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म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा

म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा

Mutual Fund Kya hai | What is Mutual Fund in Hindi

दोस्तों आज हम Mutual Fund in Hindi लेख पर बात करेंगे और आपको बताएंगे कि Mutual Fund Kya Hota Hai और आपने म्यूच्यूअल फण्ड के बारे मे सूना तो जरुर होग़ा पर सुनकर इसे एक साइड कर दिया होंगा क्योंकि भारतीय समाज में जागरूकता ना होने के कारण लोग शेयर मार्केट और म्यूच्यूअल फण्ड के एक जैसा समझ कर समाज में फैले मिथक के कारण नज़र अंदाज कर देते है जिससे उनको कुछ पता नहीं चल पाता है आज भी भारत में म्यूच्यूअल फण्ड को अमीरो के लिए ही समझा जाता है भारत में सिर्फ 4% लोग ही म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है और मोटा मुनाफा कमाते है

एसेट मैनजमेंट कंपनी (AMC) – आज भारत में तकरीबन सभी बैंकिंग और गैर बैंकिंग कंपनी म्यूच्यूअल फण्ड का कारोबार करती है इन्ही कम्पनिया में 4000 से भी ज्यादा तरह के funds को आप खरीद सकते हो और इनमे प्रमुख अंक कम्पनियाँ इस प्रकार है

  1. UTI MUTUAL FUND
  2. SBI mutual fund
  3. ICICI mutual fund आदि प्रमुख कम्पनियाँ है

What is Mutual Fund in Hindi

what is mutual fund in hindi

उदाहरण के तौर आप एक फण्ड खरीदते हो जिस पर सभी निवेशक इवेस्ट करते है और फण्ड में काफी सारा Asset जमा हो जाता है और फण्ड को मैनेज करने के लिए फण्ड मैनेजर उस Asset को विभिन्न प्रकार के कम्पनिया में इन्वेस्ट कर देता और फण्ड का संचलान करता रहता है जिससे निवेशक विमुफ्त हो जाता है और सिर्फ इन्वेस्ट करता है फण्ड से अपनी यूनिट खरीदता रहता है और long term में जब वह देखता है की यूनिटो की NAV (Net Asset Value) काफी बढ़ गई है मुनाफा आ गया है तो वह रिडीम (redeem) कर सकता है

म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार

इसमें विभिन्न प्रकार की फण्ड उपलब्ध होते है

क्या ये सुरक्षित है ?

म्यूच्यूअल फण्ड एक ट्रस्ट के रूप में गठित किया जाता है जो स्पांसर (प्रायोजक ) ट्रस्टी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) और कस्टोडियन के अधीन कार्य करता है सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) विभिन्न सेक्यूरिट्स में पूंजी निवेश द्वारा धन का प्रबंधन करती है सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त कस्टोडियन सभी स्कीमे की सिक्युरिटी अपने कब्जे में रखता है सभी म्यूच्यूअल फण्ड की कोई भी स्कीम खोलने से पहले सेबी का रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना पड़ता है

रिटर्न की गारंटी है क्या ?

म्यूच्यूअल फण्ड बाजार और वित्तीय जोखिमों के आधीन काम करता है फिर भी लॉन्ग टर्म में देखा गया है रिटर्न बहुत बेहतर मिलते है सभी फण्ड में कम्पाउंडिंग ग्रोथ और बाजार के सभी कारण से लाभ निवेशक को मिलता है वह म्यूच्यूअल फण्ड के जोखिमों को लगभग शून्य कर देता है अत एक्सपर्ट मानते है लॉन्ग टर्म में जोखिमों लगभग ख़तम हो जाता है और निवेशक मोटा पैसे कमाते है

आप कौन से म्यूच्यूअल फण्ड खरीदें

यह म्यूच्यूअल फण्ड आप चुन सकते है इनकी कुछ कैटेगरी इस प्रकार है

1. इक्विटी फण्ड (Equity Funds)

यह स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयर में निवेश कराती है और थोड़े समय में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती है लेकिन लॉन्ग ट्राम में इसमें आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने को मिलता है इसमें मुनाफा ज्यादा हो सकता है

2. डेट फण्ड (Debts Funds)

यह म्यूच्यूअल फण्ड स्किम डेट डेट सिक्योरिटी में निवेश करती है छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे कराने के लिए निवेशक इसमें निवेश कर सकते हैं इसमें जोखिम बहुत कम होता है और यह बैंको की FD से बेहतर रिटर्न देता है

3. हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds)

यह म्यूच्यूअल फण्ड स्किम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती है इसमें कई तरह के कैटेगरी होती है यह आज आजकल लोकप्रिय हो रही है हाइब्रिड फंड को भी अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जा सकता है जैसे कि Equity Oriented hybrid fund, Debt Oriented hybrid fund, म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा Balanced fund, Monthly income plans, arbitrage fund.

