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क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास
क्रिप्टोकरेंसी जानकारों का कहना है कि अभी इतना ज्यादा डेटा नहीं है जिसके आधार पर फंडामेंटल ऐनालिसिस किया जा सके. डिजिटल असेट के निवेशकों की संख्या भी काफी कम है. हालांकि, कुछ बेसिक रूल्स हमेशा फॉलो करने चाहिए. इससे आप होने वाले नुकसान को लिमिटेड रख सकते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है और भारत मार्किट

क्रिप्टोकरेंसी word आपने कई बार सुना होगा क्योंकि चाहे Elon Musk हो या फिर Warren Buffett कोई भी क्रिप्टोकरेंसी के नाम से अछूता नहीं है। अग़र आप क्रिप्टो के बारे में नहीं जानते है तो ये Article आपके लिए है। इस Article में हमने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है, जो आपको इस वर्चुअल करेंसी को समझने में वहुत मदद मिलेगी।

आसान भाषा में कहे तो क्रिप्टोकरेंसी डिजिटिल फोर्म में है जो एक डिजिटल क़ैश प्रणाली है जिसे कंप्यूटर के कोडिंग language के algorithem पर काम करती है। ये डिजिटल फॉर्म उसी तरह सुरक्षित है जिस तरह अन्य देशों की मुद्रा। यह एक वर्चुअल करेंसी है जिसे छुआ नहीं जा सकता। आजकल इस मुद्रा का चलन काफी बढ़ता जा रहा है, इस डिजिटल क्रिप्टो करेंसी का उपयोग इंटरनेशनल मार्किट में खरीदारी, इन्वेस्टमेंट और सर्विसेज़ में किया जा रहा है। इसका उपयोग आप कहीं भी किसी भी Time कर सकते है और साथ ही इन्वेस्ट करके अपने पैसे में मुनाफा कमा सकते है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

April,2021 तक लगभग 10000 प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी हो गयी है। इस बात से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होने वाला है। Cripto में सबसे ज्यादा फेमस Bitcoin है, इसके अलावा और भी Cripto काफी Famous हो रही है जैसे –

RankNameSymbol
1BitcoinBTC
2EthereumETH
3Binance CoinBNB
4CardanoADA
5TetherUSDT
6XRPXRP
7DogecoinDOGE
8USD CoinUSDC
9PolkadotDOT
10UniswapUNI

भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो को कभी भी आधिकारिक मंजूरी नहीं दी है तथा इसे अवैध भी करार नहीं किया है क्योंकि क्रिप्टो पर किसी का अधिकार नहीं है तो rbi इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देता है इसलिए ही rbi ने अपनी खुद की डिजिटल करेंसी रेगुलेट करने के बारे में कहा है। सूत्रों से पता चला है की rbi इस साल के अंत तक अपनी करेंसी लेकर आ सकता है जो क्रिप्टो की तरह ही वर्क करेगी पर उसका रेगुलेशन rbi ही करेगा। इस करेंसी का नाम होगा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central bank digital currency ) होगा।

क्रिप्टोकरेंसी के लाभ

  • क्रिप्टोकरेंसी के लेन -देन कहीं से भी किया जा सकता है और किसी भी टाइम।
  • इस तरह की करेंसी में गोपनीयता बहुत होती है जिसकी वजह से लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।
  • इन करेंसी का उपयोग विश्व में कहीं भी किया जा सकता है बिना किसी अतरिक्त शुल्क के।
  • कोई भी व्यक्ति इसका उपयोग कर सकता है।

इतिहास की सबसे बड़ी डकैती: न गोली, न बंदूक, क्रिप्टो घोटाले से लूटे जा रहे अरबों डॉलर

साल 2016 में क्रिप्टो एक्सचेंज बिटफिनिक्स (Bitfinex) पर हमला कर साइबर हैकरों ने 1.2 लाख बिटकॉइन लूट लिया था, जिसकी उस वक्त कीमत 7 करोड़ डॉलर (520 करोड़ रुपये) थी। तब पूरी दुनिया का ध्यान क्रिप्टो हैंकिंग की तरफ गया था। आज उन लूटे गए क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 4.5 अरब डॉलर (करीब 33,000 करोड़ रुपये) है, जिसके आगे दुनिया की सभी बड़ी बैंक डकैतियां भी बौनी साबित होंगी।

