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IITK जस्ट ट्रांजिशन डायलॉग्स: फोरग्राउंडिंग द वर्कफोर्स Reviewed by thahindinews on 12/21/2021 02:32:00 PM Rating: 5

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Zomato, Just Dial जैसी भारतीय कंपनियों से भी डेटा लीक, क्या FB जैसा लगेगा जुर्माना?

Facebook पर अमेरिका में FTC ने 5 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाकर कम से कम कंपनी को डेटा लीक पर एक सबक तो सिखाया ही है. लेकिन भारत में जिन कंपनियों ने भारतीय यूजर्स के डेटा के साथ खिलवाड़ किया है उनका क्या?

Representational Image

Munzir Ahmad

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2019,
  • (अपडेटेड 31 जुलाई 2019, 2:40 PM IST)

अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी Facebook पर हाल ही में अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन यानी FTC ने 5 बिलियन डॉलर की पेनाल्टी लगाई है. वजह ये है कि कैंब्रिज अनालिटिका डेटा स्कैंडल में फेसबुक भी इंडायरेक्ट तरीके से हिस्सेदार रहा है. इसके साथ ही फेसबुक पर यूजर्स से झूठ बोलने का भी आरोप है. मार्क जकरबर्ग पेनाल्टी देने के लिए तैयार हैं और उन्होंने कहा कहा है कि प्राइवेसी को लेकर फेसबुक में बड़े बदलाव किए जाएंगे.

अब बात करते हैं भारतीय फूड सर्विस Zomato की. दो साल पहले, यानी मई 2017 में एक खबर आई कि Zomato से 17 मिलियन यूजर्स का डेटा चोरी हो गया है. इस डेटा में यूजर्स की ईमेल आईडी, पासवर्ड जैसी गंभीर जानकारियां शामिल थीं.

Zomato ने इस डेटा ब्रीच को कन्फर्म करते हुए कहा, ‘हमारी सिक्योरिटी टीम ने पाया है कि हमारे डेटा बेस से 17 मिलियन यूजर रिकॉर्ड चोरी हो गई है. चोरी हुई जानकारियों में यूजर्स की आईडी और हैश्ड पासवर्ड्स हैं’

क्या गलती मान लेने से यूजर्स की सिक्योरिटी के साथ समझौते को जस्टिफाई किया जा सकता है? क्या Zomato इस डेटा लीक के लिए जिम्मेदार नहीं है? क्या फेसबुक की तरह Zomato से पूछ ताछ और पेनाल्टी नहीं होनी चाहिए? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आपको ढूंढने चाहिए.

Just dial भारत की एक सर्च सर्विस कंपनी है. इसी साल कुछ महीने पहले इस 100 मिलियन यूजर्स का डेटा लीक करने की खबर आई. सिक्योरिटी रिसर्चर के मुताबिक 100 मिलियन यूजर्स डेटा में गंभीर जानकारियां हैं. इनमें यूजर्स का नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर्स, डेट ऑफ बर्थ और ऐड्रेस शामलि हैं. सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राझरिया के मुताबिक जिन लोगों ने जस्ट डायल को फोन किया है उनमें से 70% लोगों का डेटा है.

सिक्योरिटी रिसर्चर ने कहा, 'अगर आपने जस्ट डायल की वेबसाइट या ऐप नहीं भी यूज किया है और उनके कस्टमर केयर को फोन किया है फिर भी मुमकिन है आपका डेटा लीक हुआ है. उनका कहना है कि ये डेटा ब्रीच जस्ट डायल के पुराने वर्जन की वेबसाइट से हुआ है जिसे मिड 2015 के बाद से बदला नहीं गया है.

Aadhaar डेटा लीक किसी से छुपा नहीं है. वक्त बे वक्त Aadhaar की जानकारियां लीक होती रही हैं. फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर Robert Baptiste ने आधार डेटा लीक को लेकर कई खुलासे किए हैं.

कुछ ऐसे कथित डेटा लीक हैं जिसके बारे में कंपनियों ने साफ मना कर दिया

इंडेन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने डेटा लीक की खबरों को गलत बताया. इसी साल फरवरी में एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने दावा किया कि SBI का मुंबई डेटाबेस बिना पासवर्ड का ही था और यहां से लाखों यूजर्स की जानकारियां लीक हो गईं. हालांकि बैंक ने साफ मना कर दिया.