4. सलूशन ओरिएंटेड फण्ड (Solution Oriented funds)

यह म्यूच्यूअल फण्ड के समाधान को ध्यान में रख कर बनाई गयी स्किम है इसमें रिटायरमेन्ट प्लान बच्चो की शिक्षा आदि जैसे लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश कर सकते है यह म्यूचुअल फंड की एक नई शुरू की गई श्रेणी है जिसमें अनूठी विशेषताएं, उद्देश्य और रणनीतियां हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड के लाभ (Benefits of Mutual Funds)

म्युचुअल फण्ड के प्रमुख लाभ इस प्रकर है

  • म्यूच्यूअल फण्ड में तरलता बनी रहती है आप कभी भी अपना पैसा कितनी मात्रा में निकाल या निवेश कर सकते हैं
  • इसमे आपका पैसा निवेश भी रहता है और सुरक्षित भी
  • आप म्यूच्यूअल फण्ड Asset को बैंक में गिरवी रख कर बैंक से लोन भी ले सकते हैं
  • आप म्युचुअल फण्ड में इन्वेस्ट करके ये लाभ ले सकते हैं और अपनी म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा आय को बड़ा सकता है

म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें

म्यूच्यूअल फण्ड आप ऑनलाइन प्लॅटफॉर्म या अपने नजदीक म्यूच्यूअल फण्ड एडवाइजर से सम्पर्क कर सकते है ये फण्ड एडवाइजर आपको सभी जानकारी और सहूलियतें आपके घर ही उपलब्ध करा देंगे और वह आपका बेहतरीन पोर्ट फोलिओ तैयार कर देंगे और आप म्यूच्यूअल फण्ड हाउस से सम्पर्क कर सकते है जो आपके नजदीक शहरों में उपलब्ध होते है

निष्कर्ष – आप म्यूच्यूअल फण्ड में invest करके ये लाभ ले सकते है और अपनी income को भी बढ़ा सकते है

मुझे उम्मीद है आप सबको म्यूच्यूअल फण्ड सम्बन्धित जानकारी पसंद आयी होगी इससे जुडी और जानकारी हेतु कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है धन्यवाद आपका दिन शुभ हो

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डीएनए हिंदी: म्यूच्यूअल फंड का एक बड़ा फंडा यह है कि कोई व्यक्ति जितनी जल्दी लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करना शुरू करता है उतना ही वह धन सृजन में मदद करता है. इसमें लंबी अवधि में कंपाउंडिंग के जबरदस्त फायदे हैं. इसलिए अपना निवेश शुरू करने में 2-5 साल की देरी से आपके अनुमानित फंड को लाखों रुपये का नुकसान हो सकता है. डिजिटल इंडिया के इस युग में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश शुरू करना काफी आसान है. आज के समय में कई ऐसे ऑनलाइन सेबी (SEBI) पंजीकृत प्लेटफॉर्म हैं जिनके ऐप के जरिए आप कुछ ही मिनटों में केवाईसी (KYC) पूरा करके निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें सिर्फ 100 रुपये मासिक से निवेश शुरू किया जा सकता है.

एक उदाहरण के साथ जल्दी निवेश करने के लाभों को समझें

आहान और अस्मिता (काल्पनिक नाम) दोनों कॉलेज के दोस्त हैं. दोनों एसआईपी में निवेश करते हैं. अंतर यह है कि आर्य ने 20 साल की उम्र से 1,000 रुपये का मासिक एसआईपी (SIP) शुरू किया था. वहीं यश ने 25 साल की उम्र में यह फैसला लिया था. हालांकि दोनों अब लंबी अवधि के नजरिए से 1,000 रुपये मासिक निवेश करते हैं. उन्होंने इस निवेश को 50 साल की उम्र तक जारी रखने का फैसला किया है.

