रणनीति व्यापार

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न
"सरकार के दृष्टिकोण एवं आर्थिक दृष्टि से व्यापार नीति का संतुलन उभरते व्यापार निर्यात तंत्र के अभिन्न हिस्से हैं।” ऊपर दिये गए वक्तव्य के संदर्भ में सरकार की रणनीति के साथ चुनौतियों की भी चर्चा कीजिये।
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- व्यापार नीति के आलोक में सरकार की रणनीति की चर्चा करें।
- व्यापार नीति के संबंध में प्रमुख चुनौतियाँ।
केंद्र सरकार द्वारा नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा 1 अप्रैल, 2015 को की गई, जिसके लिये सरकार ने निम्नलिखित रणनीति बनाई हैः
वर्ष 2019-20 तक वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात दोगुना कर 900 अरब डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
विनिर्माण एवं सेवा दोनों क्षेत्रों को महत्त्वः विनिर्माण एवं सेवा दोनों ही क्षेत्रों को समर्थन देने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। विनिर्माण, रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने तथा कारोबार करना आसान बनाने के लिये 2015 से 2020 तक की पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति को सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ जैसे महत्त्वपूर्ण अभियानों से जोड़ा है।
बड़ा व्यापारिक देश बनाने का लक्ष्यः वर्ष 2020 तक भारत को बड़ा व्यापारिक देश बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। वर्ष 2020 तक विश्व व्यापार में भारत की व्यापार भागीदारी 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत तक पहुँचाने के लिये सरकार शुल्कों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास करेगी।
निर्यात प्रोत्साहन के लियेः नई विदेश व्यापार नीति के तहत भारत से वस्तु निर्यात योजना (MEIS) और भारत से सेवा निर्यात योजना (SEIS) की शुरुआत की गई है।
ईपीसीजी योजना में राहतः निर्यात प्रोत्साहन के लिये पूंजीगत सामानों के आयात की रियायती ईपीसीजी (EPCG) योजना के तहत निर्यात दायित्वों में भी राहत दी जाएगी। ईपीसीजी योजना के तहत स्वदेशी निर्माताओं से ही पूंजीगत सामान खरीदने के उपाय किये गए हैं।
ड्यूटी क्रेडिट पर्चियाँ पूर्ण हस्तांतरणीयः निर्यातकों के लिये ड्यूटी क्रेडिट पर्चियों को पूरी तरह हस्तांतरणीय बनाया जाएगा। इनका इस्तेमाल सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क अथवा सेवा कर भुगतान सभी के लिये मान्य किया जाएगा।
ई-कॉमर्स कंपनियों को समर्थनः इस नीति के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को भी निर्यात के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। नौकरियां पैदा करने वाले क्षेत्रों से निर्यात पर रियायतें प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही हथकरघा उत्पादों एवं किताबों, चमड़े के जूते-चप्पल और खिलौनों के ई-कॉमर्स निर्यात को भी वस्तु निर्यात योजना का लाभ (25 हजार रुपए तक के मूल्य के लिये) दिया जायेगा।
छोटे और मध्यम उद्यमों को महत्त्वः विनिर्माण क्षेत्र और रोज़गार सृजन में छोटे और मध्यम पैमाने के उद्यमों के महत्त्व को देखते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के 108 समूहों की पहचान की गई है।
उच्च वैल्यू एडेड उत्पादों के निर्यात पर फोकसः नई विदेश व्यापार नीति में ज़ीरो डिफेक्ट उत्पाद बनाने पर ज़ोर दिया गया है। इसमें पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बनाने की बात भी कही गई है।
राज्यों को निर्यात वृद्धि में सहायताः राज्यों के साथ निर्यात बढ़ाने के लिये काम करने के वास्ते एक निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित रणनीति व्यापार करने पर जोर दिया गया है।
ढाई वर्षीय समीक्षाः विदेश व्यापार नीति की सालाना समीक्षा के बजाय अब ढाई साल में समीक्षा की जाएगी।
ब्रांड इंडियाः भारतीय उत्पादों को नई पहचान दिलाने के लिये सरकार एक ब्रांडिंग कैंपेन भी शुरू करेगी।