गैस सर्विस इंडेन (इंडियन ऑयल) हैक की खबर भी इसी साल फरवरी में आई. फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर Robert Baptiste ने दावा किया कि कंपनी की वेबसाइट में बड़ी खामी मिली है और यहां भी लाखों यूजर्स का डेटा चोरी हो गया. हालांकि इंडिनय ऑल की तरफ से कहा गया है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.

न्यूज एजेंसी जस्ट2ट्रेड पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में डेटा ब्रीच की घटनाएं ग्लोबल एवरेज से भी ज्यादा हैं. Thales eSecurity के साउथ एशिय डायरेक्टर James Cook ने कहा है. '2017 में लगभग 52% भारतीय रेस्पॉन्डेंट्स ने डेटा ब्रीच रिपोर्ट किया है जो ग्लोबल एवरेज से ज्यादा है.'

एक स्टडी के मुताबिक भारतीय कंपनियां बिग डेटा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मोबाइल पेमेंट और ब्लॉकचेन को बड़े पैमाने पर अपना रही हैं. इस स्टडी में जिन कंपनियों का सर्वे किया गया है वो सभी क्लाउड टेक्नॉलजी यूज करती हैं. इनमें से 92% रेस्पॉन्डेंट्स संवेदनशील जानकारियां और डेटा क्लाउट सिस्टम पर रखती हैं.

भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों की कंपनियों ने भी भारती यूजर्स के डेटा लीक किए हैं.

Facebook, UC Browser, Truecaller, LinkedIn सहित कई बड़ी टेक कंपनियां हैं जिन्होंने भारतीय यूजर्स के डेट के साथ खिलवाड़ किया है. भारत में फिलहाल इन कंपनियों के खिलाफ कोई बड़े ऐक्शन की खबर नहीं है. इतना जरूर है कि फेसबुक को सरकार ने समन किया था, लेकिन फेसबुक या किसी दूसरी कंपनी के खिलाफ कोई बड़ा ऐक्शन लिया गया है, ऐसी कोई खबर नहीं है.

ऐसा नहीं है कि डेटा ब्रीच की वजह से सिर्फ यूजर्स ही प्रभावित हो रहे हैं. इससे कंपनियों पर भी असर पड़ रहा है.

IBM सिक्योरिटी और अमेरिकी रिसर्च फर्म Ponemon Institute की एक शोध के मुताबिक 2017 में भारत में डेटा ब्रीच का ऐवरेज कॉस्ट 8% इयर ऑन इयर बढ़ा है कर 11.9 करोड़ हो गया है. इस कॉस्ट में जांच, इन्वेस्टिगेशन, डिटेक्शन, नोटिफिकेसन, लीगल ऐक्शन से लेकर कस्टमर सपोर्ट तक के खर्चे शामिल हैं जो किसी डेटा ब्रीच के बाद खर्च किए जाते हैं.

Quartz India की एक रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अटैक्स और डेटा थेफ्ट भारत में बढ़े हैं. अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के बीच लगभग 22000 भारतीय वेबसाइट्स हैक हुई हैं. इनमें 114 सरकरी पोर्टल्स हैं. इनमें से एक बड़ी हैकिंग Provident Fund ऑर्गनाइजेशन की हुई थी जहां कथित तौर पर लाखों भारतीय का डेटा लीक हुआ था.

भारत में यूजर डेटा ब्रीच पर फिलहाल ऐसी कोई बड़ा ऐक्शन सरकारी जस्ट2ट्रेड बॉडी द्वारा नहीं लिया गया है. न ही फेसबुक की तरह भारत में इन भारतीय कंपनियों द्वारा किए गए डेटा ब्रीच के लिए कंपनी के सीईओ को तलब जस्ट2ट्रेड किया गया है. डेटा लीक होता है, कंपनी की तरफ से क्लैरिफिकेशन आता है उसके बाद बात आई गई हो जाती है.

FB पर तो पेनाल्टी लग गई, लेकिन भारतीय कंपनियों का क्या होगा जिन्होंने यूजर्स के डेटा लीक किए हैं?