अब गणना पर गौर करें

लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश जारी रखने से सालाना औसत रिटर्न 12 फीसदी रहा है. SIP कैलकुलेटर के मुताबिक यदि म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा आहान का 1,000 का मासिक SIP 50 वर्ष की आयु तक यानी अगले 30 वर्षों तक जारी रहता है और सालाना 12 प्रतिशत रिटर्न देता है तो उसका अनुमानित फंड 35.29 लाख रुपये होगा. इसमें आर्य का कुल निवेश 3.6 लाख रुपये और अनुमानित धन लाभ 31.7 लाख रुपये होगा.

दूसरी तरफ, अगर अस्मिता का 1,000 रुपये का एसआईपी भी 50 साल तक चलता है तो उसकी अनुमानित राशि 12 फीसदी सालाना के औसत रिटर्न पर करीब 19 लाख रुपये होगी. इसमें यश का कुल निवेश 3 लाख और अनुमानित संपत्ति लाभ 16 लाख रुपये है. यानी यश का अनुमानित फंड आर्य से करीब 16.29 लाख रुपए कम है. ऐसा इसलिए क्योंकि यश ने 5 साल बाद निवेश करना शुरू किया था. जबकि दोनों की कुल निवेश राशि में मात्र 60 हजार रुपये का अंतर है.


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म्यूच्यूअल फण्ड क्या हैं, (what is mutual funds)

म्यूच्यूअल फण्ड क्या हैं: आपने म्यूच्यूअल फंड का नाम तो सुना ही होगा और इससे जुड़ी आपको बहुत सारी अफवाहें भी बताई गयी होंगी जैसे म्युचुअल फंड में कितना खतरा होता है म्यूचुअल फंड में पैसा डूब जाता है म्युचुअल फंड मैं पैसा जमा करने से आपको बहुत सारी परेशानी हो सकती है इस तरह की बहुत सारी अफवाहें मार्केट में फैलती रहती म्युचुअल फंड को लेकर लेकिन असल में Mutual Funds क्या होता है आज हम आपके लिए मुचल फंड के ऊपर एक बेहतरीन आर्टिकल लाए हैं जिसमें हम आपको बताएंगे म्यूच्यूअल फंड क्या होता है इसमें पैसा किस तरह से निवेश किया जाता है फण्ड को कौन मैनेज करता है, सभी सवालों के जवाब हम आपको देने का पूरा प्रयास करेंगे, तो आइये जानते हैं कि म्यूच्यूअल फंड क्या है।

Mutual Funds क्या है?

म्यूचुअल फंड में कई सारे निवेशक अपना पैसा लगाते हैं जिन पैसों को फंड के रूप में बाजार के अंदर लगाया जाता है म्यूच्यूअल फंड ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी एएमसी AMC के द्वारा मैनेज किया जाता है और हर एमसी में कई प्रकार के म्यूच्यूअल फंड स्कीम होती है। लेकिन क्या Mutual fund मे निवेश करना सही है? आपने म्यूच्यूअल फंड को लेकर इसके बारे में बहुत सारी अफवाहें तो सुनी होंगी तो आइये जानते हैं कि आखिर में म्यूचुअल फंड से आपको क्या लाभ हो सकता है म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना क्यों सही है:

mutual funds kya hai

आप जिस फंड में निवेश करते हैं उसमें किसी एक क्षेत्र में पैसा नहीं लगाया जाता है बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में उसका पैसा लगाया जाता था कि अगर किसी एक क्षेत्र को नुकसान हो तो आप दूसरे क्षेत्र में लाभ कमा सकते हैं। आप म्यूचुअल फंड किसी भी दिन खरीद या बेच सकते हैं जबकि इसके अलावा अगर आप कहीं और निवेश करना चाहे तो रविवार को छुट्टी रहती है इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक लाभ यह भी है की आप इसे किसी भी दिन खरीदे बेंच सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से एक्सपेंस रेशों आपके निवेश के 1.5 से 2.5 परसेंट तक होता है अब आप सोच रहे होंगे कि एक्सपेंस रेशों क्या होता है तो आइए जानते हैं एक्सपेंस रेशों क्या होता है एक्सपेंस रेशों वह फीस होती है जिसे आप एएमसी को अपना फंड निवेश करने के लिए देते हैं यह इसलिए भी कम होती है क्योंकि इसमें निवेश करने वालों की संख्या अधिक होती है।

म्यूच्यूअल फंड सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) द्वारा चलाए जाते हैं और उनके नेट ऐसेट वैल्यू यानी NAV की घोषणा हर रोज की जाती है उनके पोर्टफोलियो की घोषणा भी प्रतिमाह की जाती है और इन सब की जानकारी जनता को दी जाती है।