विश्व व्यापार में भागीदारी में वृद्धिः विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी बढ़ाने और विश्व व्यापार संगठन के तहत दायित्वों को निभाने के लिये विदेश व्यापार नीति में कई संस्थानों की स्थापना करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
देश में उत्पाद और सर्विस को बेहतर बनाने की ज़रूरत है और बेहतर प्रोडक्ट क्वालिटी पर फोकस करना होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर की अड़चनों को दूर करना बड़ी चुनौती है। वहीं भारतीय निर्यातकों ने अनिश्चित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य और निर्यात में भारी गिरावट के मद्देनजर तय समय में रणनीति व्यापार कर वापसी भुगतान, रियायतें बहाल करने और विदेशों में उत्पादों के प्रदर्शन के लिये मदद देने की मांग की है, इस संदर्भ में सरकार के सामने यह एक चुनौती है।
इस प्रकार भारत को अपनी विदेश नीति के आलोक में चुनौतियों के समाधान को ढूँढ़ना होगा, तभी हम व्यापार नीति के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे।
विदेश व्यापार नीति
विदेश व्यापार नीति भारत में माल के आयात और निर्यात से संबंधित मामलों में डीजीएफटी द्वारा स्थापित दिशानिर्देशों और निर्देशों का एक समूह है। भारत सरकार, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय हर पांच साल में निर्यात आयात नीति की घोषणा करता है । नया एफ़टीपी (2015-20) 01/04/2015 से लागू हुआ। निर्यात आयात नीति (एक्जिम नीति) हर साल 31 मार्च को अपडेट की जाती है और हर साल 1 अप्रैल से संशोधन, सुधार और नई योजनाएं प्रभावी हैं।
विदेश व्यापार नीति के बारे में अधिक जानकारी यहां उपलब्ध है :
कृषि निर्यात नीति
कृषि निर्यात नीति कृषि निर्यात उन्मुख उत्पादन, निर्यात प्रोत्साहन, बेहतर किसान प्राप्ति और भारत सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के भीतर तालमेल पर ध्यान देने के साथ तैयार की गई है। स्रोत पर ही मूल्यवर्धन के माध्यम से बेहतर आय के लिए “किसान केंद्रित दृष्टिकोण” होना आवश्यक है जो मूल्य श्रृंखला में नुकसान को कम करने में मदद करेगा। भारत को खाद्य सुरक्षा और विश्व के एक प्रमुख कृषि निर्यातक के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए किसानोन्मुखी रणनीति की आवश्यकता है। यह नीति खाद्य संसाधन/विनिर्माण को खाद्य उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि करने के लिए एक बड़ा धक्का देगी जिससे वैश्विक स्तर पर अपने कृषि निर्यात टोकरी में मूल्य वर्धित संसाधित उत्पादों में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी। व्यापक उद्देश्यों और विजन पर नीचे रोशनी डाली गयी है।
Canada: जी-20 समिट में जिनपिंग ने की थी बहस, अब चीन की दादागिरी रोकने लिए कनाडा के पीएम ने बनाया बड़ा प्लान
कनाडा ने जलवायु परिवर्तन और व्यापार के मुद्दों पर विघटनकारी चीन से निपटने के लिए रविवार को एक नई हिंद-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) रणनीति शुरू की।
जी-20 समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बहस के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चालबाज ड्रैगन पर नकेल कसने के लिए एक नई हिंद-प्रशांत रणनीति तैयार की है। इसके तहत जलवायु परिवर्तन और व्यापार के मुद्दों पर चीन की दादागिरी को रोकने की कोशिश की जाएगी। 26 पन्नों के एक दस्तावेज में, कनाडा ने कहा कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ावा देगा और बौद्धिक संपदा की रक्षा के लिए निवेश नियमों को कड़ा करेगा। इसके अलावा चीनी राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति बंद करने से रोकेगा।
चीन की दादागिरी रोकने के लिए खुफिया और साइबर सुरक्षा में निवेश करेगा कनाडा
कनाडा की रणनीति में कहा गया है कि चीन एक तेजी से विघटनकारी वैश्विक शक्ति है जो कि दूसरे देशों के मामलों में हर समय टांग अड़ाता रहता है। अपने फायदे के लिए दूसरे देशों के साथ चालाकी से निपटने की कोशिश करता है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी को रोकने के लिए कनाडा खुफिया और साइबर सुरक्षा के साथ-साथ एक क्षेत्रीय सैन्य उपस्थिति में निवेश करेगा। कनाडा ने कहा है कि गंभीर असहमति वाले क्षेत्रों में हम चीन को चुनौती देंगे।