20 शेयर दिलाएंगे बंपर मुनाफा! आज बाजार में जमकर करो खरीदारी, देखें लिस्ट

निफ्टी में 9800 से लेकर 10300 के लेवल के बीच रेंज दिखाई दे रही है. वहीं, बैंक निफ्टी में भी 20500 से 21350 की रेंज दिखाई दे रही है.

Fastmoney में 20-20 स्टॉक्स के साथ आपको मिलेंगे शेयर बाजार में आज ट्रेड करने के लिए कई मौके.

लगातार दो दिन की तेजी के बाद बाजार में हरियाली नजर आ रही है. वीकली एक्सपायरी के दिन भी बाजार में अच्छा मूव बनने के आसार हैं. बाजार के आज तीन अहम लेवल दिखाई दे रहे हैं. निफ्टी में 9800 से लेकर 10300 के लेवल के बीच रेंज दिखाई दे रही है. वहीं, बैंक निफ्टी में भी 20500 से 21350 की रेंज दिखाई दे रही है. ऐसे में आपके लिए बाजार में काफी उम्मीदें हैं. अब किन शेयरों पर आपका फोकस होना चाहिए. कहां ट्रेड करके मुनाफा कमाया जा सकता है? ज़ी बिज़नेस के खास शो FAST MONEY में रिसर्च टीम के सदस्य संदीप ग्रोवर और कुशल गुप्ता ने ऐसे ही 20 शेयर चुनकर निकाले हैं जहां आज बंपर कमाई होगी.

ज़ी बिज़नेस आपके लिए रोजाना एक खास शो लाता है, जो आपके लिए फायदेमंद है. Fastmoney में 20-20 स्टॉक्स के साथ आपको मिलेंगे शेयर बाजार में आज ट्रेड करने के लिए कई मौके. दरअसल, आपको उन 20 स्टॉक्स की जानकारी दी जाएगी, जिनमें आज ट्रेडिंग करके आप मुनाफा कमा सकते हैं. भले ही वो शेयर चढ़े या लुढ़के आपको फायदा देकर ही जाएंगे. 20 शेयरों में आज खरीदने या बेचने पर सलाह.

आइए जानते हैं हमारी रिसर्च टीम के सदस्य संदीप ग्रोवर ने चुने हैं आपके लिए कौन से 10 शेयर.
इक्विटास, टाटा मोटर DVR, अदानी पावर, एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, ONGC, रिको ऑटो, ट्रेंट, पूर्वांकरा, जस्ट डायल में में खरीदारी करके चलने की सलाह है.

संदीप के शेयर

जस्ट2ट्रेड
Stocks CALL CMP TGT SL
EQUITAS BUY 48 रुपए 49.5 रुपए 47.5 रुपए
Tata Motor DVR BUY 42 रुपए 43.3 रुपए 41.5 रुपए
Adani Power BUY 40.2 रुपए 42 रुपए 39.7 रुपए
AXIS BANK BUY 409.9 रुपए 420 रुपए 406 रुपए
ICICI Bank BUY 348.5 रुपए 359 रुपए 345 रुपए
ONGC BUY 84.35 रुपए 87 रुपए 83.5 रुपए
RICO Auto BUY 28.65 रुपए30 रुपए 28.3 रुपए
TRENT BUY 538.25 रुपए 555 रुपए 533 रुपए
PURAVANKARA BUY 39.5 रुपए 42 रुपए 39 रुपए
JUST DAIL BUY 410.3 रुपए 422 रुपए 406 रुपए

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें

आइए जानते हैं हमारी रिसर्च टीम के सदस्य कुशल गुप्ता ने चुने हैं आपके लिए कौन से 10 शेयर
फेडरल बैंक, HDFC बैंक, मदरसन सुमी, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, ऑयल इंडिया, भारती एयरटेल में खरीदारी की सलाह है. वहीं, इंडिगो फ्यूचर्स में आज बिकवाली की सलाह दी गई है.

जस्ट डायल का अधिग्रहण करेगी गूगल!