Fund कैसे चनें

आपको अपना फण्ड आपके जोखिम लेने के आधार पर चुना जाएगा अगर आप अधिक जोखिम लेने के लिए तैयार हैं तो इक्विटी फंड चुने अगर आप चाहते हैं कि अधिक जोखिम ना लेना पड़े तो आप हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं इक्विटी फंड में उसकी समय सीमा 5 वर्ष की होती है आप चाहते हैं कि आपको बिल्कुल कम जोखिम लेना पड़े तो आप डेट फंड में निवेश कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे आप तीनों में से किसी भी फण्ड को चुने आपको थोड़ा बहुत जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा।

निवेश कैसे करें

अगर आपने म्यूचुअल फंड में पैसा निवेश करने का मन बना लिया है तो इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी केवाईसी (KYC) करानी होगी केवाईसी आपकी पहचान के लिए की जाती है जिसमें आपका आधार कार्ड पैन कार्ड आदि शामिल होते हैं आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों प्रकार से अपना केवाईसी करा सकते हैं इसलिए अगर आप mutual फण्ड में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी केवाईसी कंप्लीट करें।

योग्यता

म्यूच्यूअल फंड की खासियत है कि अगर आप भारतीय है या फिर NRI हैं दोनों ही लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं इसमें आपकी आयु कम से कम 18 वर्ष की होने चाहिए लेकिन अगर आप अपने बच्चे का या फिर जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है तो उसमें आप अपनी जानकारी दे सकते हैं और जैसे ही वह 18 वर्ष का हो जाएगा तो आप फिर मैनेज कर सकते हैं म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको कम से कम ₹500 की आवश्यकता होती है इससे आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने की शुरुआत कर सकते हैं।

Mutual Funds से पैसे कैसे कमाएं

म्यूचुअल फंड में अगर निवेशक एक निर्धारित समय के लिए निवेश करता है तो उसे समय के साथ स्कीम में लाभ होता है यह ज्यादातर वह निवेशक करते हैं जो लाभ भी कमाना चाहते हैं और अपने निवेश को भी बरकरार रखना चाहते हैं, और दूसरा तरीका है ग्रोथ ग्रोथ के माध्यम से पैसा कमाते हैं होता यह है कि निवेश कुछ यूनिट या शेयर खरीद कर अपने पास रखता है उन शेयर का मूल्य समय के साथ साथ घटता है या फिर बढ़ता है अगर बढ़ता है तो आपको उसका लाभ जरूर होगा अगर घटता है तो आपको उसका लाभ नहीं मिलेगा तो यह भी कह सकते हैं कि दूसरा तरीका जो ग्रोथ का है इसमें आपको ग्रोथ की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है लेकिन 2018 के बाद टैक्स बचाने के लिए ग्रोथ मैं निवेश करना आपके लिए ज्यादा बेहतर हो गया है।

mutual funds se paise kaise kamaye

ज़्यादा इंतज़ार ना करें

अक्सर ऐसा होता कि कई लोग आपको सलाह देते हैं कि म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के लिए सही समय का इंतजार करें लेकिन होता यह है कि इसका कुछ पता नहीं है कि इन्वेस्टमेंट का सही समय क्या होगा इसलिए आप इंतजार करने से बेहतर थोड़ा जोखिम लें और इन्वेस्ट कर दें।

Mutual Fund कब बेंच सकते हैँ

ज्यादातर म्यूच्यूअल फंड ओपन एंडेड होते हैं जिसे आप कभी भी बेंच सकते हैं अमूमन क्लोज एंड स्कीम की 3 से 4 वर्ष की लॉक इन समय अवधि होती है इसके बाद आप समय अवधि को बढ़ा नहीं सकते हैँ mutual fund मे एक और स्कीम होती है जिसमे mutual fund कुछ समय के लिए लोक – इन हो जाते हैँ, लेकिन इसके बाद म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा ओपन एंडेड हो जाते हैँ उदाहरण की बात करें तो टैक्स सेविंग की समय सीमा 3 साल की होती है इसके बाद आप कभी भी आप यह fund किसी को भी बेंच सकते हैँ।

ओपन एंडेड फण्ड: ओपन एंडेड फंड एसे फंड होते हैं जिनमें आप कभी भी निवेश कर सकते हैं और कभी भी उन्हें किसी को भी बेंच सकते हैँ इन्हे ही ओपन एंडेड फंड कहा जाता है।