इस क्रिप्टो डकैती के सिलसिले में अधिकारियों ने बाद में इल्या लिचेंस्टीन और हीथर मॉर्गन नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जो खुद को बिटकॉइन तकनीक पर फोकस करने वाले "सीरियल आंत्रप्रेन्योर" कहते थे। यह उस समय की याद दिलाता है, जब 18 और 19वीं सदी के प्रसिद्ध बैंक लुटेरे खुद को डकैत के बजाय 'कलाकार' मानते थे।

दुनिया के इतिहास की अब तक की सबसे बैंक डकैती साल 1987 में हुए 'नाइट्सब्रिज सिक्योरिटी डिपॉजिट' लूट को माना जाता है। लंदन में स्थित इस डिपॉजिट सेंटर से तब बैंक लूटरों ने करीब 9.7 करोड़ डॉलर लूटा था। इस लूट को इटली के प्रसिद्ध जालसाज और ठग वेलेरियो विक्की ने अंजाम दिया था।

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हालांकि कोई भी बैंक डकैती इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के किए उस कारनामे की बराबरी नहीं कर सकती, जो उन्होंने 2003 में अमेरिका के साथ युद्ध के दौरान किया था। बगदाद पर अमेरिकी सेना के कब्जे से ठीक पहले सद्दाम हुसैन का बेटा कुसे, देश के सेंट्रल बैंक में तीन बड़े ट्रकों के साथ गया था। वहां उसने सद्दाम का एक हस्तलिखित नोट दिखाकर देश के सेंट्रल बैंक से करीब 1 अरब डॉलर की रकम निकाल ली, ताकि यह पैसा आक्रमणकारियों के हाथों में न पड़े। हालांकि बाद में ऐसी खबरें आईं की अमेरिकी सेना ने इस रकम को बरामद कर लिया है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार | Types Of Cryptocurrency

शुरुआती दौर में तो केवल बिटकॉइन ही एकमात्र क्रिप्टोकरेंसी था. लेकिन धीरे-धीरे इंटरनेट एक्सपर्ट्स ने तमाम तरीके की क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत कर दी उनमें से कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी निम्नलिखित हैं.

  • बिटकॉइन (BTC) – बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी है इसे 2009 में सातोशी नाकामोटो ने बनाया था और आज भी यह दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी है.
  • ईथोरियम (ETH) – यह Coinmarket cap के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे 2015 में लांच किया गया था यह ईथर नाम से भी प्रसिद्ध है.
  • लाइटकॉइन (LTC) – लाइट कॉइन भी अन्य तरीके की क्रिप्टोकरेंसी की ही तरह एक पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है. यह डिसेंट्रलाइज होने के साथ-साथ पियर टू पियर टेक्नोलॉजी के तहत भी काम करती है. इसकी शुरुआत सन 2011 में हुई थी.

क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं | Features Of Cryptocurrency

क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है तो ऐसे में इसे इस्तेमाल करने के कई सारे फायदे होते हैं इसे इस्तेमाल करने के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं

  • क्रिप्टोकरेंसी के लिए आपको किसी बैंक की जरूरत नहीं पड़ती है. आप बिना बैंक के हस्तक्षेप के इसे खरीद बेच सकते हैं
  • क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग करना काफी ज्यादा आसान होता है. इसकी ट्रेडिंग के लिए इंटरनेट पर कई सारे वैलेट प्रचलिच हैं.
  • क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में किसी भी तरीके का सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता है.
  • क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी क्रिप्टोग्राफी नामक तकनीक से की जाती है. तो ऐसे में उसकी सुरक्षा में चूक की संभावनाएं लगभग शून्य हो जाती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज द्वारा ट्रांजैक्शन पर किसी तरह की का कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लिया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages Of Cryptocurrency

हर सिक्के के 2 पहलू तो होते ही हैं. इसी तरीके से क्रिप्टोकरेंसी के लिए कुछ फायदे हैं तो उन फायदों के साथ कुछ नुकसान भी उसके साथ आते हैं.