नई दिल्लीः अमरीकी दिग्गज गूगल मुंबई की कंपनी जस्ट डायल को खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। जस्ट डायल के पास 2 करोड़ से भी ज्यादा पतों और फोन नंबरों का भंडार मौजूद है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'गूगल पिछले कुछ समय से अधिग्रहण के लिए जस्ट डायल से बातचीत कर रही है। दोनों कंपनियां पिछले दो महीनों जस्ट2ट्रेड से इस बारे में बात कर रही हैं। फैसला होने में अभी कुछ वक्त लग जाएगा।' सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों की एग्रीगेटर ऐप के तौर पर पेश की गई गूगल एयरो के दम पर वह जस्ट डायल जैसी कंपनियों से तगड़ा मुकाबला कर रही है।

गूगल को होगा बढ़ा फायदा
गूगल एयरो को अर्बनक्लैप और फासोस जैसी खानपान तथा सेवा क्षेत्र की कंपनियों का साथ भी मिला है। गूगल स्थानीय कारोबारी प्रतिष्ठानों के पते-ठिकाने और विवरण खुद ही अपने डेटाबेस में जोड़ रही है। अगर वह जस्ट डायल को खरीद लेती है तो उसे एक ही झटके में पूरे भारत के 2 करोड़ से ज्यादा स्थानीय प्रतिष्ठानों की जानकारी हासिल हो जाएगी। जस्ट डायल के मुख्य वित्तीय अधिकारी अभिषेक बंसल ने कहा, 'जस्ट डायल अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए कई कंपनियों से बात करती है ताकि कारोबारी या रणनीतिक गठबंधन की संभावना तलाशी जा सकें। अगर बताने वाली कोई बात होगी तो सही वक्त पर जस्ट डायल उसका खुलासा कर देगी।' जस्ट डायल ने इंटरनेट और फोन पर स्थानीय खोज संबंधी सेवाएं देने की शुरुआत की है, वहीं बढ़ती प्रतिस्पद्र्धा से निपटने के लिए यह अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ा रही है। जस्ट डायल पर की जाने वाली लगभग 70 प्रतिशत खोज गूगल के जरिए होती है।

शेयरों में 20 फीसदी का उछाल
गूगल द्वारा अधिग्रहण की खबरों सो आज जस्ट डायल के शेयरों में बड़े स्तर पर उछाल देखने को मिल रहा है। इससे जस्ट डायल के निवेशकों का इस कारोबारी हफ्ते का आखिरी दिन काफी फायदेमंद साबित होने वाला है। बी.एस.ई. पर सुबह करीब 9.30 बजे जस्ट डायल के शेयर 13.86 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेड कर रहे थे।

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IITK जस्ट ट्रांजिशन डायलॉग्स: फोरग्राउंडिंग द वर्कफोर्स

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रो. प्रदीप स्वर्णकार के नेतृत्व में जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन (जेईटी) पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस आयोजन में भारत के श्रमिक संघों और पत्रकारों के बीस से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह जलवायु परिवर्तन पर भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप न्याय की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. अरुण कुमार शर्मा (एमेरिटस, आईआईटी कानपुर) ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि आईआईटी कानपुर ने बहुत पहले सामाजिक विज्ञान का अध्ययन शुरू किया था और यह दूसरे संस्थानों की तुलना में अलग था, क्योंकि इसके विद्यार्थियों ने नागरिक समाज, कॉर्पोरेट और सरकारी संस्थाओं का अध्ययन किया। उन्होंने यह कहकर संवाद मंच की स्थापना की कि ऊर्जा के संक्रमण के लिए आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और जनजातीय मुद्दों को ध्यान में रखना आवश्यक है।

आयोजन की शुरुआत के साथ, आईआईटी कानपुर में प्रो. प्रदीप स्वर्णकर द्वारा स्थापित मौजूदा सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी एंड रिसर्च लैब की एक शाखा के रूप में अपना जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन (जेईटी) केंद्र भी लॉन्च किया गया ।

सीईपीआरएल लैब के सन्दर्भ में पीएचडी की छात्रा भावना जोशी ने बताया कि सीईपीआरएल की स्थापना 2019 में हुई थी और मौजूदा ट्रांजिशन सेंटर समेत करीब 22 सदस्य लैब से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि लैब मीडिया रिपोर्ट्स, सोशल नेटवर्क, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के विश्लेषण पर काम करती है।

जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन सेंटर के बारे में विस्तार से बताते हुए, डॉ. मुदित सिंह, पोस्टडॉक्टोरल फेलो ने जीवाश्म ईंधन (मुख्य रूप से कोयला) निर्भरता को कम करके कार्बन उत्सर्जन को कम करने के चल रहे प्रयासों के संबंध में अनुसंधान और नीतिगत सिफारिशों के लिए जेईटी की योजनाओं पर संक्षेप में चर्चा की।