क्लोज एंडेड फण्ड: क्लोज एंडेड फण्ड को आप कभी भी बेंच नहीं सकते हैँ यह केवल AMC न्यू फण्ड ऑफर (NFO)के दौरान ही खरीदा जा सकता है।

Mutual फण्ड के नुकसान

म्यूचल फंड के नुकसानो बात की जाए तो इसमें पहला नुकसान यही है कि अगर आप सही फंड का चुनाव नहीं कर पाते हैं तो तब भी आपको नुकसान हो सकता है इसलिए नुकसान के बचने के लिए जरूरी है कि अपने फण्ड का चुनाव सही करें।

म्यूच्यूअल फंड का दूसरा नुकसान यह है कि जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है तो आपको उसमें लाभ और नुकसान दोनों हो सकता है बिलकुल सेफ रहना चाहते हैं तो आप डेट फंड मैं निवेश कर सकते हैं हालांकि नुकसान का चांसेस उस में भी रहेगा लेकिन बहुत कम रहेगा।

जब आप म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं तो वह आपका पैसा फंड मैनेजर के पास जाता है तो ऐसा फंड मैनेजर चुने जिसकी परफॉर्मेंस अच्छी हो अगर आपको कोई ऐसा फंड मैनेजर मिल जाता जिसकी परफॉरमेंस अच्छी नहीं है तो आपका पैसा डूब सकता है क्योंकि फंड मैनेजर के हाथ में ही होता है कि आपके पैसे को कैसे ज्यादा करेगा या आपको नुकसान में डालेगा इसलिए फंड मैनेजर का चुनाव सही से करें।

अंतिम शब्द

तो आज हमने आपको बताया कि अगर आप भी mutual फंड में निवेश करना चाहते हैं और आपको उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो हमने आपको हर छोटी से बड़ी जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है हमने आपको बताया कि म्यूच्यूअल फंड क्या होता है इसमें इन्वेस्ट किस तरह से किया जाता है आपका पैसा कैसे डूबता है और कैसे बढ़ता है आप कैसे पैसा कमाते हैं और इसमें आपको क्या क्या नुकसान हो सकते हैं इन सभी बातों का हमने जिक्र इस आर्टिकल में किया है आपको हमारा आर्टिकल कैसा लगा आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और अगर आपके मन में अब भी कोई सवाल रह जाता है इस विषय से संबंधित तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में ही अपने सवाल पूछ सकते हैं हम आपको जवाब जरूर देंगे और आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे बाकी म्यूच्यूअल फंड में थोड़ा बहुत जोखिम तो है ही इसलिए अगर आप इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो बहुत ध्यान से इन्वेस्ट करें और हर चीज को अच्छे से जांच लें इससे आपको काफी मदद मिलेगी और आप कम जोखिम ले पाएंगे।

म्यूचुअल फ़ंड: महिलाएं छोटे-छोटे निवेश से कर सकती हैं बड़ी कमाई

महिला

वो भी अपनी छोटी-छोटी बचत को बैंक में रखकर, कमिटी में डालकर या घर में ही जमा करके उसे एक बड़ी रकम बनाना चाहती हैं ताकि वो आगे चलकर उनके काम आ सके.

इस तरह उन्हें अपने हाथ में आर्थिक ताकत का भी अनुभव होता. वो अपने ऊपर खर्च कर म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा सकती हैं या मुश्किल वक़्त में परिवार के लिए ढाल बन सकती हैं.

इन्हीं छोटी-छोटी बचतों को निवेश करने का एक और बेहतर तरीका है जिसे म्यूचुअल फंड कहते हैं.

जिस तरह हर महीने एक तय रकम आप कमिटी में डालती हैं उसी तरह म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के ज़रिए एक तय रकम निवेश कर सकती हैं जो आपको और बेहतर नतीजे देता है.

आपको विज्ञापनों को देखकर ऐसा लग सकता है जैसे कि म्यूचुअल फंड उन्हीं के लिए है जिनके पास बहुत बड़ी बचत होती है और जो मार्केट की जानकारी रखते हैं.

लेकिन, ऐसा नहीं है. अगर आप इसे अच्छी तरह समझ लें तो इसे भी निवेश के एक विकल्प के तौर पर देख सकती हैं. इसलिए आइए म्यूचुअल फंड और एसआईपी को और बेहतर तरीके से समझने की कोशिश करते हैं.