  • क्रिप्टोकरेंसी इंटरनेट आधारित करेंसी है. तो ऐसे में इसे हैक किया जा सकता है. ईथेरियम नामक करेंसी के साथ ऐसा हो भी चुका है.
  • क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी सरकारी अथॉरिटी का कोई नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे में इसकी कीमतों को रेगुलेट नहीं किया जा सकता इसीलिए इसकी कीमत में अप्रत्याशित रूप से उतार चढ़ाव देखा जाता है.
  • क्रिप्टो करेंसी दुनिया के लिए अभी एक नया ट्रेन है तो ऐसे में अगर आप भूल से किसी के दूसरे व्यक्ति को यह करेंसी ट्रांसफर कर देते हैं तो उसे वापस पाने की कोई तकनीकी नहीं है
  • दुनिया के कई देशों में इसके प्रतिबंधित होने का सबसे बड़ा कारण है अवैध कामों में इसका उपयोग इसीलिए इसे भी क्रिप्टोकरंसी का एक बड़ा नुकसान माना जाता है

क्रैश होने पर 80-90 फीसदी तक टूटती है करेंसी

2>> अगर कोई क्रिप्टोकरेंसी क्रैश होता है तो घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसा देखा गया है कि ब्लूचिप करेंसी 70-80 फीसदी तक क्रैश होती है. हालांकि, धीरे-धीरे यह मजबूत भी हो जाती है.

3>> क्रिप्टोकरेंसी रेग्युलेटेड नहीं है ऐसे में किसी भी प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में सबकुछ जानें. कोशिश करें कि पॉप्युलर ऐप की मदद से ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करें. आपका इन्वेस्टमेंट ऑनलाइन रहता है. ऐसे में साइबर अटैक का खतरा भी बना रहता है. अपने क्रिप्टो वॉलेट को साइबर अटैक से बचाकर रखें.

हर किसी के टिप पर नहीं करें निवेश

4>> क्रिप्टोकरेंसी को लेकर व्यावहारिक डेटा बहुत कम है. ऐसे में किसी भी वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिलने वाली सलाह पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करें. अगर आप हर शख्स के टिप पर भरोसा करेंगे तो पछताएंगे.

5>> निवेश के लिए हजारों क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध है, लेकिन अपने लिए ब्लूचिप करेंसी का चुनाव करें. ब्लूचिप डिजिटल करेंसी महंगी जरूर है, लेकिन यह ज्यादा क्रेडिबल है. आप किसी भी करेंसी में 100 रुपए भी निवेश कर सकते हैं. Bitcoin and Ethereum को क्रिप्टोकरेंसी दुनिया का ब्लूचिप कहा जाता है. दोनों करेंसी की चाल से ही क्रिप्टोकरेंसी बाजार का हाल पता चलता है.

बिटकॉइन वॉलेट

चुकी बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है इसलिए इसे अपने घर या पॉकेट में नहीं रख सकते. बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट की जरुरत होती है. इन्टरनेट के माध्यम से वॉलेट अकाउंट बनाया जा सकता है. प्रत्येक बिटकॉइन वॉलेट अकाउंट का एक विशिष्ट एड्रेस होता है.
बिटकॉइन खरीदने से पहले उस विशिष्ट वॉलेट एड्रेस की जरूरत होती है. जिसमे बिटकॉइन को रखा जाता है. बिटकॉइन वॉलेट में रखे बिटकॉइन को बेचा या अपनी बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है.

चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का मतलव इसके निर्माण से है. अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन माइनिंग का काम करने वाले ऑपरेटर को बिटकॉइन माइनरस कहते है.
माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता (तीव्र पप्रोसेसिंग वाले शक्तिशाली कंप्यूटर) हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.
जिस प्रकार प्रत्येक देश में नोट छापने की एक सीमा होती है उसी प्रकार बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा होती है. और इसकी सीमा ये है कि मार्केट में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते है. अभी तक मार्केट में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन आ चुके हैं.

बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के कारण

  • इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है.
  • यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.
  • क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है.
  • खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन-देन के बारे में पता किया जा सकता है.
  • बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या खरीद सकते है.
  • बिटकॉइन में सरकार आप पर नजर नहीं रखती है.
  • वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.

बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है. कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन-देन कर सकता है. बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है. एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. यानी 0.00000001 बिटकॉइन (BTC) को एक सातोशी कहा जाता है.
बिटकॉइन खरीदने के निम्नलिखित तीन तरीके क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास है:

बिटकॉइन के क्या नुकसान है?

बिटकॉइन में कोई सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी, बैंक, या कोई सरकार अधिकृत की प्रणाली नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
अगर बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो इसमें जमा बिटकॉइन बापस नहीं लिया जा सकता क्यूंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग अथॉरिटी या कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जहाँ इसकी शिकायत किया जा सके.

कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास में कईं स्तर पर जोखिम है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी.

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