑर्डर लगाया जाए कार शॉपिंग शर्तों में, बाज़ार ऑर्डर देने का मतलब है कि आप डीलर के स्टीकर की कीमत का भुगतान करने के लिए तैयार हैं। स्टीकर कीमत पर एक कार खरीदने और पेशेवरों द्वारा पूछे जाने वाले मूल्य को कॉल करने पर स्टॉक खरीदने में थोड़ी ही फर्क है चूंकि स्टॉक पूरे दिन लंबी होती है और कीमतें तेज़ी से बदल सकती हैं, जब आप एक बाज़ार ऑर्डर देते हैं तो आप नहीं जानते कि आप जितने शेयर खरीदते हैं, उसके शेयरों का भुगतान कितना होगा। उदाहरण के लिए, अगर आप 200,000 मूल्य एबीसी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं और स्टॉक को वर्तमान में $ 25 में सूचीबद्ध किया गया है। 00 प्रति शेयर, आपकी अंतिम कीमत $ 25 से अधिक या कम हो सकती मार्केट ऑर्डर मार्केट ऑर्डर है। 00 यदि आप बाजार के आदेश पर एक शेयर डालते हैं दूसरे शब्दों में, स्टिकर की कीमत उस समय के बीच में बदल सकती है

HFCL share के भाव में दिखा उछाल, दो महीनों में पांचवां ऑर्डर मिलने से रॉकेट बना स्टॉक

HFCL के मैनेजमेंट ने सितंबर तिमाही के रिजल्ट जारी करने के दौरान कहा था कि कंपनी को रेलटेल, रिलायंस प्रोजेक्ट्स और अन्य कंपनियों ऑर्डर मिला है। उस समय कंपनी की ऑर्डर बुक 5,200 करोड़ रुपये की थी

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HFCL Share Price Jumps 5 percent today: एचएफसीएल लिमिटेड (HFCL Ltd) के शेयरों में आज तेजी देखने को मिली। कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बाजार में तेजी नजर आई। इसके साथ एचएफसीएल लिमिटेड के शेयरों ने भी सोमवार को इंट्राडे ट्रेड में लगभग 5 प्रतिशत की छलांग लगाई। कंपनी को लगभग 115 करोड़ रुपये का खरीद आदेश (purchase orders) मिलने के बाद शेयरों में उछाल देखने को मिला। HFCL को रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में रिलायंस डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रोजेक्ट सर्विसेज लिमिटेड) से ऑर्डर मिला है। HFCL को देश के प्रमुख निजी टेलीकॉम ऑपरेटरों में मार्केट ऑर्डर से एक को ऑप्टिकल फाइबर केबल की आपूर्ति करने के लिए ये ऑर्डर मिला है।

कपड़ा मंडी में बढ़े घरेलू व एक्सपोर्ट मार्केट के ऑर्डर, जॉब रेट बढ़ी

भीलवाड़ा | कपड़ा मंडी ने दो महीने की मंदी के बाद एक बार फिर रफ्तार पकड़ी है। पिछले 2 महीने से कपड़ा मंडी में लूमों पर कम प्रोग्राम होने से जॉब रेट काफी कम हो गई थी। इस कारण वीविंग उद्योग काफी समस्याओं से मार्केट ऑर्डर जूझ रहा था।

दो महीने बाद अब धीरे-धीरे घरेलू मार्केट और एक्सपोर्ट मार्केट के ऑर्डर अच्छे मिलने के कारण अब मंदी के बादल धीरे-धीरे छंटने लगे हैं। सिंथेटिक वीविंग मिल्स एसोसिएशन के सचिव रमेश अग्रवाल ने बताया कि जॉब रेट में अच्छी तेजी आई है। सिंगल लूम के प्रोग्राम के जॉब रेट अब 16 पैसा प्रति पीक हो गई जो दो महीने पहले 13 पैसे तक पहुंच चुकी थी। यह काफी कम मार्केट ऑर्डर रेट थी। इसलिए उद्यमी नई डिमांड को लेकर चिंतित थे। अब बाजार में एक्सपोर्ट के ऑर्डर अच्छे आ रहे हैं। रिटेल में अच्छी ग्राहकी चलने से डोमेस्टिक मार्केट के भी अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि धीरे-धीरे घरेलू और एक्सपोर्ट मार्केट के ऑर्डर और बढ़ेंगे। अग्रवाल ने बताया कि पिछले दिनों वस्त्र भवन में उद्यमियों की मीटिंग हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया की डबल लूम पर 11 पैसे से कम कोई भी उद्यमी जॉब रेट नहीं करेगा। कपड़ा उद्यमी अपने हिसाब से उत्पादन कम कर लेगा लेकिन इससे कम रेट पर जॉब नहीं करेगा। उद्यमियों के इस सामूहिक निर्णय का भी कपड़ा मंडी में असर देखा गया।

अडानी मार्केट ऑर्डर ग्रुप से ऑर्डर मिलने के बाद रॉकेट बना शेयर, निवेशकों की चांदी

अडानी ग्रुप से ऑर्डर मिलने के बाद रॉकेट बना शेयर, निवेशकों की चांदी

शेयर मार्केट में मंगलवार को सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर रॉकेट की तरह भाग रहे हैं। अचानक शेयरों में इस तेजी की बड़ी वजह अडानी समूह से मिला ऑर्डर है। मार्केट ऑर्डर अडानी ग्रीन एनर्जी ने 48.3 मेगावॉट का विंड पॉवर प्रोजेक्ट बनाने का नया ऑर्डर दिया है। बस इसी खबर को जैसे ही बाजार को मिली, कंपनी के शेयर उड़ान भरने लगे। बता दें, कंपनी के शेयर के भाव में 5.89 मार्केट ऑर्डर प्रतिशत की उछाल देखने को मिली है। जिसके बाद कंपनी के एक शेयर की कीमत 7.90 हो गई है।

सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में औसतन 5 दिन और 100 दिन पर तेजी देखी गई है। लेकिन 20 दिन, 50 दिन और 200 दिन के औसतन मूविंग में गिरावट सामने आई है। बीएसई में कंपनी का मार्केट कैप 7,836 करोड़ रुपये का है। बता दें, इस साल कंपनी ने अपने मार्केट ऑर्डर प्रदर्शन से निवेशकों को निराश किया है। साल 2022 में अबतक कंपनी के शेयर का भाव 21 प्रतिशत तक टूट गया है।

स्टॉक मार्केट प्री-ओपन

"प्री-ओपन याने की शेअर बाजार खुलने से पहले।" आसान है ? इंडिया के स्टॉक मार्केट में ओपनिंग बेल सुबह 9:00 AM को बजतीं है। 9:00 AM to 9:08 AM तक शेअर बाजार में थोडीसी हलचल होती है। और सात मिनट शांत रहता है। उसे " प्री- ओपन मार्केट" कहते है। " प्री-ओपन समय 15 मिनट का होता है।" स्टॉक मार्केट 9:15 AM को ओपन होता है।

स्टॉक मार्केट खुलते ही शुरू गया तो, शुरुवाती ट्रेड्स के जोरदार आगमन से झटके लग सकतें है। यहां झटकों से मतलब है की, कीमतों में जोरदार उठा-पटक हो सकतीं है। इससे "Stock Exchanges" को ट्रेड्स के मिलान में दिक्कत आ सकती है। प्री-ओपन सत्र के कारण, "शुरूआती अस्थिरता कम होती है।"

स्टॉक मार्केट पिछले दिन बंद होने के बाद कोई समाचार याने की "News" आती है तो, सुबह जोरदार एक्शन को हो जाने के लिए यह सत्र महत्वपूर्ण होता है।

प्री-ओपन सत्र में क्या होता है ?

1 ) "9:00 AM से 9:08 AM" तक के शुरूआती "आठ मिनटों में" ट्रेड्स जो की डाले गए है, उनका संग्रह होता है। सही कीमतों का संशोधन होता है। इस वक्त में डाले गए ऑर्डर्स को रद्द भी किया जा सकता है।

2 ) इसके बाद "9:08 AM से 9:12 AM" तक के समय में, कीमतों का मिलान याने की,"ऑर्डर्स मैचिंग" करके, ओपन के लिए कीमत प्रस्तावित की जाती है। इसे संतुलित कीमत का चुनाव करने का वक्त माना जाता है।

3 ) और "9:12 AM से 9:15 AM" तक का अवकाश लिया जाता है। इससे स्टॉक मार्केट मार्केट ऑर्डर "प्री-ओपन से - सामान्य कामकाज के लिए" तैयार होता है।

प्री-ओपन सत्र में कौन-से ट्रेड्स होतें है ?

इसमें ज्यादा दूर की कीमतें लगाईं जातीं है। जैसे की, स्टॉप-लॉस लगाए जातें है। अगर पिछले दिन शेअर्स लिए है तो, हम सुबह बेच सकते है। या फिर अगर हमें कोई शेअर्स खरीदने है तो, हम प्री-ओपन सेशन में खरीद सकतें है। "प्राइस मैच होते ही ट्रेड पूरा हो जाता है।"

इसमें हम, (1) "मार्केट ऑर्डर" के जरिये ट्रेड ले सकते है। मार्केट ऑर्डर में, जो प्राइस उपलब्ध है यानि चल रही है। उसपर ट्रेड होता है।

(2) हम "लिमिट ऑर्डर" के जरिये भी ट्रेड ले सकते है। लिमिट ऑर्डर में हम कीमत सेट करते है। "कीमत मैच हुई तो ट्रेड होता है।"

प्री-ओपन सेशन सिर्फ सुबह की भीड़ को सुचारु ढंग में लाने के लिए होता है। प्री-ओपन सत्र में फ्यूचर और ऑप्शंस के व्यवहार नहीं होतें है।

प्री-ओपन सत्र में ट्रेडिंग की जोखिम

प्री-ओपन सेशन में नॅशनल और इंटर-नॅशनल "न्यूज़ का प्रभाव" होता है। एक अकेले ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर को इन सारी चीजों को ध्यान में लेना मुश्किल होता है।

स्टॉक मार्केट वर्किंग टाइम मार्केट ऑर्डर कितना है ?

इंडियन स्टॉक मार्केट का वर्किंग टाइम "सुबह 9:00 AM बजे से दोपहर 3:30 PM तक" याने की " 6 मार्केट ऑर्डर घंटे,30 मिनट" का होता है। इस समय को "ट्रेडिंग सेशन" भी कहा जाता है।

Stock Market Timing
Stock Market Timing in Hindi.

1 ) फर्स्ट हाफ

2 ) सेकंड हाफ

स्टॉक मार्केट में काम करने के लिए सुविधा हो इसीलिए इसलिए यह रचना की गई है। और अगर हम ध्यान से देखें तो हमे यह समझ में आता है कि, स्टॉक मार्केट में फर्स्ट हाफ में 11:00 am बजे तक ज्यादा एक्टिविटी रहती है। और तकरीबन एक से डेढ़ घंटे तक मार्केट शांत रहता है।

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मतदाताओं की संख्या: 806
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