क्या है म्यूचुअल फंड

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दो देश,दो शख़्सियतें और ढेर सारी बातें. आज़ादी और बँटवारे के 75 साल. सीमा पार संवाद.

म्यूचुअल फंड में दिन, महीने या साल के आधार पर कुछ पैसे निवेश करने के लिए डालते हैं.

उन पैसों को म्यूचुअल फंड बेचने वाली कंपनियां अलग-अलग जगह निवेश करती हैं और फिर जो रिटर्न आता है वो आपको देती हैं. अगर आपने ब्याज वाली स्कीम में निवेश किया है तो आपको ब्याज भी मिलता है.

लेकिन, आपके पैसे को व्यक्तिगत तौर पर निवेश नहीं किया जाता. इसका एक साझा फंड बनाया जाता है.

म्यूचुअल फंड में निवेश करनी वाली कंपनियों को ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) कहते हैं.

एएमसी कई निवेशकों के फंड को मिलाकर एक साझा फंड बनाती हैं. इसमें एक जैसी ज़रूरत और रुचि रखने वाले निवेशकों के पैसे को एकसाथ रखकर अलग-अलग निवेश किया जाता है. इस फंड को एक फंड मैनेजर संभालता है. आपके बताए अनुसार वह फंड को निवेश करता है.

जैसे एक निवेशक के पास 500 रुपये हैं, दूसरे के पास पांच लाख और तीसरे के पास पांच करोड़ रुपये हैं और तीनों ही एक तरह का निवेश करना चाहते हैं. ऐसे में फंड मैनेजर इस पूरे पैसे को एक साथ अलग-अलग जगह निवेश कर देता है.

लेकिन, इससे मिलने वाला रिटर्न व्यक्तिगत तौर पर दिया जाता है. इसमें पैसों के बदले पैसा ही मिलता है कोई इंश्योरेंस, मेडिक्लेम या कुछ और नहीं.

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अगर आपके पास निवेश करने के लिए एक हज़ार रुपये हैं तो आप म्यूचुअल फंड कंपनी से संपर्क करेंगे और उस पैसे को म्यूचुअल फंड में लगाएंगे.

म्यूचुअल फंड में कई तरह से निवेश होता है. आप अपनी ज़रूरत के अनुसार स्कीम चुन सकते हैं. अगर आपको जानकारी नहीं है तो म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर की मदद भी ले सकते हैं.

इसमें एनएवी सिस्टम के तहत रिटर्न मिलता है. कंपनियां उस दिन के जो ख़र्चे हैं उसको काटकर एनएवी घोषित करती हैं और आपको पैसे देती हैं.

बहुत छोटी शुरुआत

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए किसी बड़ी रकम की ज़रूरत नहीं है. आप 500 रुपये से भी शुरुआत कर सकते हैं.

जैसे कमिटी में एक-दो हज़ार रुपये देते हैं. वैसे ही यहां भी पैसा निवेश कर सकती हैं. वो हर दिन, हर महीने, तिमाही, छमाही, साल में एक बार म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा या जीवन में एक बार भी म्यूचुअल फंड में पैसा जमा कर सकती हैं.

आरडी इंवेस्टमेंट के डायरेक्टर राजेश रोशन कहते हैं, “अमूमन घरेलू या कम वेतन वाली महिलाएं छोटी-छोटी बचत कर पाती हैं. कमिटी में 12 महीने एक हज़ार रुपये देने पर भी आपको 12 हज़ार ही मिलते हैं. पैसा बढ़कर नहीं मिलता. जबकि म्यूचुअल फंड में पैसे पर ब्याज भी मिल सकता है.”

“वहीं, अगर बोली वाली कमिटी है तो जो पैसा बोली के बाद हर महीने की कमिटी से बचता है उसे भी म्यूचुअल फंड में लगा सकते हैं. इस तरह म्यूचुअल फंड उसी बचत को और बढ़ा देता है. इसमें सेविंग बैंक अकाउंट से भी बेहतर रिटर्न मिलते हैं.”

राजेश रोशन कहते हैं कि ये सिर्फ़ घरेलू महिलाओं के लिए ही नहीं है बल्कि कामकाजी महिलाएं भी इसमें दिलचस्पी ले रही हैं. वो अपने पैसे को मैनेज करने के लिए किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहना चाहतीं और डिस्ट्रीब्यूटर व फंड मैनेजर इसमें उनकी मदद करते हैं. महिलाएं अपने रिटायरमेंट के बाद के समय को लेकर भी निवेश कर रही हैं.