कानून की समीक्षा करेगा कनाडा
दस्तावेज में चीन का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि कनाडा कानून की समीक्षा रणनीति व्यापार और अद्यतन करेगा ताकि चीन की विघटनकारी नीति पर ब्रेक लगाया जा सके। दस्तावेज में कहा गया है कि कनाडा हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एलं खतरों को कम करने के के लिए और अधिक संसाधन का निवेश करेगा।
2018 से ही दोनों देशों के बीच तनाव
2018 के अंत में कनाडा की पुलिस द्वारा हुआवेई टेक्नोलॉजीज के कार्यकारी को हिरासत में लेने और बीजिंग द्वारा बाद में जासूसी के आरोप में दो कनाडाई लोगों को गिरफ्तार करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। तीनों को पिछले साल रिहा कर दिया गया था, लेकिन संबंधों में खटास बनी हुई है।
विस्तार
जी-20 समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बहस के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चालबाज ड्रैगन पर नकेल कसने के लिए एक नई हिंद-प्रशांत रणनीति तैयार की है। इसके तहत जलवायु परिवर्तन और व्यापार के मुद्दों पर चीन की दादागिरी को रोकने की कोशिश की जाएगी। 26 पन्नों के एक दस्तावेज में, कनाडा ने कहा कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ावा देगा और बौद्धिक संपदा की रक्षा के लिए निवेश नियमों को कड़ा करेगा। इसके अलावा चीनी राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति बंद करने से रोकेगा।
चीन की दादागिरी रोकने के लिए खुफिया और साइबर सुरक्षा में निवेश करेगा कनाडा
कनाडा की रणनीति व्यापार रणनीति में कहा गया है कि चीन एक तेजी से विघटनकारी वैश्विक शक्ति है जो कि दूसरे देशों के मामलों में हर समय टांग अड़ाता रहता है। अपने फायदे के लिए दूसरे देशों के साथ चालाकी से निपटने की कोशिश करता है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीति व्यापार चीन की दादागिरी को रोकने के लिए कनाडा खुफिया और साइबर सुरक्षा के साथ-साथ एक क्षेत्रीय सैन्य उपस्थिति रणनीति व्यापार में निवेश करेगा। कनाडा ने कहा है कि गंभीर असहमति वाले क्षेत्रों में हम चीन को चुनौती देंगे।
कानून की समीक्षा करेगा कनाडा
दस्तावेज में चीन का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि कनाडा कानून की समीक्षा और अद्यतन करेगा ताकि चीन की विघटनकारी नीति पर ब्रेक लगाया जा सके। दस्तावेज में कहा गया है कि कनाडा हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एलं खतरों को कम करने के के लिए और अधिक संसाधन का निवेश करेगा।
2018 से ही दोनों देशों के बीच तनाव
2018 के अंत में कनाडा की पुलिस द्वारा हुआवेई टेक्नोलॉजीज के कार्यकारी को हिरासत में लेने और बीजिंग द्वारा बाद में जासूसी के आरोप में दो कनाडाई लोगों को गिरफ्तार करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। तीनों को पिछले साल रिहा कर दिया गया था, लेकिन संबंधों में खटास बनी हुई है।
नगर निकाय चुनाव की रणनीति पर हुई चर्चा
डीह। सुंदर गंज चौराहे पर उद्योग व्यापार मंडल मुरारका गुट व भारतीय जानता
डीह। सुंदर गंज चौराहे पर उद्योग व्यापार मंडल मुरारका गुट व भारतीय जानता पार्टी के पदाधिकारियों ने व्यापारियों के साथ बैठक कर आगामी नगर निकाय चुनाव पर चर्चा की। पूर्व जिला अध्यक्ष दिलीप यादव ने वर्तमान सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और सभी व्यापारियों से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सबका साथ सबका विकास के साथ कार्य करती है, और हमारी सरकार ने व्यापारियों का सदैव सम्मान किया है। व्यापार मंडल अध्यक्ष श्रवण अग्रहरि ने सभी पदाधिकारियों से कहा कि भाजपा सरकार में व्यापारियों को पूरा सम्मान मिला है और व्यापारी वर्ग सदैव भाजपा के प्रत्याशियों के पक्ष में खड़ा रहता है। इस मौके पर भाजपा नेत्री किरन सिंह, सुनील सिंह, सी पी श्रीवास्तव, जिया लाल, शिवशंकर बाजपेयी, मोनू, अरमान, इमरान, प्रताप यादव, अशोक, राम बहादुर, विवेक अग्रहरि आशीष साहू आदि पदाधिकारी व व्यापरी मौजूद रहे।