प्रो. स्वर्णकार ने जलवायु परिवर्तन, न्याय और अंतर्राष्ट्रीय, जलवायु परिवर्तन के राष्ट्रीय संबंधों के बारे में बताकर आयोजन के पहले सत्र के लिए संदर्भ निर्धारित किया। सुबह की चर्चा के लिए पैनलिस्टों में आशिम रॉय, संस्थापक जर्नल सेक्रेटरी, न्यू ट्रेड यूनियन इनिशिएटिव (एनटीयूआई), प्रशांत चौधरी, महासचिव, इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया और अमरजीत कौर, महासचिव, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) थे।

आशिम रॉय के अनुसार, यदि हमें केवल संक्रमण को साकार करने की आवश्यकता है, जस्ट2ट्रेड तो हमें यह समझने की आवश्यकता है कि इस क्षेत्र में अवधारणाएँ और श्रमिकों की आकांक्षाएँ क्या हैं। उन्होंने आर्थिक परिवर्तन के स्थानीय क्षेत्र के संदर्भ में मौजूद ज्ञान अंतर की ओर इशारा किया। उन्होंने तटीय क्षेत्रों में संक्रमण और ऊर्जा संक्रमण के लिए वित्तीय पुनर्गठन के बारे में ज्ञान के निर्माण की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया।

अमरजीत कौर ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि स्वतंत्रता से भी पहले से ही ट्रेड यूनियन श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। व्यावसायिक फर्में लाभ कमाने के अवसर की तलाश करेंगी लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सेवाओं और उद्योग जैसे कई क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की तलाश करें। अनौपचारिक समुदाय न्यायपूर्ण परिवर्तन के महत्व या यहाँ तक कि अर्थ को तभी समझेगा जब उन्हें पता चलेगा कि इससे उन्हें क्या लाभ होने वाला है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हमें अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के श्रमिकों को देखने की जरूरत है। फॉर्मा सेक्टर के लोगों की नौकरियों में कटौती कर औपचारिक अर्थव्यवस्था का अनौपचारिकीकरण हो रहा है। पूंजी-प्रधान व्यवसाय की भूख को संतुष्ट करने के लिए, पर्यावरण कानूनों को कमजोर किया जाता है, बात चीत करने की शक्ति को चुनौती दी जा रही है; सामाजिक सुरक्षा मानकों को कमजोर किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय निवेश को देश के कानून का सम्मान करना चाहिए।

श्री चौधरी ने बताया कि भारत में धर्म, आय, जाति आदि के आधार पर भेदभाव बहुत प्रमुख है। पर्यावरण की प्रथा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रवींद्र नाथ टैगोर ने 100 साल पहले कहा था, जंगल वापस दो और अपना शहर वापस ले लो। विकसित देश 1945 में योगदान का वादा करते रहे हैं जब यूएनओ का गठन किया गया था और यहां तक कि पेरिस समझौते पर भी पर्यावरण संबंधी चिंताओं और ऊर्जा संक्रमण को पूरा करने के लिए भी योगदान का वादा किया गया था

लेकिन वह कभी भी अमल में नहीं आया। सबसे बड़े शक्तिशाली देश (यूएसए) ने क्योटो प्रोटोकॉल का सम्मान नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि कोयला खदान बंद करने के लिए दिशा-निर्देश हैं लेकिन उनका पालन नहीं किया जा रहा है। चूंकि मजदूर आर्थिक रूप से कमजोर हैं, इसलिए हमें एक अलग श्रम कानून की जरूरत थी जो समय के साथ विकसित हुआ लेकिन संक्रमण को ध्यान में रखते हुए, हमें यह देखने की जरूरत है कि कानूनों में आवश्यक सुधार के साथ-साथ ऐसे कानूनों का पालन कैसे सुनिश्चित किया जाता है।

झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के मीडिया और राज्य स्तरीय ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों के अन्य प्रतिभागियों ने कोयला खदान श्रमिकों की जमीनी स्तर की सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक वास्तविकताओं के बारे में बताया ।

IITK जस्ट ट्रांजिशन डायलॉग्स: फोरग्राउंडिंग द वर्कफोर्स

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