कैसे सुधरेगी भारत की अर्थव्यवस्था?

वहीं, चार्टर्ड अकाउंटेंट रचना रानाडे कहती हैं, “आप कब तक एक ही तरह के साधनों में निवेश कर सकते हैं. जैसे एफडी में जितनी ब्याज दर मिलती है उतनी दर से महंगाई भी बढ़ जाती है तो आपका फायदा क्या हुआ. लेकिन, म्यूचुअल फंड इससे ज़्यादा रिटर्न देता है. हालांकि, इसमें जितना लाभ, उतना जोखिम, को भी ध्यान में रखकर निवेश करना चाहिए.”

म्यूचुअल फंड कंपनियों भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक ही काम करती हैं. ये सभी कंपनियां प्राइवेट होती हैं.

म्यूचुअल फंड मुख्यता तीन तरह के होते हैं यानी एसेट के आधार पर बने इन तीन प्रकारों में आप पैसा निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड एजेंट कमीशन संरचना

म्यूचुअल फंड एजेंटों द्वारा अर्जित कमीशन की विभिन्न दरों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। ग्राहकों को इसके बारे में पूछने और एजेंटों को सलाह देने का अधिकार है, उनके पास उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है क्योंकि वे एजेंटों के निवेश से पैसा कमाते हैं। उस मामले के लिए, यदि आप म्यूचुअल फंड निवेश के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप हमें Finbucket.com पर जा सकते हैं

म्यूचुअल फंड एजेंट के कमीशन में 4 भाग शामिल हैं: क्लाइंट से एक कमीशन, अपफ्रंट कमीशन, ट्रेल कमीशन और एक बार का ट्रांजेक्शन चार्ज।

ग्राहक से कमीशन:

एजेंट अपनी सेवाओं को प्रदान करने के लिए एक ग्राहक से कमीशन लेता है और यह राशि आम तौर पर 5% से 2% निवेश है। ग्राहक अपने एजेंट द्वारा प्रदान की जाने वाली सलाह की गुणवत्ता पर इस आयोग के मूल्य पर बातचीत कर सकता है। यह एक आवर्ती आयोग है और एजेंट को हर बार ग्राहक के निवेश पर कमीशन मिलता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति हर महीने 10,0000 रुपये का निवेश करता है और उसके एजेंट का कमीशन 1% है, तो एजेंट को ग्राहक से कमीशन के हिस्से के रूप में हर महीने 1000 रुपये मिलते हैं।

अग्रिम आयोग:

ये कमीशन एजेंट पहले साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों / एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से प्राप्त करते हैं और यह म्यूचुअल फंड के कुल खर्च में शामिल होता है। आप इस खर्च की गर्मी को महसूस नहीं करेंगे लेकिन परोक्ष रूप से आप इसके लिए भुगतान कर रहे हैं। जब भी आप नया निवेश करेंगे तो आपका आपसी एजेंट इसे प्राप्त करेगा। यह कमीशन एक कंपनी से दूसरी कंपनी में और उत्पाद से उत्पाद में भिन्न होता है, ईएलएसएस फंड्स में उच्च (लगभग 4.5% से 1%), इक्विटी स्कीम (लगभग 0.5% से 2.5%), और डेट फंड में कम (लगभग 0.2% से 0.8%) ) है।

ट्रेल कमीशन:

यह कमीशन आमतौर पर निवेशकों द्वारा अनदेखा किया जाता है लेकिन क्या यह म्यूचुअल फंड एजेंट के कमीशन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह म्यूचुअल फंड एजेंटों के लिए कमाई का प्राथमिक स्रोत है । यह कमीशन संरचना म्यूचुअल फंड कंपनियों और उत्पादों के आधार पर 0.5% से लेकर 1% तक है। प्रबंधन के तहत यह आपके कुल निवल संपत्ति से भुगतान किया जाता है। यह आपके एजेंटों को भुगतान किया जाएगा भले ही आप निवेश न करें लेकिन यदि आपका निवेश बिना निकासी के रहा।

मान लीजिए कि इस योजना के तहत लगभग 100 निवेशक हैं और उन सभी के पास जिनके पास प्रबंधन के तहत संपत्ति है, लगभग 5 करोड़ रुपये है और ट्रेल कमीशन 0.5% है, कंपनी एक एजेंट को सालाना 25,0000 रुपये का भुगतान करेगी, जो राशि से आ रही है निवेशक का पैसा।

यदि अगले साल खराब बाजार की स्थिति के कारण या कुछ ग्राहकों के कारण जिन्होंने अपना पैसा वापस ले लिया है, तो उसके तहत कुल संपत्ति रु .२५ करोड़ तक कम हो जाती है, तो उस वर्ष उन्हें १,२५,००० रुपये प्राप्त होंगे। लेकिन एक ही समय में मौजूदा ग्राहकों द्वारा अतिरिक्त निवेश के कारण, यह रु। 10 करोड़ तक बढ़ गया है, तो उसके अगले साल का कमीशन रु। 5,00,000 होगा।

यह ट्रायल कमीशन संरचना वास्तव में निवेशकों को अच्छे फंड चयन देकर उनकी रक्षा करने के इरादे से बनाई गई है। अगर एजेंटों की सलाह अच्छी साबित होगी और निवेशकों का पैसा बढ़ेगा तो एजेंटों और निवेशकों दोनों को लाभ मिलेगा अन्यथा दोनों ढीले हो जाएंगे।

एक बार लेनदेन शुल्क:

यह मौजूदा निवेशकों के लिए 100 रुपये और म्यूचुअल फंड के नए निवेशकों के लिए 150 रुपये के रूप में तय किया गया है। यह लागत निवेशित राशि के निवेशकों से काटी जाएगी। निवेशक इस लागत की उपेक्षा कर सकता है क्योंकि यह अधिक नहीं है। यह निवेशक के खाते से या तो एक बार में कटौती की जाती है यदि निवेशक ने एकमुश्त 25 रुपये प्रति माह का निवेश किया है यदि आपने एसआईपी के माध्यम से निवेश किया है।

म्यूचुअल फंड एजेंट की कमाई के उदाहरण के लिए, अपफ्रंट को 0.5% और ट्रायल को 0.5% मानें। लेकिन शुल्क को छोड़कर, वे अभी चार्ज करते हैं। साथ ही, 12% की वृद्धि के साथ इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश को ध्यान में रखा।

इसलिए म्यूचुअल फंड एजेंट की आय इस प्रकार होगी:

वर्ष की संख्या निवेश प्रबंध 12 % के तहत कुल संपत्ति अग्रिम आयोग परीक्षण आयोग कुल कमीशन
1 है 1,00,000 रु NIL 500 रु NIL 500 रु
1,00,000 रु 1,12,000 रु 500 रु Rs.560 Rs.1,060
1,00,000 रु Rs.2,37,440 500 रु १,१ Rs7 रु Rs.1,687
1,00,000 रु Rs.3,77,932 500 रु १,99 ९ रु रु। 2,389
1,00,000 रु Rs.5,35,284 500 रु Rs.2,676 Rs.3,176
1,00,000 रु 7,11,518 रु 500 रु Rs.3,557 4,057 रु
1,00,000 रु 9,08,901 रु 500 रु Rs.4,544 Rs.5,044
1,00,000 रु 11,29,969 रु 500 रु Rs.5,649 Rs.6,149
1,00,000 रु Rs.13,77,565 500 रु Rs.6,887 7,387 रु
१० 1,00,000 रु Rs.16,54,873 500 रु 8,274 रु 8,774 रु
1 1 1,00,000 रु Rs.19,65,548 500 रु 9,827 रु 10,327 रु
१२ 1,00,000 रु Rs.23,13,313 500 रु 11,566 रु 12,066 रु
१३ 1,00,000 रु Rs.27,02,910 500 रु Rs.13,514 Rs.14,014
१४ 1,00,000 रु Rs.31,39,260 500 रु 15,696 रु Rs.16,196
१५ 1,00,000 रु Rs.36,27,971 500 रु Rs.18,139 19,639 रु

म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर की कुल कमाई रु। 1,10,972 है

उपरोक्त तालिका से आप देख सकते हैं कि म्यूचुअल फंड एजेंट की कमाई शुरुआत में कम है लेकिन AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बढ़ता है।
आशा है कि यह आपके लिए उपयोगी है

By Pulkit Jain | 2021-01-30T11:28:19+00:00 January 30th, 2021 | Mutual Funds | Comments Off on म्यूचुअल फंड एजेंट कमीशन संरचना

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